ED Director Sanjay Kumar Mishra : मोदी ने ed के डायरेक्टर ,,,,मिश्रा को क्या टास्क दिया है? जिंस टास्क के लिए मोदी जी ,,मिश्रा जी को उनकी कुर्सी पर टिकाए रखना चाहते हैं, क्या है वो ऐसा टास्क,, जो टास्क सिर्फ मिश्राजी ही पूरा कर सकते हैं?, इस टास्क को इन्हीं से पूरा करवाने के लिए, मोदी सरकार (ED Director) ने इनकी सर्विस की एक्स्टेन्शन की बढ़ाने के लिए Supreme Court का दरवाजा खटखटाया
Supreme Court ने Mishra की नियुकती क अवैध बताया
सुप्रीम कोर्ट ने मिश्राजी की नियुकती क अवैध बताया और उनहे 31 जुलाई तक कुर्सी खाली करने का आदेश दिया | मिश्राजी की विदाई की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई (ED Director Tenure Extension) को ही तय कर दी कर दी थी, और अब सुप्रीम कोर्ट में, मोदी सरकार के सबसे बड़े वकील सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता पहुँच गए उसके बाद उन्होंने कहा, मी लॉर्ड मिश्रा जी का एक्सटेंशन कुछ और दिन बढ़ाया जाए उन्हें कम से कम अक्टूबर तक रखा जाए
SC ने 45 दिनों की मोहलत बढ़ा दी
सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस चली? और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता की बात मान ली, कुछ एक्स्टेन्शन दे दिया, 45 दिनों की मोहलत बढ़ा दी और साथ मे ये भी कहा कि 15 सितंबर की आधीरात के बाद मिश्राजी अपनी कुर्सी पर नहीं रहेंगे,, लेकिन उससे बड़ा सवाल, यही से पैदा होता है, आखिर सुप्रीम कोर्ट में फजीहत और फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता मोदी सरकार की तरफ से क्यों गए? आखिर ऐसा कौन सा टास्क है जो सिर्फ मिश्राजी अगले 45 दिनों में पूरा करेंगे
विपक्षी दलों को निशाना बना रही
मिश्रा बोले तो ईडी के ed बोले तो इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट, इनफोर्समेंट डायरेक्टर बोले तो , वही एजेंसी जो केंद्र सरकार के इशारे पर बीते चार पांच सालों से विपक्षी दलों को निशाना बना रही है, विपक्षी दलों के नेताओं को टारगेट कर रही है, उनके पीछे लगी है ऐसा विपक्षी दलों का आरोप है, लेकिन मिश्राजी को तीन एक्स्टेन्शन मोदी सरकार ने दिए,, जस्टिस गवई ने जो कहा ,, मोदी सरकार पर नहीं, तमाचा है उस सिस्टम पर, जो सिस्टम मिश्राजी को उनके पद पर टिकाए रखने के लिए अदालत पहुंचता है,
मिश्रा के लिए एक्सटेंशन की मांग
जस्टिस गवई ने कहा मिश्रा के लिए एक्सटेंशन की मांग करके, ऐसी छवि पेश की जा रही है जैसे उनको छोड़कर पूरा प्रवर्तन निदेशालय ईडी नाकारा, और अयोग्य अधिकारियों से भरा है,, क्या यह पूरे विभाग का मनोबल तोड़ने वाला नहीं है? यदि एक अधिकारी नहीं है तो काम नहीं होगा जस्टिस गवई ने नाराजगी जताते हुए यहाँ तक कह दिया , कि अगर मैं कल से नहीं आऊंगा तो क्या सुप्रीम कोर्ट में काम बंद हो जाएगा या कोर्ट कोलैप्स कर जाएगा? मतलब, क्या आप एक आदमी पर टिकाए रखना चाहते हैं, तो एक आदमी पर क्यों टिकाए रखना चाहते? क्या टास्क है इनके पास?
इंडिया मोर्चे का नाम है 26 दलों
वैसे आज तक जैसे काम किया है उसको लेकर बहुत सारे सवाल है और विपक्षी दलों के आरोप भी , तो इनके पास ऐसा क्या टास्क है अगले 45 दिनों में? टास्क है कुछ ऐसे नेताओं को दबोचना है, जो विपक्ष मे है , क्योंकि नए गठबंधन इंडिया से दिक्कत तो मोदी जी को है, अब मोदी जी तो कह चूके हैं की इंडिया मतलब इंडियन मुजाहिदीन इंडिया ,मतलब ईस्ट इंडिया कंपनी, इंडिया मतलब पीएफआइ ,या इंडिया आतंकियों का संगठन है क्या? इंडिया मोर्चे का नाम है 26 दलों के। आई फॉर इंडियन N फॉर नेशनल, D फॉर डेवलपमेंट, I फॉर इन्क्लूसिव,,,, A फॉर एलाइंस,
क्या नेताओं के पीछे पड़ने का टास्क है ed डायरेक्टर के पास
क्या इस मोर्चे के इन नेताओं के पीछे पड़ने का टास्क है ed डायरेक्टर के पास ?, सूत्रों के हिसाब से आपको बताता हूँ की अगले 45 दिन मे क्या होने वाला है? 15 सितंबर तक क्या होने वाला है, खबर ये आ रही है दोस्तों की अगले 45 दिनों में विपक्षी गठबंधन इंडिया के ऊपर बड़ी कार्रवाई की जाने वाली है क्या इस कार्रवाई का मकसद इंडिया को पूरी तरह से तोड़ देने का है? मैं स्पष्ट कहना चाहता हूँ यहाँ जब मैं इंडिया कह रहा हूँ तो मैं विपक्षी गठबंधन इंडिया की बात कर रहा हूँ मैं देश की बात नहीं कर रहा हूँ और ये बात आप भी समझते हैं
अगले 45 दिनों में पूरा घटनाक्रम किस तरह से आगे बढ़ता
बड़ा सवाल ये है की क्या विपक्षी गठबंधन इंडिया को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा? क्या अगले 45 दिनों में सरकारी कार्रवाई पूरी आक्रामकता के साथ चलेगी, आपको नजर बनाए रखनी पड़ेगी, अगले 45 दिनों में पूरा घटनाक्रम किस तरह से आगे बढ़ता है? किस तरह से विपक्षी दलों के राज्यों में खास तौर से ऐक्शन लिया जाता है?, क्या 45 दिनों में बिहार, बंगाल, झारखंड और कई विपक्षी राज्यों पर ईड क्या ऐक्शन लेने वाली है? क्या विपक्षी गठबंधन इंडिया की एकता पर खतरा मंडरा रहा है?, क्या आने वाले दिनों में उन पर इस कदर कार्रवाई की जाएगी? ये गठबंधन टूट भी सकता है
प्रवर्तन निदेशालय का चाबुक अब चलना शुरू
तो इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी की प्रवर्तन निदेशालय , का चाबुक अब चलना शुरू हो जाएगा ,, देखिये एक के बाद एक अलग अलग मामले हैं,,, सारे पुराने मामले हैं, , उसमें या तो समन भेजे जा रहे हैं ,या गिरफ्तारी हो रही है ,,और चेहरे कौन कौन से हैं?,,, फारूक अब्दुल्लाह,,, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को समन,, और सतेंद्र जैन जोकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री हैं, उनको तो गिरफ्तारी हो चुकी है आजकल जमानत पर है , और यही है मिश्राजी का टास्क , टास्क है , राहुल गाँधी। , तेजस्वी यादव।, हेमन्त सोरेन। , बघेल? ,ममता? , अखिलेश? , केजरीवाल? ,संजय सिंह , और कुछ नहीं, इन सब नेताओं पर नजर रखनी है,, फाइल अगर तेज मूव होती है तो आप देखिएगा , कि क्या मिश्रा जी को जो ड्यूटी जो अनफोर्स्ड टास्क मिला है , क्या वो यही टास्क पूरा करना है? आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है , हमे कॉमेंट बॉक्स मे कमेन्ट कर जरूर बताए