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Delhi Water Crisis: पानी के संकट से जूझती जनता और गर्म होती राजनीति, जल मंत्री Atishi ने शुरू किया Paani Satyagraha

Delhi Water Crisis: ऊपर सूरज की मार नीचे सियासी रारजी हाँ एक तरफ दिल्ली के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए घंटों लाइन में लगकर एक अलग युद्ध लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ नेता जुबानी जंग में व्यस्त हैं. केजरीवाल सरकार ने पानी फ्री के चक्कर में जनता को आज पानी खरीदने पर मजबूर कर दिया है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और उनके मंत्री जनता को पेयजल उपलब्ध कराने में विफल हो रहे हैं। अपनी नाकामी को छुपाने के लिए वे पड़ोसी राज्यों के सिर पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। अब तोजल मंत्री आतिशी (Atishi) ने आज से जंगपुरा विधानसभा के भोगल में (Paani Satyagraha) अनिश्चितकालीन अनशन शुरू(‘Paani Satyagraha’ on Delhi Water Crisis) किया जब तक दिल्ली वालों को हरियाणा (Haryana) से अपने हक का पानी नहीं मिलेगा तब तक अनशन पर रहेगी यह तो वही बात हुई की नाच न आए आंगन टेढ़ा।

जल संकट पर राजनीति बंद करें

दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर पिछले तीन हफ्ते से शोर मचाय़ा जा रहा है। दिल्ली में झुग्गी झोपड़ियों कॉलोनियों को तो छोड़िए अब दिल्ली के वीवीआईपी इलाकों में संसद भवन सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट राष्ट्रपति भवन मंत्रियों अफसरों सांसदों के बंगले और फ्लैट यहां तक कि राम मनोहर लोहिया लेडी हार्डिंग और कलावती शरण जैसे सरकारी अस्पताल भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। NDMC के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि 10 साल में अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में पानी की सप्लाई को दुरूस्त करने के लिए कुछ नहीं किया हर साल गर्मी में पानी की समस्या होती है और आम आदमी पार्टी के नेता इसका दोष हरियाणा की सरकार पर थोप देते हैं और जनता परेशानी झेलती है।

दोस्तों दिल्ली के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना दिल्ली सरकार का काम है। जिसे करने में वह बुरी तरह असफल रही है। और अब इस समस्या का समाधान करने की जगह वह आंदोलन कर रही है। जिस हरियाणा राज्य पर आम आदमी पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं। उस हरियाणा ने दिल्ली को 17 प्रतिशत ज्यादा पानी दिया है। लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार जल प्रबंधन का काम सही तरीके से अंजाम नहीं दे पा रही है।

राज्य सरकार की अकर्मण्यता के कारण पानी का बेतहाशा दुरुपयोग हो रहा है और टैंकर माफिया (Satyagraha regarding water) इस आपदा को अपने लिए कमाई का बेहतर अवसर मान कर पानी बेचकर अपनी तिजोरी भर रहा है।दिल्ली सरकार टैंकर माफिया की नाक में नकेल कसने की जगह उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। यह संकट प्राकृतिक नहीं है… बल्कि केजरीवाल सरकार द्वारा अपने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है

आप मंत्री काम करने मे हो रहे विफल

दिल्ली की हालत बहुत खराब है. पूरा शहर सूखा पड़ा है और केजरीवाल सरकार केवल नाटक कर रही है. दिल्ली की मंत्री आतिशी जमीन पर काम करने और कोई पर्याप्त कदम उठाने के बजाय अब अनशन कर रही है जी हाँ आतिशी ने ‘अनिश्चितकालीन उपवास’ की शुरुआत कर दी है. वह तब तक उपवास जारी रखेंगी जब तक दिल्ली को हरियाणा से पानी का “सही हिस्सा” नहीं मिल जाता. आतिशी ने कहा वह ‘सत्याग्रह’ की राह पर आगे बढ़ेंगी. आज से ‘अनिश्चितकालीन उपवास’ शुरू करेंगी. उन्होंने कहा कि हर संभव प्रयास के बावजूद हरियाणा सरकार दिल्ली को पूरा पानी नहीं दे रही है जिसके परिणामस्वरूप 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है.वही Sunita Kejriwal ने ‘पानी सत्याग्रह’ से पहले कहा- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली को पानी देने से इनकार कर दिया है. केजरीवाल ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है बल्कि एक-दूसरे की मदद करने का है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और दिल्ली के लोगों को राहत मिलेगी.केजरीवाल ने कहा मै जेल से देख रहा हु दिल्ली में पानी की किल्लत मुझे पीड़ा हो रही है ये सब देख कर ये सब एक ड्रामा ही है अगर इतनी चिंता होती तो जमीन पर काम किया जाता पानी की सप्लाइ को सही करने के लिए दिल्ली सरकार ने 10 सालों मे कुछ काम नहीं किया है

अपनी नाकामी का दोष दूसरों पर मढ़ती सरकार !

दोस्तों ये सच है कि सरकार को पहले से पता था कि गर्मी पड़ेगी पानी की कमी होगी लेकिन कोई प्लानिंग नहीं की गई। दिल्ली की सरकार हरियाणा को जिम्मेदार बताती रही हरियाणा की सरकार सफाई देती रही। पानी के लिए हरियाणा जिम्मेदार कानून व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार बिजली के लिए यूपी जिम्मेदार प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्य जिम्मेदार ओर तो ओर MCD के कामो के लिए तक PMO को जिम्मेदार बताने लगते है।जब सारी समस्याओं के लिए दूसरे राज्य ही जिम्मेदार है तो फिर दिल्ली सरकार क्या करती है?? इसका नतीजा ये है कि आज दिल्ली के लोग परेशान हैं बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं और दुख की बात तो  ये है कि ये सब देखकर भी नेताओं ने पानी के सवाल पर राजनीति करना नहीं छोड़ा। दिल्ली जल संकट पर नेता काम करे राजनीति न करें तो बेहतर रहेगा।खैर आपकी इसपर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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