Vande Bharat Express: दोस्तों रेल मंत्रालय ट्रेन से सफर करने जा रही जनता की हर छोटी-बड़ी परेशानियों का समाधान समय पर निकाल देता है. रेलवे में ऐसे काम काफी तेज गति से किये जा रहे है. कुछ लोगों की मांग थी कि देश की सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर के दौरान अगर किसी को नींद आये तो वो काफी परेशान हो जाता है. जिसके कारण वह सफर में थकान महसूस करता है. क्योंकि इस ट्रेन में सिर्फ चेयर कार वाले डिब्बे हैं, स्लीपर के नहीं है. इस ट्रेन में अभी तक जनता को बैठकर यात्रा करनी पड़ती है. लेकिन अब आप जल्दी ही सो कर भी सफर का आनंद ले सकेंगे.Vande Bharat Express
Vande Bharat Express लगाए जाएंगे स्लीपर कोच
रेलवे बोर्ड सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय इस ट्रेन के लिए स्लीपर कोच की व्यवस्था करने जा रहा है. इसके लिए ट्रेन का स्लीपर रैक तैयार करने के आर्डर जारी होने वाले है. जब ये रैक बनकर आएंगे, तब इनको ट्रेन में जोड़ दिया जाएगा. जिसके बाद आप इसमें लेटकर और आराम से सो कर भी यात्रा कर सकेंगे. Vande Bharat Express
Vande Bharat Express आपको बता दे कि वंदे भारत ट्रेन या ट्रेन-18 के लिए अब तक 300 नए रैक के आर्डर दिए जा चुके है, जिस पर तेजी से काम चल रहा है. बताया जा रहे है कि इसमें 200 रैक चेयर कार और 100 रैक स्लीपर कोच वाले बनाये जा रहे है. इस ट्रेन में 16 डिब्बे होते हैं. इस ट्रेन में अलग से कोई इंजन नहीं लगाना होता, क्योंकि यह रैक सेल्फ प्रोपेल्ड है.Vande Bharat Express
मालूम हो कि वंदे भारत ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ती है. रेल मंत्रालय ने इसे अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति दी है. रेलवे सूत्रों के अनुसार नए तरह के वंदे भारत के हर ट्रेन या रैक की कीमत लगभग 113 करोड़ रुपये के करीब हो सकती है.Vande Bharat Express
Vande Bharat Express सूत्रों के अनुसार वंदे भारत के नए ट्रेन के निर्माण के लिए नवंबर महीने काफी खास रहने वाला हैं. इसमें 200 वंदे भारत चेयर कार रैक का कांट्रेक्ट 15 नवंबर को अवार्ड होगा. साथ ही स्लीपर वेरिएंट के 100 रैक के लिए दो कांट्रेक्ट अवार्ड हो सकते है. इसमें एक कांट्रेक्ट 22 और दूसरा 29 नवंबर को होगा.Vande Bharat Express
किन कंपनियों को मिलेगा आर्डर
रेलवे सूत्रों के अनुसार वंदे भारत ट्रेन सेट का मैन्यूफैक्चरिंग आर्डर कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स के बीच बांटा जा सकता है. इनमें जो कंपनियां शामिल हैं, वे मैन्यूफैक्चरर्स प्री-क्वालिफाइड हैं. इसके नाम अलस्टॉम , सीमेंस , टीटागढ़ वैगन्स , क्रॉम्पटन एंड ग्रीव्स , मेधा सर्वो ड्राइव्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड हैं.बता दे की इनमें से भेल एकमात्र ऐसी कंपनी है जोकि सरकारी है. Vande Bharat Express
आपको बता दे कि ऐसा पहली बार है, जब पूरी ट्रेन ही बाहर से बनवाई जा रही है. भारतीय रेल पहले भी बाहर के मैन्यूफैक्चरर्स से ट्रेन के डिब्बे, माल डिब्बे और इंजन तक बनवा चुका है. इन कंपनियों को वंदे भारत ट्रेन की तकनीक का ब्ल्यू प्रिंट दिया है. जिससे ये काम तेजी के साथ कर सके. इन कंपनियों से 400 वंदे भारत ट्रेन सेट खरीदे जाएंगे. Vande Bharat Express
कहाँ होंगे कोच तैयार
रेलवे से जिन वंदे भारत ट्रेन का सेट बनाने का कांट्रेक्ट अवार्ड होगा, उसे चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, लातूर स्थित मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री सहित रेलवे के कई प्रोडक्शन यूनिट में बनाया जाएगा. इससे पहले भारतीय रेलवे ने अपने प्रोडक्शन यूनिट, कारखानों और डिपो को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने का फैसला किया है. इन कारखानों में प्रोडक्शन लाइन बनाने के लिए प्राइवेट मैन्यूफैक्चरर्स को कुछ स्ट्रक्चर बनाना होगा. बताया जा रहा है कि सरकार कुछ और सहूलियत दे सकती है.Vande Bharat Express
पहले साल बनेगी 18 स्लीपर वंदे भारत
Vande Bharat Express दोस्तों वंदे भारत के टेंडर के अनुसार पहले साल 18 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन सेट बनाया जाएगा. दूसरे साल में 24 स्लीपर ट्रेन सेट जबकि तीसरे साल 30 ट्रेन सेट की मैन्यूफैक्चरिंग और सप्लाई होगी. इसी तरह हर साल वंदे भारत के स्लीपर वेरिएंट के कम से कम 30 ट्रेन सेट बनेंगे. आपको बता दे की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले साल 15 अगस्त तक भारतीय रेलवे को 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का टारगेट दे रखा है. अभी तक इसमें से महज 4 ट्रेन ही ट्रैक पर दौड़ रही हैं.