Ramcharitmanas को लेकर विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने सबसे पहले तुलसीदास द्वारा लिखी गई Ramcharitmanas पर सवाल उठाए गए थे। अभी पूरी से तरह यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इसी बीच भाजपा से समाजवादी पार्टी में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर विवादित बयान दे दिया है। स्वामी ने रामचरित मानस को बकवास बताते हुए उसे बैन करने की मांग कर डाली है। इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अब इस मामले पर जमकर सियासत होने वाली है।
सपा नेता ने दिया Ramcharitmanas पर विवादित बयान
एक निजी मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सपा नेता स्वामी प्रसाद ने Ramcharitmanas को बकवास बताते हुए कहा कि, कई करोड़ लोग इसे नहीं पढ़ते हैं। तुलसीदास ने अपने खुशी के लिए इसे लिखा है। वहीं उन्होंने सरकार से आव्हान करते हुए कहा कि, Ramcharitmanas में जो भी आपत्तिजनक अंश है उसे बाहर कर देना चाहिए। बल्कि इस पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो लेकिन फिर भी वह पूजनीय है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो जाए, विद्वान या ज्ञाता हो जाए, उसका सम्मान मत करिए, क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो मैं इसे नमस्कार करता हूं। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो,जो हमारा सत्यानाश चाहता है।
धर्म के ठेकेदारों का जिक्र करते हुए मौर्या ने कहा कि, चंद मुट्ठी भर लोग ऐसे हैं जो अपनी रोजी-रोटी इसी से चलाते हैं। वह कहते हैं कि हिंदु की भावना आहत हो रही है। बता दें कि स्वामी के इस बयान पर देश की राजनीति गर्म होने के पूरे-पूरे आसार हैं। भाजपा स्वामी के इस विवादित बयान को खाली हाथ नहीं छोड़ने वाली है। अब देखना होगा कि इस बयान पर तमाम राजनीतिक पार्टियों का क्या स्टैंड रहने वाला है।
आरजेडी नेता ने भी दिया था विवादित बयान
दरअसल, पिछले दिनों ही बिहार की सियासत में Ramcharitmanas को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान मचा हुआ था। आरजेडी नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने हिंदु धर्म ग्रंथ Ramcharitmanas को लेकर विवादित बयान दिया था। मंत्री ने कहा था कि, तुलसीदास की Ramcharitmanas दलितों के खिलाफ है। जिसको लेकर प्रदेश भाजपा ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और सरकार से कार्रवाई करने की मांग भी की थी। हालांकि, तेजस्वी यादव ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा था कि, संविधान ने सबको अपनी बात कहने का हक दिया है।
स्वामी प्रसाद बोले- ऐसे धर्म का सत्यानाश हो
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. उन्होंने कहा कि जब इनकी किसी बात पर टिप्पणी की जाती है, तो चंद मुट्ठीभर धर्म के ठेकेदार जिनकी इसी पर रोजी-रोटी चलती है वह कहते हैं कि हिंदू भावना आहत हो रही है.
बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री पर बोले स्वामी प्रसाद मौर्य
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस देश का दुर्भाग्य है कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को नीलाम कर रहे हैं. तमाम समाज सुधारकों के प्रयास से देश आज तरक्की के रास्ते पर चल पड़ा है, लेकिन ऐसी दकियानूसी सोच वाले बाबा समाज में रूढ़िवादी परंपराओं, ढकोसला, अंधविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब सभी बीमारियों की दवा बाबा के पास है तो सरकार फालतू में मेडिकल कॉलेज, अस्पताल चला रही है. सभी लोग जाकर बाबा के यहां दवा ले लें. उन्होंने कहा कि इसका यही मतलब है कि सारे पढ़े-लिखे डॉक्टर बेकार हो गए और अब बाबा दवा करेंगे.
स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- सनातन धर्म को दफना रहे धीरेंद्र शास्त्री
सपा नेता ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार नहीं कर रहे, बल्कि सनातन धर्म को दफना रहे हैं. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ढोंग-ढकोसला फैला रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उन्हें प्रतिबंधित कर देना चाहिए. इतना ही नहीं, ऐसे लोगों को जेल में डाल देना चाहिए जो भारत के संविधान की भावनाओं को आहत करते हों.
सपा नेता बोले- 2024 में बीजेपी की विदाई तय
उत्तर प्रदेश में बीजेपी कार्यसमिति को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज करोड़ों नौजवान बेरोजगारी की त्रासदी झेल रहे हैं, जिन सरकारी संस्थानों में नौजवानों को नौकरियां मिलनी थीं, उन संस्थाओं को सरकार बेचने का काम कर रही है. हाल ही में जितने भी चुनाव हुए हैं, बीजेपी को वहां मुंह की खानी पड़ी है. हर जगह इनका सूपड़ा साफ हुआ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को चिंता सिर्फ 5 फ़ीसदी लोगों की है, जबकि 95 फ़ीसदी लोगों की कोई चिंता नहीं है. भले ही वह मर जाएं. साथ ही कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा की विदाई का चुनाव होगा.
‘किसी धर्म में किसी को गाली देने का अधिकार नहीं’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की एक चौपाई है, जिसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे पूजनीय बताया है, लेकिन शूद्र ज्ञानी, विद्वान हो फिर भी उसका सम्मान मत करिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो.’
धीरेंद्र शास्त्री फैला रहे अंधविश्वास: मौर्य
सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने दरबार को लेकर चर्चा में आए बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी खुलकर टिप्पणी की. स्वामी ने कहा कि अगर सारा उपचार बाबा के पास है तो सारे मेडिकल कॉलेज बंद कर देना चाहिए. सरकार बाबा बागेश्वर की हां में हां मिलाकर अंधविश्वास को बढ़ावा दे रही है. बाबा भांग खाकर समाज का बेड़ा गर्क कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह बाबा ढकोसला कर अंधविश्वास पैदा कर रहे हैं.
जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो
ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या ज्ञानी हो। उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है? अगर, धर्म यही है, तो मैं ऐसे धर्म को नमस्कार करता हूं। जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो।
देश का दुर्भाग्य है कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं
मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि इस देश का दुर्भाग्य है कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं। तमाम समाज सुधारकों की कोशिश से देश आज तरक्की के रास्ते पर है, लेकिन ऐसी सोच वाले बाबा समाज में रूढ़िवादी परम्पराओं और अंधविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री ढोंग फैला रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों को जेल में डाल देना चाहिए जो भारत के संविधान की भावनाओं को आहत करते हों।
दलितों को पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया था
उन्होंने कहा कि जब सभी बीमारियों की दवा बाबा के पास है, तो सरकार बेकार में मेडिकल कॉलेज, अस्पताल चला रही है। सभी लोग जाकर बाबा के यहां दवा ले लें। तुलसीदास ने जब Ramcharitmanas लिखी। तब महिला और दलितों को पढ़ने-लिखने का अधिकार नहीं था। इन्हें पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया था। मौर्य ने कहा- हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन कोई भी धर्म किसी भी जाति या वर्ग विशेष के लोगों को अपमानित नहीं करता है।
लेकिन Ramcharitmanas में एक चौपाई का अंश है, जिसमें कहा गया है- जे बरनाधम तेलि कुम्हारा। स्वपच किरात कोल कलवारा। इसमें जिन जातियों का जिक्र है। ये सभी हिंदू धर्म को मानने वाली हैं। इसमें सभी जातियों को नीच और अधम कहा गया है। धर्म इंसान को जातियों में नहीं बांटता है।