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Bihar Politics: Bihar Floor Test मे गिरेगी सरकार, टाइम काट रहे Nitish Kumar !

Bihar Politics: दोस्तों बिहार में सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार को 12 फरवरी के दिन बहुमत साबित करना है. संख्याबल सरकारों के पक्ष में नजर आ रहा है लेकिन फिर भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स तेज है झारखंड के विधायक रांची लौटे तो अब कांग्रेस अपने बिहार के विधायकों को हैदराबाद भेज रही है. बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं जिनमें से 16 विधायकों को पार्टी ने हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. बाकी के तीन विधायकों के भी जल्दी ही हैदराबाद पहुंचने की बात कही जा रही है क्या बिहार में फ्लोर टेस्ट (Bihar Floor Test) पास नहीं कर पाएगी बीजेपी नीतीश सरकार (Nitish Kumar) क्या मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद timepass कर रहे है नीतीश कुमार ?

बिहार में क्या टूट के कगार पर JDU?

दोस्तों बिहार में राजनीतिक हलचल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और वहां पर लगातार गरमाहट बनी हुई है. नीतीश कुमार की अगुवाई में नवगठित NDA सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी. हालांकि फ्लोर टेस्ट में अभी 8 दिन का वक्त बचा हुआ है, लेकिन अपने-अपने विधायकों को बचाने की कवायद तेज हो गई है. कांग्रेस ने अपने 16 विधायक हैदराबाद भेज दिए हैं. अब खबर है कि नीतीश की पार्टी JDU के 9 विधायक आरजेडी और कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं.

महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने उसी दिन 28 जनवरी को नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ले ली थी. नीतीश ने महागठबंधन और विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर फिर से नई सरकार बनाई. नई सरकार के गठन के बाद नीतीश सरकार पहले 10 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने वाली थी. लेकिन अब 12 फरवरी को बहुमत साबित करेगी.

इस बीच कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 9 विधायक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के लगातार संपर्क में बने हुए हैं. इसीलिए नीतीश के बाद झारखंड में नई सरकार बनाने के बाद भी हम बहुमत साबित कर रहे हैं जबकि नीतीश 12 फरवरी को करने वाले हैं. सूत्रों ने बताया कि वह बहुमत साबित करने को लेकर ज्यादा समय ले रहे हैं क्योंकि वो टाइम काट रहे हैं. उनके 9 विधायक हमारे संपर्क में हैं. जेडीयू में टूट की संभावना जताई जा रही है.

टाइम काट रहे हैं नीतीशः कांग्रेस सूत्र

वहीं, नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि बिहार में खेला अभी बाकी है. आरजेडी की ओर से जीतनराम मांझी की पार्टी को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिए जाने की खबरें भी आई थीं. मांझी से लेकर उनके बेटे संतोष मांझी तक ने तब दो टूक कहा था कि हम एनडीए में हैं और एनडीए में ही रहेंगे. लेकिन अब मांझी एनडीए को तेवर दिखा रहे हैं. यह तेवर नीतीश कैबिनेट में भागीदारी बढ़ाने लोकसभा चुनाव के लिए सीटें पाने की कोशिश में प्रेशर पॉलिटिक्स है या बिहार में खेला अभी बाकी है?

हिंदी बेल्ट के दो राज्यों में दो फ्लोर टेस्ट होने हैं और इससे पहले विधायकों के छिपने-छिपाने का खेल जारी है. दोनों ही राज्यों में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स जोरों पर है तो उसकी वजह क्या है? झारखंड में कुछ विधायकों के टूटने में सत्ता की तस्वीर बदल सकती थी ऐसे में विधायकों के छिटकने का डर समझ आता है लेकिन बिहार में जहां कांग्रेस विपक्ष में है और नंबर गेम पहले से ही सत्ता पक्ष के पक्ष में. ऐसे में यहां रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की वजह क्या है? झारखंड से बिहार तक रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं- एकजुटता बनाए रखने की कोशिश और परसेप्शन की लड़ाई में पिछड़ने से बचने की कवायद.

दोस्तों लोकसभा चुनाव में अब अधिक समय नहीं बचा है और बीजेपी ने जिस तरह से दूसरे दलों के नेताओं को अपने साथ लाने के लिए जिस तरह से स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है उसने विपक्ष की टेंशन बढ़ा दी है. बिहार और झारखंड में सियासी अफरातफरी जैसी स्थिति है और ऐसे माहौल में विधायकों के,, नेताओं के पाला बदलने का खतरा सामान्य परिस्थितियों के मुकाबले कहीं अधिक रहता है.

बिहार और झारखंड में क्यों एक्टिव है INDIA ब्लॉक?

नीतीश के जाने से इंडिया गठबंधन को पहले ही बड़ा झटका लग चुका है. चुनावी साल में बीजेपी की रणनीति विपक्ष को और झटके देने की हो सकती है जिससे परसेप्शन की लड़ाई में पार्टी अपरहैंड ले सके. ऐसे में कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपना कुनबा बचाए रखने एकजुटता बनाए रखने की है. कांग्रेस अब अगर बिहार में सरकार के साथ बहुमत की तस्वीर साफ होने के बावजूद अपने विधायकों को हैदराबाद भेज रही है तो वह इसी रणनीति का हिस्सा लग रहा है.

दोस्तों नीतीश कुमार जिस एनडीए मे सामील हुए है वहाँ की भी हालत खराब है और नीतीश कुमार की खुद की पार्टी में टूट की संभावना है तो क्या वाकीय मे जो दावा आरजेडी ओर काँग्रेस कर रही है की नीतीश कुमार timepass कर रहे है क्या वो सच साबित होने वाला है क्या अभी बिहार मे खेला बाकी है आपकी इस पर क्या राय है हमे comment कर जरूर बताएँ

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