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Ravidas Jayanti: संत रविदास की जन्मस्थली पर बनेगा भव्य म्यूजियम

Ravidas Jayanti: ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा'…संत रविदास का ये वाक्य आज भी पाखंड और दिखावे के जवाब में उदाहरण के तौर पर कहा जाता है.

Ravidas Jayanti: ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’…संत रविदास का ये वाक्य आज भी पाखंड और दिखावे के जवाब में उदाहरण के तौर पर कहा जाता है. संतरविदास ने बताया था कि बाहरी आडम्बर और प्रयोगों से ज्यादा जरूरी आध्यात्मिकता है. अब संत रविदास के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वाराणसी में उनकी जन्मस्थली पर भव्य म्यूजियम बनाने की पहल की गई है. हर साल रविदास जयंती पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आकर हाजिरी लगाते हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संसदीय क्षेत्र में यहां आ कर संत रविदास को नमन कर चुके हैं. वाराणसी के सीर गोवर्धन में अब संत रविदास म्यूजियम बनाया जाएगा.

Ravidas Jayanti क्या-क्या होगा म्यूजियम में?

उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह कहते हैं, “संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में उनके जीवन और दर्शन पर आधारित संग्रहालय होगा. इस संग्रहालय में 5 बडी गैलरी होंगी. Ravidas Jayanti संत रविदास जी के जीवन दर्शन को लोग यहां देख पाएंगे. उनकी शिक्षा और प्रेरक वाक्यों को जहां स्थान दिया जाएगा वहीं उनके अद्भुत चित्र भी होंगे.”

खास बात ये है कि संत रविदास के प्रेरक वाक्यों को तो अलग अलग जगह देखा और पढ़ा जा सकता है. Ravidas Jayanti लेकिन उनके अपने जीवन के बारे में भी यहां जानकारी हो सकेगी. भक्ति आंदोलन में संत रविदास के योगदान को भी यहां संजोया जाएगा. संग्रहालय में ऑडीओ विजुअल प्रेजेंटेशन के जरिए संदेश दिया जाएगा. इतना ही नहीं म्यूजियम में रविदास के जीवन दर्शन के अलावा संग्रहालय को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए जहां रीडिंग रूम, कैफेटेरिया, सोविनियर स्टोर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. वहीं आस पास के लोगों को भी यहां रोजगार से जोड़ा जाएगा. यूपी में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना नई पर्यटन नीति में तैयार की गई है. उस दृष्टि से भी संत रविदास के जन्म स्थल का विकास किया जाएगा.

पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने की कोशिश

गौरतलब है कि रविदास का जन्म माघी पूर्णिमा के दिन हुआ था. मध्यकाल के प्रमुख संत रविदास या रैदास ने छुआछूत और जाति के भेदभाव को मिटाने के लिए पूरे जीवन संदेश दिया. Ravidas Jayanti इसीलिए संत रविदास के अनुयायी पूरी दुनिया में हैं. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा कनाडा, जर्मनी जैसे देशों में भी संत रविदास के अनुयायी बड़ी संख्या में हैं. हर साल बड़ी संख्या में उनको मानने वाले वाराणसी स्थित उनकी जन्मस्थली पर आते हैं. वहीं शोधकर्ता और उनके जीवन दर्शन से प्रभावित होकर भी बड़ी संख्या में लोग सीर गोवर्धन पहुंचते हैं.

छुआछूत और जाति के भेदभाव को मिटाने का दिया संदेश

मध्यकाल के प्रमुख संत रविदास या रैदास ने छुआछूत और जाति के भेदभाव को मिटाने के लिए संदेश दिया था. Ravidas Jayanti इसीलिए संत रविदास के अनुयायी पूरी दुनिया में हैं. Ravidas Jayanti इसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा कनाडा, जर्मनी जैसे देश शामिल हैं. हर साल बड़ी संख्या में लोग रविदास को मानने वाले वाराणसी स्थित उनके जन्म स्थान पर आते हैं.

म्यूजियम में देख पाएंगे जीवन दर्शन

मामले में उत्तर प्रदेश म्यूजियम निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया, “संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में उनके जीवन और दर्शन पर आधारित म्यूजियम बनाया जाएगा. इस म्यूजियम में 5 गैलरी होंगी. लोग यहां संत रविदास जी के जीवन दर्शन को देख पाएंगे. उनकी शिक्षा और प्रेरक वाक्यों को यहां स्थान दिया जाएगा. वहीं, उनके अद्भुत फोटो भी होंगे.” Ravidas Jayanti

उन्हेंने आगे बताया, “खास बात यह है कि संत रविदास के प्रेरक वाक्यों को तो अलग-अलग जगह देखा और पढ़ा जा सकता है. मगर, उनके जीवन के बारे में भी यहीं पूरी जानकारी मिल सकेगी. भक्ति आंदोलन में संत रविदास के योगदान को भी यहां संजोया जाएगा. म्यूजियम में ऑडीओ विजुअल और प्रेजेंटेशन के जरिए संदेश दिया जाएगा.”

अनछुए पहलुओं की मिलेगी जानकारी

डिजिटल चित्र और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी उपलब्ध होगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये संग्रहालय काफी इंटरेक्टिव होगा, जिसमे संत शिरोमणि रविदास के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की जानकारी भी शामिल होगी। Ravidas Jayanti संग्रहालय में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान के बारे में जानकारी संजोई जाएंगी। रैदास द्वारा दी गई शिक्षा, उपदेश और रचना के बारे में गैलरी में विशेष स्थान दिया गया है, Ravidas Jayanti जिससे आने वाली पीढ़ी भी उनके विचारों को जान सके। ग्राफिक्स व ऑडियो वीडियो के माध्यम से उनके साहित्यिक संकलन को दर्शाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है, इसके बाद संग्रहालय निर्माण का काम शुरू होगा।

कैफेटेरिया, सोविनियर शॉप के साथ ही बैठने के भी इंतजाम


संग्रहालय संत रविदास की विरासत, जीवन, शिक्षा और रचनाओं से श्रद्धालुओं को रूबरू कराएगा। संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि डिजिटल चित्र और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी संग्रहालय में रहेगी। Ravidas Jayanti

संत रैदास की शिक्षा, उपदेश और रचनाओं को गैलरी में एक अलग स्थान दिया जाएगा। कैफेटेरिया, सोविनियर शॉप के साथ ही श्रद्धालुओं के बैठने के भी इंतजाम किए जाएंगे। शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है और वहां से स्वीकृति मिलते ही कार्य भी शुरू हो जाएगा।

आधुनिक तकनीक से लैस होगा म्यूजियम


संग्रहालय निदेशालय के निदेशक ने बताया कि डिजिटल चित्र और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी उपलब्ध होगी. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये संग्रहालय काफी इंटरेक्टिव होगा, जिसमे संत शिरोमणि रविदास के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की जानकारी भी शामिल होगी. Ravidas Jayanti

संग्रहालय में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान के बारे में जानकारी संजोई जाएंगी. रैदास द्वारा दी गई शिक्षा, उपदेश और रचना के बारे में गैलरी में विशेष स्थान दिया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी भी उनके विचारों को जान सके. ग्राफिक्स व ऑडियो वीडियो के माध्यम से उनके साहित्यिक संकलन को दर्शाया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है, इसके बाद संग्रहालय निर्माण का काम शुरू होगा. Ravidas Jayanti उन्होंने बताया कि लैंडस्केपिंग के माध्यम से संग्रहालय को और खूबसूरत बनाया जाएगा, प्रशासनिक भवन, जन सुविधा के इस्तेमाल की चीजें. कैफिटेरिया, सोविनियर शॉप, श्रद्धालुओं के बैठने आदि के लिए उपयुक्त स्थान भी यहां होगा.

संग्रहालय में होगी पांच बड़ी गैलरी

धर्म नगरी काशी में योगी सरकार संत रविदास के जीवन पर आधारित आधुनिक म्यूजियम बनाने जा रही है। इस संग्रहालय के जरिए संत शिरोमणि की आध्यात्मिक विरासत को संजोया जाएगा। ये संग्रहालय आपको 15वीं और 16वीं सदी में वापस ले जाएगा। Ravidas Jayanti उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में उनके जीवन और दर्शन पर आधारित संग्रहालय में पांच बड़ी गैलरी बनेगी। संत रविदास की विरासत उनका जीवन, शिक्षाएं और रचनाओं को सजीव चित्रण करने वाला संग्रहालय उनके सम्पूर्ण जीवन और दर्शन के बारे में बताएगा।

संत शिरोमणि के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की मिलेगी जानकारी

संग्रहालय निदेशालय के निदेशक ने बताया कि डिजिटल चित्र और चलचित्र के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश के अलावा उनके गृहस्थ जीवन की जानकारी भी उपलब्ध होगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये संग्रहालय काफी इंटरेक्टिव होगा, जिसमे संत शिरोमणि रविदास के जीवन के बहुत से अनछुए पहलुओं की जानकारी भी शामिल होगी। संग्रहालय में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान के बारे में जानकारी संजोई जाएंगी। रैदास द्वारा दी गई शिक्षा, उपदेश और रचना के बारे में गैलरी में विशेष स्थान दिया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी भी उनके विचारों को जान सके। ग्राफ़िक्स व ऑडियो वीडियो के माध्यम से उनके साहित्यिक संकलन को दर्शाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है, इसके बाद संग्रहालय निर्माण का काम शुरू होगा।

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