Pooja Khedkar Controversy: दोस्तों यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया ये बात अब तक आप सबको पता चल गई होगी और ये मोदी जी के करीबी थे आपको ये तो याद होगा ही चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त ने इस्तीफा दे दिया था अब मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दियाउनसे कोई सवाल जवाब जानकारी ली जाए मतलब साफ है इससे पहले मोदी जी फसे इस्तीफा से दिया गया इस्तीफे की वजह चाहे निजी कारण बताएँ जा रहे है कहा जा रहा है उसका (IAS) पूजा खेडकर या किसी और विवाद से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? नहीं (UPSC Chairman Manoj Soni) मनोज सोनी के इस्तीफे के पीछे पूजा खेडकर का ही हाथ है ,,क्योंकि उनका इंटरव्यू लेने वाले (UPSC) मनोज सोनी ही थे क्या मोदी के करीबी का फसने का नंबर आया तो उसको बचाने की कोशिश है ये इस्तीफा मामला तो परीक्षा का ही है यूपीएससी अध्यक्ष का इस्तीफा ,,तो एनटीए प्रमुख क्यों बचे हुए हैं।क्या वो मोदी करीबी नहीं है जब ओम बिरला की बेटी बिना परीक्षा के आईएएस का पद संभाल रही है तो परीक्षा मे फर्जीवाड़ा आम स लगता है खैर हम बात पूजा खेडकर और मनोज सोनी के कनेक्शन की करेंगे अब सवाल ये (IAS Pooja Khedkar )ही है क्या बहुत बड़ा घोटाला हुआ है इसलीय पहले ही इस्तीफा दे दिया गया क्योंकि मनोज सोनी फसे तो मोदी भी फसएंगे और मोदी जी के लिए इस बार सत्ता बचानी जरूरी है
IAS पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार खामोश क्यों ?
आजकल पूजा खेडकर के फर्जीवाड़ा की चर्चा हर व्यक्ति की जुबान पर है पता नहीं कब से ये खेल चल रहा है और इसने कितने लोगों की जगहों पर कब्ज़ा किया होगा। महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर लगे इल्जामों से हर कोई वाकिफ है लेकिन उनके माता-पिता पर भी कम गंभीर आरोप नहीं हैं। जबकि पिता दिलीप खेडकर की तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई है। उनकी मां पर पिस्तौल से किसानों को डराने-धमकाने का आरोप है। उनके पिता पर किसानों की जमीन हड़पने जैसे संगीन इल्जाम हैं। इसकी जांच एसीबी कर रही है। पुणे पुलिस को दिलीप खेडकर की तलाश है। इसके लिए पुलिस ने तीन टीमें भी गठित कर दी हैं। अहमदनगर जाकर पड़ताल भी की है। लेकिन दिलीप गायब हैं। पूजा खेडकर भी अपनी मां के पिस्तौल वाले वीडियो पर खामोश हैं। खेडकर परिवार के तीनों सदस्यों पर अब प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है।
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार खामोश है। जो नीतिगत लापरवाही हुई और अब जो सवाल उठ रहे हैं उस पर सियासी हलकों में शोर है। मुख्यमंत्री ने भी तमाम सवालों से किनारा कर लिया है। बात यहीं तक नहीं रुकती है। खुलासा ये भी हुआ है कि आईएएस मैडम के पास करोड़ों की संपत्ति है जिसके जरिए उन्हें हर साल करीब 44 लाख रुपए की आमदनी होती है।
पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 821वीं रैंक हासिल की है। उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार को आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ अपना नाम अपने पिता और माता का नाम अपनी फोटो/हस्ताक्षर ईमेल आईडी मोबाइल नंबर और जन्मतिथि आदि बदलकर अपनी पहचान बदल ली।
पूजा पर हो रही करवाई
इन पर धोखाधड़ी करने के आरोप में आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई है। यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने भी पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी धोखाधड़ी आईटी एक्ट और विकलांगता एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उम्मीदवारी रद्द करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयन से रोक लगाने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
यूपीएससी ने यह भी कहा कि पूजा ने पहचान छिपाकर तय सीमा से ज़्यादा बार परीक्षा दी। संघ लोक सेवा आयोग ने आईएएस पूजा खेडकर पर एफआईआर करने के साथ ही कारण बताओ यानी शो कॉज नोटिस भी जारी किया है। सिविल सर्विस परीक्षा के लिए बनाए गए नियमों के आधार पर ही उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है सीएसई 2022 में उनका कैंडिडेचर रद्द किया जा रहा है और भविष्य में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी के लिए भी उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उन पर रोक लगाई जा रही है।
पूजा खेड़कर अगर जिला कलेक्टर को अनाप शनाप नहीं बोलती तो सब कुछ दबा ही था बाद में सब कुछ उजागर हो गया।पूजा खेडकर ने पिछले साल जब यूपीएससी का इंटरव्यू दिया तो जिस बोर्ड में उनका इंटरव्यू हुआ उसके चेयरमैन मनोज सोनी खुद थे। इंटरव्यू के बाद पूजा खेडकर ने मीडिया को इस बारे में बताया था। उस समय मनोज सोनी यूपीएससी के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे क्योंकि उनसे पहले के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी को बीच में हटना पड़ा था। अब आप खुद ही सोचिए मनोज सोनी लगातार दूसरे अध्यक्ष हैं जिनका कार्यकाल बीच में ही खत्म हो गया है।मोदी जी ने 10 साल में 8 बार यूपीएससी का चेयरमैन बदला जबकि उससे पहले मनमोहन की सरकार में 2008 से 2014 तक 6 साल तक एक ही डायरेक्टर रहे अब मोदी जी किसको बचाना क्या छुपाना चा रहे है और क्यों ये तो अब वही जाने
उनसे पहले प्रदीप कुमार जोशी यूपीएससी के अध्यक्ष थे। उनके किस्से और अनोखे हैं। वे 2015 में यूपीएससी के सदस्य बने थे और अगस्त 2020 में इसके चेयरमैन बने। उन्हें अप्रैल 2022 में कुछ विवादों की वजह से पद छोड़ना पड़ा। वे पहले 2006 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष थे। वहां भी उनक कार्यकाल विवादों से भरा रहा। राज्य में हुए भर्ती घोटाले यानी व्यापम घोटाले और उसके बाद इस मामले से जुड़े दर्जनों लोगों की असमय मौत का मामला उसी समय सामने आया था। बहरहाल यूपीएससी से हटे तो प्रदीप कुमार जोशी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के चेयरमैन बन गए। एनटीए ने नीट यूजी की परीक्षा कराई है जिसमें इतने विवाद हुए हैं। इस साल एनटीए की कई परीक्षाएं रद्द हुई हैं या टली हैं। इसके बावजूद कार्रवाई एनटीए के डीजी पर हुई चेयरमैन पीके जोशी पर नहीं।
क्या इस्तीफा है समाधान ?
क्या इसके लिए यूपीएससी के उच्च पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों से आए लोग जिम्मेदार हैं? यदि हां तो उन पर कार्रवाई कब? जिस सिस्टम में एक-एक नंबर के चलते उच्च स्तर का कंपटीशन होता है उसमें क्या केवल सतही तौर पर जांच कर पल्ला झाड़ना उचित है? नकली सर्टिफिकेट का सिस्टम एससी एसटी ओबीसी विकलांग और ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलने वाले मौके पर चोट करता है। क्या सर्टिफिकेट जांचने की कोई ठोस संस्थागत प्रणाली विकसित नहीं की जा सकती?’
ये समझ से परे है और विचारणीय है कि ये तमाम अधिकारी तब कहां सो रहे थे जब इतनी महत्वपूर्ण आईएएस परीक्षा में पूजा ने तमाम ग़लत जानकारियां दी थीं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले कल में होने वाली बड़ी तादाद में प्रतिभा पलायन निश्चित होगा जिसका दारोमदार फर्जीवाड़ा में माहिर हमारी सरकार का होगा। क्या इस्तीफा देना इस समस्या का समाधान है आपको क्या लगता है हमे अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ