Lok Sabha Election 2024: मछली-मटन पर सियासी वार, महंगाई-बेरोजगारी पर कब प्रहार ?
Lok Sabha Election 2024: चुनावी मौसम मे वादे बहुत है और वोटों को लेकर सियासी इरादे कुछ और ही दिखते है पिछले 23 दिनों से देश की राजनीति में दो चीजे सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग में है एक मछली और दूसरी मटन मछली मटन पर राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त महाभारत छिड़ी है मछली को क्या पता था वो सियासत मे फसेगी मछली मटन के इस plater में अब मुगल मानसिकता आक्रमण और मंदिर जैसे सियासी मसलों की एंट्री हो चुकी है
असल मुद्दे क्या है ?
जिन मुद्दों की एंट्री होनी चाहिए थी वो नहीं हुई जिनकी उमीद ..आम लोग जनता करती है की चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए दोस्तों सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों को असल मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए हमारी आपकी मतलब आम जनता की नजर मे मुद्दे है बेरोजगारी नौकरी मिलनी चाहिए युवाओ को इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ILO की रिपोर्ट के मुताबिक 83 % युवा बेरोजगार है पीछे पाँच सालों में आटा, चावल, दूध, दही, पेट्रोल, गैस सब दो तीन गुना महंगा हुआ महंगाई पर बात होनी चाहिए
शिक्षा पर, स्वास्थ्य पर ,महिलाओ की सुरक्षा पर, किसानों की आमदनी दोगुनी करने पर, गरीबों पर भुखमरी पर बात होनी चाहिए। क्योंकि भुखमरी का इंडेक्स कहता है 125 देशों की रैंकिंग में भारत 111वें नंबर पर है. 81 करोड़ लोगों को 5 kg अनाज दिया जाता है तो बात इस पर होनी चाहिए और खासतौर पर तब जब चुनावी वक्त बिल्कुल सामने हो
पीएम मोदी के मछली-मटन वाले बयान
एक तरफ मोदी सरकार के मंत्री बकायदा मीट का प्रमोस्न करते है जनता को गाइड करते है की कौन सा मीट खाना चाहिए हलाल मीट खाना चाहिए या झटका मीट और दूसरी तरफ क्यों बीजेपी धर्म की राजनीति के साथ अब खान पान का मुद्दा बना रही है ,मतलब मोदी सरकार के मंत्रियों का मीट के साथ मीट की दुकान पर जाकर विडिओ बनाना चलता है उनका प्रचार करना चलता है आप गिरिराज सिंह का ये विडिओ देख सकते है
मीट की दुकान पर जाकर कहते है सनानतनी भाइयों को झटका मीट खाना चाहिए मैं सभी हिंदुओं से कहता हूं आप अपने धर्म की रक्षा करें लोग अपने धर्म की रक्षा करें. हमारे धर्म में झटका है इसलिए हम झटका मीट खाएंगे. जो हलाल खाते हैं वो हलाल खाएं हम उनको मना करने नहीं जाएंगे.जबकि सनानतन धर्म मे मीट खाना ही नहीं चाहिए खैर मुद्दा खाने पीने का नहीं है मुद्दा ये है जब मोदी सरकार के मंत्री खुद मीट का प्रमोस्न करते है लोगों को खाने को कहते है तो क्या पीएम मोदी को मछली खाने का मुद्दा बनाना चाहिए आप मोदी जी का पहले ये विडिओ देखिए
सुना आपने पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सावन में मटन खा रहे थे नवरात्र के दिन में कुछ लोग नॉनवेज खा रहे हैं और भावना भड़काने के लिए वीडियो दिखा रहे हैं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता देशभर के मेरे परिवारजनों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में जुटे हैं। ये लोग सावन में एक सजायाफ्ता आरोपी के घर मटन खाते हैं। यही नहीं इसका वीडियो बनाकर देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं। वोट बैंक के लिए इनकी मुगलिया सोच को देशवासी कभी माफ नहीं करने वाले!’
मतलब की सावन में बीफ कंपनी से चंदा ले सकते है लेकिन नवरात्र में मछली नहीं खा सकते ये तो गजब का धंधा है प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के मछली खाने का एक वीडियो सामने आया है।
क्या इन मुद्दों से होगा 400 पार !
पीएम मोदी के हमले के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा बिहार के मुद्दों के बारे में बात नहीं करती । वे राज्य से पलायन कैसे रोकेंगे या सत्ता में आने पर अगले पांच वर्षों में क्या करेंगे इस पर बात नहीं कर रहे हैं।तेजस्वी ने कहा ‘मैं लंबे समय से नौकरियों के बारे में रोजगार के बारे में महंगाई के बारे में बोल रहा हूँ। वह इसका हिसाब नहीं देते। और अब तेजस्वी यादव नौकरी की बात करते करते अपना पूरा चुनावी कैम्पऐन मछली पर ले आए
क्या मोदी जी के पास सरकार के 10 साल की उपलब्धियां बताने को कुछ नहीं है जो अब ये बताया रहे है किसे किस महीने में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिएमतलब की पूरा चुनाव मुस्लिम लीग और हिन्दू मुस्लिम धर्म की राजनीति पर ही निकलेगा क्या देश के प्रधानमंत्री को खानपान को लेकर राजनीति करनी चाहिए क्या सरकार जी के पास वोट की अपील करने का एक यही तरीका बचा है देश के प्रधानमंत्री जी मछली खाने को मुद्दा बना रहे है क्या बीजेपी के पास वाकई में कोई चुनावी मुद्दा नहीं है 400 पार का नारा तो दे दिया क्या बिना असल मुद्दे के 400 पार हो जाएगाक्या असल मुद्दों महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठाया आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ