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Bihar Bridge Collapse: Bihar CM Nitish Kumar के राज मे गिरे इतने पुल ?

Bihar Bridge Collapse: भ्रष्टाचार का बोझ पुल सह नहीं पाया उद्धाटन से पहले ही नदी में समाया पुल ने कर ली खुदकुशी जी हाँ अपनी आहुति देकर पुल ने कई लोगों की जिंदगी बचा ली है बिहार में पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहाएक तरफ सरकार विकास के दावे कर रही है दूसरी और सरकार का विकास भरभरा कर गिर रहा है लगता है बिहार के अधिकारी ,,सरकारी विभाग ,,सरकार,, (Bihar CM Nitish Kumar) बड़े बड़े नेता लोगों ने कसम खाई है की हम बिहार के पूल गिराते रहेंगे और जनता का पैसा पानी मे बहाते रहेंगे आखिर बिहार में ही बार-बार पुल गिरने की घटना क्यों होती है?क्या ‘पुल गिरना एक परंपरा’ बन गया है

बिहार में पुल गिरने की हैट्रिक

हर साल पुल गिरते हैं कहीं छोटे तो कहीं बड़े. कहीं बने हुए पुल और कहीं निर्माणाधीन पुल.बिहार में पुल गिरने की हैट्रिक मे ये इस साल की दूसरी घटना है करोड़ों की लागत से बना पुल ताश के पत्ते की तरह ढेर हो गया.  इस बार न आंधी आई और न ही बारिश हुई फिर भी सिकटी के पड़रिया घाट पर बना बकरा नदी का पुल धड़ाम हो गया.12 करोड़ रुपये की लागत से बना कंक्रीट का पुल कुछ ही सेकंड में टूट गया।

यह प्रोजेक्‍ट केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से वित्त पोषित है। केंद्रीय मंत्री निति गडकरी ने बताया कि इसका निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से नहीं किया जा रहा था बल्कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत इसका काम चल रहा था।मामला तूल पकड़ने के बाद अब प्रशासन एक्शन में है।  एक्शन लेते हुए तत्कालीन सहायक इंजीनियर अंजनी कुमार और जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पुल से जुड़ी एजेंसी पर FIR दर्ज कराते हुए उसे ब्लैक लिस्ट करने के आदेश दिए गए। बता दें कि मामले में 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल का गठन हुआ है जो 7 दिनों के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

बिहार में पुल गिरने की बात नई नहीं है. बीते 10 सालों से बिहार के कई जिलों में पुर गिरे भ्रष्टाचार को लेकर सिस्टम पर सवाल भी खड़े हुए. लेकिन जवाब अभी तक नहीं मिला.बिहार में पुल गिरने का इतिहास पुराना है। पिछले दो साल में एक दो नहीं बल्कि लगभग एक दर्जन पुल गिर चुके हैंअभी इस साल में 22 मार्च को कोसी नदी पर बन रहे पुल का अचानक स्लैब गिर गया और इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई

कब और कहा गिरे पुल ?

22 मार्च 2023

बिहार के सुपौल जिले में बकौर में बकोसी नदी पर बन रहे पुल का स्लैब गिर गया हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई. करीब 1200 करोड़ की लागत से यह पुल तैयार किया जा रहा था.

24 जून 2023

 बिहार के किसनगंज में मेची नदी पर बन रहा पुल धंस गया. ठाकुरगंज और बहादुरगंज के बीच मेची नदी पर छह पाये वाले पुल का निर्माण चल रहा था. इसी दौरान बारिश नहीं झेल पाया और पुल का एक पाया धंस गया.

4 जून 2023

बिहार के खगड़िया जिले में खगड़िया-अगुवानी सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर 1717 करोड़ की लागत से बन रहे पुल का एक हिस्सा गिर गया. साल 2022 में भी पुल का एक हिस्सा टूट कर गिर गया था वजह आंधी-पानी को बताया गया था.

16 मई 2023

बिहार के पूर्णिया जिले में एक निर्माणाधीन पुल निर्माण के कुछ घंटे बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. स्थानीय लोगों का आरोप था कि पुल निर्माण में ठेकेदार ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जिस वजह से हादसा हुआ

19 मार्च 2023

सारण मे महानंदा नदी पर अंग्रेजों के जमाने का एक पुल ढह गया. बाढ़ के दौरान यह जर्जर हो चुका था. लेकिन इसकी मरम्मत नहीं कराई गई थी. बावजूद इसके पथ निर्माण विभाग ने इसे खतरनाक घोषित नहीं किया था.

19 फरवरी 2023

पटना जिले के बिहटा सरमेरा फोरलेन के पास एक निर्माणाधीन पुल टूट गया. यह पुल पटना से नालंदा को जोड़ती थी.

16 जनवरी 2023

बिहार के दरभंगा में कमला नदी पर बना लोहे का पुल गिर गया. यह पुल दरभंगा मधुबनी समस्तीपुर और सहरसा को जोड़ता था. लेकिन 16 जनवरी को सरिए से लदा ट्रक का भार नहीं सह पाया और पुल टूट गया.

18 दिसंबर 2022

बिहार के बेगूसराय जिले में गंडक नदी पर 14 करोड़ की लागत से पुल बनाया गया था जो उद्घाटन के पहले ही ढह गया. बताया गया कि मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत करीब 206 मीटर लंबे इस पुल में ढहने से पहले दरार आया और तीन दिन बाद पुल का पूरा स्लैब टूट कर गंडर नदी में समा गया.

18 नवंबर 2022

बिहार के नालंदा में वेना ब्लाक मे चार लेन खंड पर सड़क पुल का निर्माण चल रहा था. लेकिन इसी बीच निर्माणाधीन सड़क पुल ढह गया जिसमें दबकर एक मजदूर की मौत हो गई. इससे पहले भी पुल घटिया निर्माण साम्रगी के कारण पुल टूटा था.

9 जून 2022

बिहार के सहरसा जिले के कोसी तटबंध के पूर्वी हिस्से में ‘भ्रष्टाचार’ वाले पुल का एक हिस्सा गिर गया हादसे में कुछ मजदूर घायल हुए थे. आरोप लगा कि 147 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल के ठेकेदार को सेटरिंग बदलने के लिए कहा गया था लेकिन बिना सेटरिंग बदले उसने पुल की ढलाई कर दी जिससे हादसा हुआ.

20 मई 2022

पटना में जोरदार बारिश हुई. इस बारिश में पटना से 25 किलोमीटर दूर फतुहा में 136 साल पुराना सड़क पुल ढह गया. इस पुल का निर्माण 1984 में ब्रिटिस काल के दौरान हुआ था. हादसा उस वक्त हुआ जब एक ट्रक निर्माण सामग्री लेकर पुल को पार कर रहा था ज्यादा वजन होने के कारण पुल गिर गया.

दोस्तों दरअसल पुल गिरने की घटना भवन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है. पुल गिरने की घटना निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता वाला मेटेरियल का उपयोग और भूमि जांच में गड़बडी की बात को उजागर करता है और इस तरह की घटना बिहार के सरकारी सिस्टम पर सवालिया निशाना है. पिछले दो सालों में जब-जब पुल गिरे या पुल का हिस्सा गिरा अगर सरकार कड़ी कार्रवाई करती और कंपनी और संबंधित ठेकेदार को संदेश जाता तो जरूर एक मिसाल पेश होती और फिर पुल गिरने की खबर नहीं आती. ऐसे में सवाल उठता है क्या किसी की कोई जवाबदेही तय होगी कि आगे से ऐसा हादसा न हो?.आपको क्या लगता है हमे कमेन्ट का जरूर बताएँ

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