Dheeraj Sahu IT Raids: Dhiraj Sahu के ठिकानों से 351 Crore Cash बरामद
Dheeraj Sahu IT Raids: दोस्तों भ्रष्टाचार और काले धन को जड़ से समाप्त करने के लिए,, भारत में नोटबंदी की गई थी. मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया था. नोटबंदी के बाद देश की बड़ी आबादी कतार में लग गई थी. बीजेपी ने दावा किया कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार काले धन पर लगाम लगेगी. लेकिन बीजेपी की नोटबंदी योजना फर्जी निकली. जब नोट से भरे आलमारी का वीडियो सामने आया तो सबलोग हैरान रह गए।
कांग्रेस सांसद धीरज साहू (Dhiraj Sahu) के परिसरों में पड़ी आयकर विभाग की छापेमारी में अभी तक 351 करोड़ रुपये की नकदी (Cash) (351 Crore Cash) बरामद हो गई है. दोस्तों इतना cash है की नोट गिनते गिनते इंसान नहीं मशीनें भी थक गई है इतना cash की मशीन खराब हो गई है यह देश में किसी एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक की सबसे अधिक नकदी जब्ती है. अगर एक कांग्रेसी सांसद के पास 300 करोड़ से ज्यादा की नगदी पकड़ी गई तो बाकी सभी कांग्रेस सांसदों के पास कितनी नकदी होगी?
कांग्रेस सांसद को पता ही नहीं ये रिकॉर्ड बन गया!
दोस्तों कांग्रेस ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है कि यह साहू का निजी मामला है पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं। लेकिन डायरेक्ट नहीं indirectly ये काँग्रेस से जुड़ा है कांग्रेस ने उनको तीन बार राज्यसभा भेजा। आखिर किस वजह से धीरज साहू को काँग्रेस में रखा हुआ है धीरज साहू कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी दोस्ता हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल गांधी ने अब तक इस पर कुछ बोला क्यों नहीं?
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इन रूपयों को गिनने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और विभिन्न बैंकों की लगभग 80 लोगों की टीम काम रही थी. जब्त नकद की गिनती में 5 दिन लगे हैं. PTI ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि एक ही एक्शन में अभी तक इतना ज्यादा पैसा,, देश की किसी भी जांच एजेंसी को नहीं मिला था.
दरअसल, बीते 6 दिसंबर से ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड उसके प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ छापेमारी चल रही है. बताया जा रहा है कि इस कंपनी का मालिकाना हक झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के परिवार के पास है. सांसद के रांची और अन्य जगहों पर स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है. मामले में अभी तक कांग्रेस सांसद और कंपनी का पक्ष सामने नहीं आया है. टैक्स चोरी और बिना किसी रिकॉर्ड के लेन-देन के आरोप में ये छापेमारी की जा रही है.
दोस्तों भारत को विकसित बनाने की बातें करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले नौ वर्षों से क्या किया है? 140 करोड़ लोगों से जीएसटी, पेट्रोल-डीजल को महंगा बना राज्य सरकारों से बेइंतहां शराब बिकवा कर रिकॉर्ड तोड पैसा एकत्र किया। आए दिन खबर आती है कि जीएसटी कलेक्शन ने रिकॉर्ड तोड़ा! लेकिन बारीकी से सोचें, पैसों का इतना भारी कलेक्शन किससे? उन गरीब लोगों से जो पचास रुपए का फोन रिचार्ज कराएं या सिलेंडर खरीदें या मोटरसाइकिल में पेट्रोल भराएं सब अपनी खाली जेब से भी जीएसटी देते है और कारोबारी tax ही नहीं देते क्या बात है
एजेंसी के अनुसार, छापेमारी के दौरान एजेंसी को कैश से भरी 10 अलमारियां मिलीं. इसके बाद 200 अधिकारियों की एक और टीम को काम पर लगाया गया. इसमें सिक्योरिटी स्टाफ ड्राइवर और अन्य कर्मचारी शामिल थे. इन पैसों को ओडिशा की विभिन्न बैंक शाखाओं में जमा करने के लिए लगभग 200 बैग और ट्रंक मंगाए गए थे. डिपार्टमेंट के मुताबिक, ये पैसे बिजनेस ग्रुप इसके डिस्ट्रीब्यूटर और अन्य लोगों द्वारा देशी शराब बेचकर जमा किए गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के मुख्य प्रमोटर को अपना बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किया जाएगा
क्या होता है घर में मिले बेहिसाब कैश का?
दोस्तों धीरज साहू की जब बेइंतहां कमाई है, तो उसने टैक्स दे कर कमाई को व्हाइट क्यों नहीं रखा? दो ही कारण हो सकते हैं? या तो वह शराब के ठेकों से एक नंबर के साथ दो नंबर यानि फैक्टरियों से अनअकाउंटेड शराब या नकली शराब) बेच कर नकदी बटोर रहा था या फैक्टरी-अफसर-वितरक-विक्रेता सबकी रजामंदी से बिक्री कम दिखा कर काले धन की समानांतर व्यवस्था बनाए हुए था। निःसंदेह धीरज साहू भी सिस्टम से बना हुआ अरबपति है और वह जानता-समझता है कि सरकार उसके विभागों या अफसरों या नेताओं को मैनेज करने के लिए दो नंबर का खजाना बनाए रखना भारत में जीने की अनिवार्यता है।
दोस्तों कोई दो साल पहले कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी का छापा पड़ा था, जिसमें दो सौ करोड़ रुपए की नकदी के साथ कोई चार सौ करोड़ रुपए की जब्ती हुई थी। लेकिन उनकी यह बात मान ली गई थी की उनका वैध पैसा है और वे जीएसटी का जुर्माना भर कर छूट गए थे। लेकिन वैसी राहत धीरज साहू को नहीं मिलेगी। इसका कारण यह है कि जैन के यहां छापे के बाद प्रधानमंत्री ने ट्विट नहीं किया था लेकिन यहा पीएम मोदी ने ट्वीट किया है
पोस्ट करते हुए लिखा- देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के भाषणों को सुनें… जनता से जो लूटा है उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है। कहते हैं की अलमारी में जो पैसा मिला वो लोगों को जो मुफ्त राशन दिया जाता है उसमें जाएगा अच्छी बात है , अगर ऐसा होता है तो लेकिन सवाल ये उठता है जो 14 लाख 56 हजार 226 करोड रुपए ,,बैंकों ने पिछले 9 साल में उद्योगपतियों का माफ किया है , उस पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? कहां वो 14 लाख करोड़ की रकम और कहां ये रकम ?, इतना पैसा अगर सरकार पिछले 9 साल में उद्योगपतियों का माफ कर रही है तो माफ किए गए पैसों पर कारवाई क्यों नहीं होती??
इसी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि यह कांग्रेस सांसद किसका एटीएम है और मोहब्बत की दुकान में यह भ्रष्टाचार कैसे चल रहा है? दोस्तों किसी के घर अगर इतना कैश मिलता है तो उन्हें जवाब देना होगा प्रधानमंत्री भोपाल में भ्रष्टाचार पर गरज रहे थे। 72 घंटे के अंदर जिन पर गरज रहे थे उन पर फूल की वर्षा हो रही थी आज वे उपमुख्यमंत्री हैं। उत्तर पूर्व में एक मुख्यमंत्री हैं आज उन्हें एक लोकप्रिय चेहरा बनाकर घुमा रहे हैं। क्या इस पर कुछ कहेंगी स्मृति ईरानी आपको क्या लगता है काँग्रेस इस मुद्दे पर क्यों चुप है अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ