Women Reservation Bill 2023: दोस्तों आज के सभी न्यूज पेपर में ,,पहले ही पन्ने पर ,,आपको एक ही टॉपिक की अलग अलग हेडलाइन्स देखने को मिली होगी ,,जैसे की ये अमर उजाला की ,,हेड्लाइन ,,पहले ही दिन रचा इतिहास महिला आरक्षण बिल ,,nbt की ,,नारी शक्ति के वंदन को बढ़े कदम ,,जागरण की ,,नए संसद भवन में ,,नारी शक्ति वंदन ,,और जनसत्ता की ,,नारी शक्ति वंदन के साथ प्रवेश ,,कुल मिलाकर दोस्तों महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है ,,मुझे लगता है पीएम मोदी का फेका हुआ ,,प्रो जुमला सफल रहा है ,,सायद कल से जो अख़बार आएगा ,,उसमें हेडलाइन दस साल आगे की होगी।, जैसे 2029 में महिला आरक्षण लागू। ,,2047 में बेरोज़गारी ख़त्म। ,,2023 के लिए हेडलाइन की कमी का,, यह मास्टर स्ट्रोक समाधान है।
PM Modi ने चुनाव से पहले फेंका एक और जुमला
दोस्तों यह बिल पेश जरुर हुआ ,,लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ,,जी हाँ ,,आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों ,,क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। ,,और जनगणना , 2021 में ही होनी थी, ,,जोकि आज तक नहीं हो पाई। ,,आगे यह जनगणना कब होगी,, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। ,,सूत्रों मे कही 2027 तो,,,कही 2028 की बात कही गई है। ,,इस जनगणना के बाद ही परिसीमन ,,यानि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा,, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा।, मतलब साफ है दोस्तों की , PM मोदी ने चुनाव से पहले ,,एक और जुमला फेंका है ,,और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है।
दोस्तों यह बिल पेश जरुर हुआ ,,लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ,,जी हाँ ,,आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों ,,क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। ,,और जनगणना , 2021 में ही होनी थी, ,,जोकि आज तक नहीं हो पाई। ,,आगे यह जनगणना कब होगी,, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। ,,सूत्रों मे कही 2027 तो,,,कही 2028 की बात कही गई है। ,,इस जनगणना के बाद ही परिसीमन ,,यानि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा,, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा।, मतलब साफ है दोस्तों की , PM मोदी ने चुनाव से पहले ,,एक और जुमला फेंका है ,,और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है।
किसको मिलेगा इस बिल से फायदा?
दोस्तों ये सवाल इसलीय उठ रहा है क्योंकि ,,जो आकडे है ,,वो हैरान कर देते है ,,वर्तमान में जो भी महिला सांसद हैं ,,वो किसी मिडल क्लास familyसे नहीं है ,,आइए आपको पूरे आकड़ों से रूबरू कराते है ,,लोकसभा में अभी 78 महिला सांसद हैं,, लेकिन इनमें से 32 सांसद ,,या तो नेताओं की पत्नी हैं,, या नेता की बेटी ,. राज्यसभा में भी नेताओं के परिवार का दबदबा है., पश्चिम बंगाल से सबसे अधिक महिला सांसद हैं,, लेकिन वहां फिल्म अभिनेत्रियों का दबदबा है. ,,2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश से 11 महिला जीतकर लोकसभा पहुंचीं., .,,बिहार में तीन महिला सांसद है , और तीनों नेताओं की पत्नी,,,झारखंड से दो महिला सांसद है , दोनों सांसद विरासत संभाल रही,,,महाराष्ट्र से 8 सांसद महिला हैं. ,,इनमें 4 नेताओं की बेटी और 2 नेताओं की बहुएं हैं. ,,मध्य प्रदेश , राजस्थान ,,तमिलनाडु,,,मेघालय ,,पंजाब और छत्तीसगढ़ महिला सांसद को , राजनीति विरासत में मिली है. ,,बंगाल से 11 महिला सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचीं,, जिसमें से 4 सांसद फिल्मी बैकग्राउंड से हैं.,,इतना ही नहीं,, यूपी के मथुरा सीट से,, हेमा मालिनी और चंडीगढ़ सीट से ,,सांसद किरण खेर ,,की भी,, एंट्री फिल्मी दुनिया से ही हुई है.,
दोस्तों BJP चाहे किसी को भी चुनाव मे,, टिकट देकर उम्मीदवार बना दे फर्क नहीं पड़ता.,. लोकसभा मे BJP का वोटर सिर्फ मोदी के नाम पर वोट डालता है.,. फिर चाहे वो कंगना रनौत को ही चुनाव में उतार दे,,.. सनी देवल और गौतम गंभीर कौन से नेता थे?, दोनों मोदी के नाम पर ही चुनाव जीते थे,,
बीजेपी की 10 राज्यों में सरकार
दोस्तों महिला आरक्षण बिल का ,,बीजेपी के साथ ही ,,कांग्रेस ने भी खुलकर समर्थन किया है,, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि,, दोनों पार्टियों की ओर से शीर्ष पद पर ,,महिलाओं को ज्यादा तवज्जों नहीं दी गई है. ,,देश में बीजेपी की 10 राज्यों में सरकार है,, लेकिन एक भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं हैं., इसी तरह देश में,, कांग्रेस की सत्ता 4 राज्यों में है,,. आम आदमी पार्टी की भी 2 राज्य में सरकार है,, लेकिन पार्टी ने किसी भी राज्य में महिला को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है.,
मोदी ने लोलिपॉप दे दिया – आतिशी
दोस्तों जैसे ही ,,इस बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिली , लगभग सत्ता पक्ष ओर विपक्ष ,,इससे सहमत थे ,,और जब ये बिल लोकसभा में पेश हुआ ,,तो लोगों ने कहा ,,ये तो मोदी ने लोलिपॉप दे दिया है
आम आदमी पार्टी की मंत्री ,,आतिशी ने कहा ,,मोदी सरकार का चुनावी लॉलीपॉप है ,”महिला बेवकूफ बनाओ बिल”
,,काँग्रेस की तरफ से ,,Supriya Shrinate,,ने कहा की ,,मोदी जी ने अपने जुमलों से, इस देश की महिलाओं को भी नहीं बख़्शा.,,
Srinivas BV कह रहे है की , ये तो Jumla Pro Max है???
ओर rajeevranjan कह रहे है की ,,महिला आरक्षण 2029 के चुनाव में लागू होगा,,,तो क्यों विशेष सत्र इतनी इमरजेन्सी में बुलाया गया
दोस्तों ये बिल पेश हुए अभी 48 घंटे भी नहीं हुए हैं ,,कि तस्वीर बदल गई है., अब विपक्षी पार्टियों ने महिला आरक्षण बिल के विरोध का ,,रास्ता खोज लिया है. 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन तक ,,जो कांग्रेस सरकार से महिला आरक्षण बिल लाने की मांग कर रही थी,, राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक,, जिस बिल के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे थे,, लोकसभा में कांग्रेस के फ्लोर लीडर,, अधीर रंजन चौधरी जिस बिल की क्रेडिट ले रहे थे., उस कांग्रेस के सुर अब बदल गए हैं,,. सपा आरजेडी, और जेडीयू के साथ कांग्रेस भी ,,अब इस बिल के विरोध में आ गई है.,,और यहा पर इस बिल का विरोध बस इसलिए है ,,की ये बिल 2024 में लागू नहीं होगा,,,तो क्यों लाया गया अब ये बिल ,,बस एक यही मुद्दा है ,
दोस्तों इस बिल से जुड़ी जो समस्या है ,,वो हम पहले ही बता चुके है ,,कही ये बिल कानून बन भी गया तो ,,कहीं सारे बड़े नेताओं की पत्नियाँ और परिवार की सदस्य ही ,,सारी टिकट ना ले लें।,,क्योंकि पंचायतों में महिलाओं के आरक्षण के बाद भी,, यही हुआ था। ,,सरपंचों की पत्नियाँ ही सरपंच बनने लगीं।,,और अब जो महिला सांसद है ,,उनका इतिहास तो हम आपको बता ही चुके है ,,कोई राजनीतिक परिवार से आती है ,,तो कोई अभिनेत्री है ,,ये सब देख कर ही लगता है दोस्तों ,,की आम महिला को लोकतंत्र के इस मंदिर में,, मौका कभी मिलेगा ही नहीं शायद ,,अगर पार्टियाँ ऐसी महिलाओं को टिकट दें ,,जो बड़े राजनीतिक ख़ानदान से नहीं आतीं।,,तो शायद किसी ओर को मौका मिल सकता है ,,आपकी मोदी जी के इस जुमले पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ