Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 घोषित होने से पहले देश भर में evm को लेकर खूब चर्चा हो रही थी मगर चुनाव घोषित होने के बाद से इस पर चर्चा थोड़ी कम हो गई है क्योंकि चुनाव आयोग की दिन पर दिन नई हरकते सामने आ रही है और चुनाव आयोग पर सवाल उठते जा रहे है और चिंता की बात तो ये है की ये सवाल और बड़े होते जा रहे यही अब एक आरटीआई (RTI) से बड़ा खुलासा हुआ है आप ये मान लीजिए की चुनाव आयोग ने आरटीआई के जवाब में एक झण्डा और गाड़ दिया है चुनाव आयोग (votes polled ) ने कह दिया है की उसके पास किसी भी फेज का कोई डेटा मोजूद नहीं है जी हाँ चुनाव आयोग के पास चुनाव से जुड़ी कोई खबर नहीं है ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है तो अब ये संभव है की चुनाव रद्द हो जाए और अब तक जो वोटिंग हुई है उसे अवैध करार दे दिया जाए
क्या छुपा रहा ECI?
चुनाव आयोग क्यों नही जारी कर रहा वोटरों की संख्या? क्या धांधली की है तैयारी? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि चुनाव आयोग हर एक संसदीय क्षेत्र के कुल रजिस्टर्ड मतदाता और उनके बीच में से डाले गए कुल वोटरों की संख्या नहीं जारी कर रहा है। पहले के चुनावों में यह संख्या जारी की जाती थी। दूसरे चरण की वोटिंग के बाद चुनाव आयोग ने प्रतिशत में वोटर टर्न आउट बताया और उसमे भी लगभग 510 दिन का समय लग गया और वोटर का आकडा 6 फीसदी के आस पास बढ़ गया और अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया है 4 थे चरण के चुनाव मे भी 1 करोड़ से अधिक वोट की संख्या बढ़ गई है
चुनाव आयोग को डेटा दें में इतना समय लगा जो काम पहले 48 घंटे में हो जाया करता था उसमे अब इतना टाइम क्यों लग रहा है जब डिजिटल इंडिया न्यू इंडिया है तब भी इतना व्यक्त क्यों लग रहा है चुनाव आयोग कह रहा है की डेटा नहीं है तो फिर कैसे चार चरणों की वोटिंग का डेटा आधा अधूरा टर्न आउट डेटा चुनाव आयोग ने जारी किया आरटीआई के जरिए ये जो खुलासा हुआ है ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया अगर जरूरत पड़ी तो पूरी रात जाग कर इस पर सुनवाई होगी cji चंद्रचूड़ खुद इसकी सुनवाई करने वाले है तो हो सकता है चुनाव रद्द हो जाए
दोस्तों पूनम अग्रवाल एक investigative जर्नलिस्ट है जिन्होंने 2019 में ये खुलासा किया था 350 340 से अधिक सीटों पर डाले गए वोट और गिने गए वोटों में बड़ा अंतर है ऐसे में 2024 चुनाव में चुनाव आयोग लगातार हर एक फेज का वोटर टर्न आउट डेटा देने में दे कर रहा है तो पूनम अग्रवाल ने एक आरटीआई फाइल किया जहां उन्होंने चार चरणों में कितनी वोटिंग हुई उसकी पूरी डीटेल साझा करने के लिए चुनाव आयोग से कहा लेकिन चुनाव आयोग ने आरटीआई के जरिए जो जवाब दिया वो चौकाने और परेशान करने वाला है चुनाव आयोग ने कहा की उनके पास कोई जानकारी नहीं है कोई डीटेल नहीं है उल्टा चुनाव आयोगे ने आरटीआई में कहापूनम अग्रवाल को राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अलग अलग आरटीआई दायर करनी चाहिए और फॉर्म 17 के जरिए चुनावी डेटा इखट्टा करना चाहिए
चुनाव का हमारे पास कोई डाटा नहीं – EC
क्योंकि चुनाव आयोग के पास कोई भी डेटा नहीं है किसी भी फेज में कितनी वोटिंग हुई कुछ भी चुनाव आयोग के पास नहीं है अब सवाल उठ रहा है जब चुनाव आयोग के पास डेटा नहीं है तो चार चरणों के वोटों की संख्या percentage में कैसे पब्लिश हुए क्या फिर ये आकडे fake है ….लोकसभा चुनाव चल रहा है 5 चरणों की वोटिंग हो चुकी है और इस बीच चुनाव आयोग कह रहा है की उनके पास चार चरणों की जो वोटिंग हुई उसका कोई डेटा नहीं है
पूनम अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा आरटीआई के तहत मुझे दिए गए जवाब में कहा गया कि उनके पास डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या का डेटा नहीं है और मुझे उसी प्रश्न के साथ राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अलग-अलग आरटीआई दायर करनी चाहिए।
2019 #लोकसभाचुनाव में EC ने 4 चरणों के वोटों की संख्या प्रकाशित की अब वे कह रहे हैं कि उनके पास जानकारी नहीं है। सचमुच! जबकि दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में वे कह रहे हैं कि फॉर्म 17सी अपलोड करने में समय लगेगा जिसमें डाले गए वोटों की संख्या होती है।
अगर जिस दिन वोटिंग हो रही है उस दिन की वोटिंग कितनी हुई कितने लोगों ने वोट किया इसका एक एक डीटेल दर्ज होना चाहिए दर्ज होना जरूरी है कभी counting के दिन एक भी वोट इधर उधर होता है तो पता लग जाता लेकिन अगर वोटिंग के दिन का डेटा ही गायब कर दिया जाए एक दम पूरी तरह से उसे पब्लिक डोमेन से हटा दिया जाए तो counting के दिन क्या खेला होगा उसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता चुनाव आयोग वोटों की गिनती को बढ़ा सकता है घटा सकता है और किसी को पता तक नहीं चल पाएगा सवाल यही उठता है 1 जून को आखिरी चरण की वोटिंग है अगर 1 जून के बाद चुनाव आयोग कहता है की मुझे डेटा कलेक्ट करने में वक्त लगेगा 10 दिन का और तो 4 जून को नतीजे कैसे आएंगे खैर आपकी इसपर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ