Parliament Session : दोस्तों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में एक बार कहा था कि वे अकेले सब पर भारी हैं। यांनी एक अकेला सब पर भारी लेकिन कल के लोकसभा सत्र में एक अकेला एक अकेले से ही डर गया एक तरफ अकेले (Rahul Gandhi) राहुल गांधी थे और दूसरी तरफ उनका मुकाबला करने के लिए स्वंय नरेंद्र मोदी (PM Modi) सहित उनकी पूरी सरकार थी।और हद तो तब हो गई जब महुआ मोइत्रा जैसे ही बोलने के लिए खड़ी हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उठकर चल दिए वैसे तो कोई भी सदस्य सदन से कभी भी निकल सकता है लेकिन महुआ मोइत्रा का माइक पर आना और कहना सर मुझे सुनते जाइए डरिए मत फिर भी (Speaker Om Birla) मोदी जी निकल गए मोदी जी का निकलना ये साफ साफ दर्शाता है विपक्ष से डरना. दरअसल संसद के सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बीते दिन राहुल गांधी ने बतौर नेता प्रतिपक्ष अपना पहला भाषण दिया। राहुल गांधी 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे तक बोले। इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दे उठाए। डेढ़ घंटे के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सहित सरकार के टॉप छह मंत्रियों ने खड़े होकर 11 बार प्रतिवाद किया और राहुल को टोका।
राहुल गांधी ने उठाए ये मुद्दे
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखा कर की। राहुल गांधी जब हिंदू और हिंसा पर बोले तब प्रधानमंत्री मोदी ने उनको टोका। अग्निवीर पर बोले तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खड़े होकर प्रतिवाद किया। किसानों पर बोले तो कृषि मंत्रि शिवराज सिंह चौहान ने खड़े होकर जवाब दिया। गृह मंत्री अमित शाह और वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी राहुल के भाषण का प्रतिवाद किया। मोदी जी ने राहुल को दो बार टोका तो राजनाथ और अमित शाह ने तीन-तीन बार टोका। शिवराज और भूपेंद्र यादव ने एक-एक बार प्रतिवाद किया। उनको टोका क्यों गया क्योंकि राहुल गांधी ने उनकी कमजोरी पर वार किया
राहुल गांधी ने कहा- किसानों ने ये कहा कि 16 लाख करोड़ उद्योगपतियों का कर्जा माफ हो सकता है तो हमारा भी थोड़ा सा कर दीजिए। किसान ने एमएसपी मांगी। आपने कहा क्या? आपने कहा कि आपको ये नहीं मिलेगी।ऐसे ही राहुल ने अग्निवीर योजना पर कहा- पूरा देश जानता है कि ये सेना की स्कीम है। सेना जानती है कि ये स्कीम सेना की नहीं पीएम का ब्रेन चाइल्ड है। राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो इस कानून को खत्म कर दिया जाएगा।
अपने डेढ़ घंटे के भाषण में मेडिकल में दाखिले की परीक्षा नीट में हुई गड़बड़ी का मुद्दा उठाया और सरकार पर इसके व्यवसायीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सात साल में 70 पेपर लीक हुए हैं और सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है।भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि ये जो लोग अपने को हिंदू कहते हैं वे 24 घंटे हिंसा हिंसा और नफरत नफरत करते रहते हैं। इस पर सदन में जम कर हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद खड़े होकर इस पर प्रतिवाद किया और कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर मामला है।
Rahul Gandhi के भाषण पर Speaker Om Birla ने चलाई कैंची
90 मिनट से ज्यादा की स्पीच में राहुल गांधी ने कई पंचलाइन भी मारी थी लेकिन उनको लेकर मचे बवाल के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने स्पीकर से शिकायत की राहुल गांधी के जिस भाषण परविपक्ष गदगद हो रहा था उसी पर स्पीकर ने कैंची चलाई स्पीकर ओम बिरला ने बड़ा एक्शन लेते हुए राहुल गांधी के भाषण के कई हिस्सों को कार्रवाई से हटा दिया है।आपको बता दे की क्या हटाया गया है
हिंदुओं और हिंसा को लेकर दिया गया बयान हटाया गया है। जब मैं पीएम मोदी की ओर देखता हूं तो वो नहीं मुस्कुराते हैं अंबानी और अडानी को लेकर दिया गया बयान भी काटा गया है।बीजेपी 24 घंटे नफरत और हिंसा फैलाती है। यह बयान भी हटाया गया।अग्निवीर को लेकर दिया गया बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि अग्निवीर सेना की नहीं बल्कि पीएमओ की योजना है।अल्पसंख्यकों के साथ BJP द्वारा अनुचित व्यवहार किए जाने वाला बयान कोटा में पूरी परीक्षा सेंट्रलाइज्ड है और अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए है ये बयान भी हटाया गया
राहुल गांधी ने किया दिए संदेश ?
दरअसल राहुल के इस भाषण में कई संदेश और संकेत छिपे हैं। सत्ता पक्ष विपक्ष कांग्रेस लोकसभा स्पीकर और जनता…सभी के लिए।सत्ता पक्ष के लिए मैसेज यही रहा कि इस बार वह विपक्ष के वार सहे बिना नहीं रह सकता। राहुल ने अपने अंदाज में सरकारी एजेंसियों संस्थाओं के कथित दुरुपयोग मणिपुर महंगाई एमएसपी अग्निपथ बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा। उनके भाषण के करीब 20 मिनट बाद ही प्रधानमंत्री को उठना पड़ा।..
राहुल ने जनता को यह मैसेज दिया किउन्होंने जो कहा वो कर रहे है वह उनसे जुड़े मुद्दों पर लोकसभा में बात करेंगे। मणिपुर हिंसा महंगाई बेरोजगारी ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग के आरोप जैसे मुद्दों पर जो बात वह अक्सर बाहर कहते हैं वही बात उन्होंने सदन के अंदर भी कही।
राहुल गांधी ने स्पीकर को विपक्ष की आवाज को जगह देने और बिना भेदभाव कार्यवाही चलाने का मैसेज भी दिया। राहुल ने पूछा- माइक का कंट्रोल किसके हाथ में है। मेरे भाषण के बीच में माइक ऑफ हो जाता है। साफ-साफ यह तक याद दिला दिया कि आप सदन में नरेंद्र मोदी से झुक कर मिलते हैं विपक्ष के नेता से नहीं।राहुल के पूरे भाषण के दौरान सत्ता पक्ष ने कई बार स्पीकर से संरक्षण की मांग करते हुए नियमों का हवाला देते हुए राहुल के खिलाफ व्यवस्था देने की गुहार लगाई।
राहुल ने इंडिया गठबंधन के अपने साथियों को संदेश दिया कि बतौर नेता प्रतिपक्ष वह सारे दलों की आवाज बनेंगे। यह कह कर उन्होंने गठबंधन की एकता बनाए रखने के लिए भी अपने साथियों को संदेश दे दिया। साथ ही यह भी संदेश दिया कि आगे भी मिल कर चुनाव लड़ने की जरूरत है। राहुल ने भाजपा से कहा- इंडिया गठबंधन इस बार आपको गुजरात में भी हराएगा।
राहुल के भाषण में कांग्रेस के लिए भी मैसेज है। एक मैसेज यह भी हो सकता है कि अब भाजपा को राम का जवाब शिव से दिया जाए। साथ ही राहुल गांधी पहले से मजबूत नेतृत्व क्षमता से लैस हैं।जनता को राहुल गांधी का मैसेज यही हो सकता है कि उनकी आवाज सदन में उठती रहेगी। जरूरत पड़ी तो नियमों की परवाह न करते हुए भी वह ऑफिशियल वर्जन के उलट जनता के मन की बात रखेंगे। जैसा कि अग्निवीर के मामले में उन्होंने किया। एक संदेश यह भी है कि भाजपा ने राहुल गांधी की जो छवि बनाई थी राहुल के बतौर नेता प्रतिपक्ष पहले भाषण से जनता उसकी सच्चाई परखे।खैर ये सब देख कर तो यही लग रहा है एक अकेला सब पर भारी का दाव उल्टा पड़ गया आपको क्या लगता है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ