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Pathaan: जानिए फिल्म ‘पठान’ में कहाँ चली सेंसर बोर्ड की कैंची

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Pathaan: दोस्तों सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ‘पठान’ में कई चेंजेस करने के सुझाव दिए थे। इनमें कॉन्ट्रोवर्सियल सॉन्ग ‘बेशरम रंग’ में भी बदलाव शामिल है। डायलॉग चेंजेस से लेकर कई सीन को सेंसर किए जाने तक, सीबीएफसी ने ‘पठान’ में 10 से ज्यादा कट लगाने के लिए कहा था।रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रॉ’ शब्द को ‘हमारे’ से रिप्लेस किया गया है जबकि ‘लंगड़े लुल्ले’ की जगह ‘टूटे फूटे’, ‘पीएम’ की जगह ‘राष्ट्रपति या मंत्री’ और 13 जगहों से ‘पीएमओ’ शब्द हटा दिया गया है. ‘अशोक चक्र’ को ‘वीर पुरस्कार’, ‘पूर्व-केजीबी’ को ‘पूर्व-एसबीयू’ और ‘मिसेज भारतमाता’ को ‘हमारी भारतमाता’ से बदल दिया गया. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि स्कॉच शब्द को ‘ड्रिंक’ से बदल दिया गया था, जबकि फिल्म में दिखाई देने वाले टेक्स्ट ‘ब्लैक प्रिज़न, रूस’ को ‘ब्लैक प्रिज़न’ से रिप्लेस किया गया है. सेंसर बोर्ड ने इन बदलावों के साथ शाहरूख की ‘पठान’ को ‘U/A’ रेटिंग दी है. Pathaan फिल्म में कई सीन और डायलॉग्स पर कैंची चलाने के बाद फिल्म का रनटाइम 146 मिनट यानी 2 घंटे 26 मिनट हो गया है. हालांकि ये जानकारी नहीं है कि फिल्म में कितने सेकंड की फुटेज को सेंसर किया गया है.

‘Pathaan’ को U/A सर्टिफिकेट दिया गया है

दोस्तों ‘बेशर्म रंग’ की बात करें तो, रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्लोज अप शॉट्स, ‘साइड पोज़’ शॉट्स और ‘बहुत तंग किया’ लिरिक्स के दौरान सेंसुअस डांस मूवमेंट्स को सेंसर कर दिया गया है और उन्हें ‘सुटेबल शॉट्स’ से बदल दिया गया है. हालांकि, यह कंफर्म नहीं है कि दीपिका पादुकोण के विवादित ऑरेंज बिकनी को सेंसर किया गया है या नहीं,,ये अभी पता नहीं चला है वेल इन कट्स के बाद ‘पठान’ Pathaan को U/A सर्टिफिकेट दिया गया है.दोस्तों शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्‍टारर फिल्‍म ‘पठान’ Pathaan का फैंस को बेसब्री से इंतजार है. इस फिल्‍म के ट्रेलर तक के लिए लोग इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ट्रेलर से पहले ही इसके र‍िलीज गानों ने ही व‍िवाद को न्‍योता दे द‍िया है. ‘पठान’ Pathaan में ऑरेंज ब‍िक‍िनी पहनकर नाचती दीपिका को देख लोग भड़क उठे हैं.

‘बहुत तंग किया’ गाने के बोल के दौरान सेंसुअल डांस को हटा दिया गया है

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ‘स्कॉच’ शब्द को ‘ड्रिंक’ से बदल दिया गया था, जबकि फिल्म में दिखाई देने वाले टेक्स्ट ‘ब्लैक प्रिजन, रूस’ को ‘ब्लैक प्रिजन’ से बदल दिया गया था। इसके अलावा बेशरम रंग में दीपिका के कई सीन को साइड पोज से बदल दिया गया है। ‘बहुत तंग किया’ गाने के बोल के दौरान सेंसुअल डांस को हटा दिया गया है और दूसरे शॉर्ट्स लगाए गए हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि दीपिका पादुकोण के विवादित ऑरेंज बिकिनी पर सेंसर बोर्ड की कैंची चली है या नहीं। 

‘पठान’ 25 जनवरी, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी

बता दें कि सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित, ‘पठान’ 25 जनवरी, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.शाहरुख खान के फैंस फिल्‍म ‘जीरो’ की र‍िलीज के बाद से ही, यानी साल 2018 के बाद से ही शाहरुख को बड़े पर्दे पर देखने का इंतजार कर रहे हैं. पूरे 5 साल बाद 2023 में अब फैंस शाहरुख को एक बार फिर हीरो के अंदाज में फिल्‍म में देखने को बेकरार हैं,,आपका फिल्म पठान को लेकर क्या कहना है आप हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर जरूर बताएं और बाकि खबरों के लिए देखते रहिय जनता की आवाज

ऐसा पहले भी हो चुका है

जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल एक और बॉलीवुड फिल्म के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था. रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ के एक गाने ‘डांस का भूत’ में रणबीर कपूर का किरदार उछलकर पंडाल का घंटा बजा रहा है. उस सीन में रणबीर जूते पहने हुए थे. जिसको लेकर खूब हंगामा हुआ था कि जूते पहनकर कोई कैसे मंदिर का घंटा बजा सकता है. तब डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने उस सीन को गायब कर दिया था. 

सेंसर बोर्ड क्या है?

किसी भी फिल्म की सिनेमाघरों में रिलीज से पहले सेंसर सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. फिल्मों को ये सर्टिफिकेट केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से लेना होता है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड एक वैधानिक संस्था है. जिसे आम बोलचाल की भाषा में सेंसर बोर्ड भी कहा जाता है. सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 के अनुसार, ये बोर्ड फिल्मों को उनके कंटेंट के हिसाब से अलग-अलग सर्टिफिकेट देता है. सेंसर बोर्ड में अध्यक्ष और बोर्ड के 25 सदस्यों के साथ एडवाइजरी पैनल के 60 सदस्य होते हैं. इन सबकी नियुक्ति केंद्र सरकार की ओर से की जाती है.

किस तरह के सर्टिफिकेट देता है सेंसर बोर्ड?

सेंसर बोर्ड सभी तरह की फिल्मों को उनके अलग-अलग कंटेंट के हिसाब से चार तरह के सर्टिफिकेट देता है. सर्टिफिकेट देने से पहले फिल्म में किसी खास वर्ग की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने, हिंसा को सही ठहराने, जानवरों पर क्रूरता जैसे पैमानों पर सीन को देखा जाता है. अगर फिल्म में इस तरह का कोई सीन होता है, तो उस पर सेंसर बोर्ड की कैंची चल जाती है.  

U यानी यूनिवर्सल सर्टिफिकेट वाली फिल्म सभी प्रकार के दर्शक वर्ग के लिए होती है. वहीं, U/A सर्टिफिकेट वाली फिल्म को 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने पैरेंट्स या बालिग लोगों की निगरानी में देख सकते हैं. A सर्टिफिकेट वाली फिल्म को सिर्फ व्यस्क दर्शक ही देख सकते हैं. वहीं, S सर्टिफिकेट वाली फिल्म स्पेशल वर्ग के लोगों के लिए ही प्रमाणित की जाती है. 

क्या फिल्मों पर रोक लगा सकता है सेंसर बोर्ड?

सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत अगर फिल्म के किसी हिस्से से भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को ठेस पहुंचती है या इसे खतरा हो सकता है, तो फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. Pathaan फिल्म के किसी हिस्से से अदालत की अवमानना, किसी वर्ग विशेष की जबरन मानहानि ना हो रही हो. सेंसर बोर्ड इसका भी ध्यान रखता है. सेंसर बोर्ड किसी भी फिल्म के सर्टिफिकेशन में 68 दिनों से ज्यादा का वक्त नहीं ले सकता है. 

सेंसर बोर्ड को कई अधिकार मिले हुए हैं. जिसके जरिये वह Pathaan फिल्म को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर सकता है. हालांकि, ये किसी फिल्म पर बैन नहीं लगा सकता है. अगर सेंसर बोर्ड की ओर से फिल्म के किसी सीन पर आपत्ति जताई जाती है, तो इसे कांट-छांट कर या हटाने का आदेश भर दे सकता है. सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ फिल्म निर्माता कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

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