प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसके जरिए सेना में शामिल हो रहे जवानों की औसत उम्र कम करने का प्रयास रहेगा और रक्षा बलों के खर्चे में भी कमी लाई जाएगी। बताया जा रहा है कि योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं (अग्निवीर) को सेना में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, चार साल के बाद ज्यादातर जवानों को उनकी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा।
दोस्तों केंद्र सरकार अब सेनाओं में भर्ती के लिए नई प्रक्रिया लाने जा रही है। इस प्रक्रिया का नाम ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (Tour of Duty) है। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल तक के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को यानि आज इस योजना का ऐलान करेंगे। इस दौरान तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे।
क्या है टूर ऑफ ड्यूटी/अग्निपथ योजना
इसमें एक तय अवधि के लिए लोगों को सेना में शामिल किया जाता है। इसी को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ कहा जाता है। यह कोई नया कान्सेप्ट नहीं है। दूसरे विश्व युद्ध के समय जब ब्रिटिश वायुसेना के पायलट तनाव में आ गए थे, तब वायुसेना में टूर ऑफ ड्यूटी का कॉन्सेप्ट लाया गया था। अमेरिका के कई कॉर्पोरेट ऑफिस में ऐसा कल्चर चलता है।
युवाओं को क्या होगा फायदा?
जानकारी के मुताबिक इस योजना में 3 से 5 साल तक के लिए युवाओं को भर्ती किया जाएगा। शुरूआती चरण में इसे आर्मी में ही लागू किया जाएगा लेकिन वायुसेना और नौसेना में भी लागू किया जा सकता है। इसमें जवानों को पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी। टूर ऑफ ड्यूटी के तहत अफसरों और सैनिकों दोनों की भर्ती होगी। टूर ऑफ ड्यूटी के तहत जुड़े 25% युवा 3 साल के लिए और 25% युवा 5 साल के लिए सेना में सेवा दे सकेंगे। बाकी के 50% युवाओं को स्थायी सेवा दी जा सकती है। इस योजना के तहत सेना से जुड़े अफसरों को हर महीने 80 से 90 हजार रुपये की सैलरी मिल सकती है।
सरकार क्यों ला रही यह योजना
दरअसल इस योजना को लाने के पीछे सरकार की एक वजह भी है। कोरोना के कारण दो साल से भर्ती नहीं हो सकी। तीनों ही सेनाओं में सैनिकों से लेकर अफसरों तक की कमी है। रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों सेनाओं में अफसरों और जवानों की कमी है। आर्मी में 12.12 लाख जवान हैं, जबकि 81 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। इसी तरह वायुसेना में अफसरों और एयरमैन के करीब 7 हजार और नौसेना में अफसरों-नाविकों के साढ़े 12 हजार पद खाली हैं। इतना ही अल्पकालिक भर्ती से सेना पर पेंशन का बोझ भी कम होगा।
क्या होगा पैकेज
केंद्र सरकार की ओर से अभी इस योजना को लेकर पैकेज का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक युवाओं को नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन मिलेगा। सूत्र ने कहा कि टीओडी(TOD)के तहत भर्ती होने वालों को वेतन और लाभ लगभग नियमित कर्मियों के समान मिलेगा और चार साल बाद लगभग 10-12 लाख का पैकेज होगा। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना में एक बटालियन में जवानों की औसत आयु 35-36 वर्ष है और टीओडी के साथ 4-5 वर्षों में औसत आयु प्रोफ़ाइल घटकर 25-26 वर्ष हो जाएगी।
पहले वाला भर्ती प्रस्ताव और भी था जटिल
वही आपको बता दें कि इससे पहले जो प्रस्ताव लाया गया था उसके तहत तीन साल की सेवा के बाद कुछ प्रतिशत सैनिकों को ही सेवा मुक्त करने की बात थी। इसके अलावा पांच साल बाद बचे सैनिकों को सेवा से मुक्त करने की बात कही गई थी। इसके बाद फिर 25 फीसदी सैनिकों की पूर्ण अवधि के लिए वापसी की बात कही गई थी।
ये है नया प्रस्ताव
अब चार साल की संविदा सेवा समाप्त होने के बाद 100 फीसदी सैनिकों को सेवा मुक्त किया जाएगा। फिर इसके 30 दिनों की अवधि के बाद उनमें से 25 फीसदी को वापस बुला लिया जाएगा और शामिल होने की एक नई तारीख के साथ सैनिकों के रूप में फिर से भर्ती की जाएगी।