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Supreme Court on Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी को लगाई फटकार, एड पर लगाया बैन

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Supreme Court on Patanjali: अगर आप पतंजलि के प्रोडक्टस यूज करते है तो सावधान हो जाए विज्ञापनों पर मत जाइए क्योंकि मामला इतना सीधा ओर सच्चा नहीं है जो टीवी में, अखबारों में, विज्ञापनों में बताया जाता है बाकी सब छोड़िए अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी बोल दिया है की धूर्त रामदेव का माल अपने रिस्क पर खाओ-पीयो। देश के करोड़ों लोगों की आस्था और विश्वास से खुला खिलवाड़ कर रहा पतंजलि, टीवी-अखबार में जो छप रहा है उसपर बिल्कुल भरोसा मत कीजिए।

बाबा रामदेव की पतंजली आयुर्वेद को सुप्रीम (Supreme Court on ramdev) कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को अदालत ने पतंजलि की दवाओं के प्रचार पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया है। साथ ही पुराने आदेश के उल्लंघन पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का नोटिस भी जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर पूछा है कि इनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा? जिस क़ानून के तहत कार्रवाई हुई है उसके तहत अगर ऐक्शन लिया गया तो छह महीने से लेकर अधिकतम एक साल की जेल का प्रावधान है। क्या आपको लगता है कि रामदेव के खिलाफ मोदी सरकार कोई एक्शन लेगी?

रामदेव की कंपनी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सर्वोच्च अदालत ने रामदेव की कंपनी पंतजलि को कड़ी फटकार लगाई है और लोगों को गुमराह करने वाले दवा के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। भारत के शीर्ष न्यायालय में इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच कर रही थी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट का कहना है कि पतंजलि ने दावा कर देश को धोखा दिया है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर सकती है। जबकि, इसके कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं।

इस दौरान कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि पतंजलि अपने ऐसे कोई भी दवा उत्पादों का प्रचार नहीं करेगा जिसमें दावा किया गया है कि Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act में बताई गईं बीमारियों का इलाज करेगा। साथ ही कोर्ट ने आदेश जारी किए कि पतंजलि को दवा के किसी अन्य रूपों के खिलाफ इस तरह के बयान या दावे नहीं करने चाहिए। बता दे की , साल 2022 में इसके खिलाफ याचिका दाखिल होने के बाद भी गुमराह करने वाले एडवर्टाइजमेंट पर ऐक्शन नहीं लेने पर केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई।

कोर्ट ने कहा, ‘पूरे देश को धोखे में रखा गया है! आपने दो साल इंतजार किया जबकि ड्रग्स एक्ट का कहना है कि यह निषेध है।’ कोर्ट की तरफ से अवमानना का नोटिस भी जारी किया गया है। आदेश में कहा गया ‘हम (बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण) को शोकॉज नोटिस जारी करते हैं कि उनके खिलाफ क्यों कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। 2 सप्ताह में जवाब दिया जाए।’

पतंजलि ने किया कोर्ट के आदेश का उलंघन

दरअसल, IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका के जरिए आरोप लगाए गए थे कि योग गुरु और उनकी कंपनी की तरफ से कोविड-19 वैक्सीन अभियान और मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ ,,एक अभियान चलाया जा रहा है। शीर्ष न्यायालय ने नवंबर में ही हर झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी। अदालत ने सरकार से भी पूछा कि पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत क्या कार्रवाई की गई है।

सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ASG ने कहा , इस बारे में आंकड़े इकट्ठा किए जा रहे हैं। कोर्ट ने इस जवाब पर नाराजगी जताई और कंपनी के विज्ञापनों पर नजर रखने का निर्देश दिया। इससे पहले आईएमए ने दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में प्रिंट मीडिया में जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश किया। इसके अलावा 22 नवंबर 2023 को पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण के साथ रामदेव की एक प्रेस कांफ्रेंस के बारे में भी बताया। पतंजलि ने इन विज्ञापनों में मधुमेह और अस्थमा को पूरी तरह से ठीक करने का दावा किया था। ये प्रेस कांफ्रेंस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के एक दिन बाद की गई थी। दोस्तों आपको क्या लगता है क्या मोदी सरकार बाबा रामदेव के खिलाफ कोई एक्शन लेगी क्या कोई कारवाई होगी अपनी राय हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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