मानव अंगों की कमी को दूर करने के लिए सूअर के अंगों का इस्तेमाल करने के लक्ष्य के करीब एक और कदम आगे बढ़ाया गया है। न्यूयॉर्क विश्विद्यालय (NYU) के सर्जनों ने आनुवांशिक रूप से पैदा किए गए सूअर के दिलों (Pig Hearts) को दो ब्रेन-डेड लोगों (Brain Dead Pepole) में सफलतापूर्वक ट्रासप्लांट किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान बताया गया कि जून और जुलाई में तीन दिन के एक प्रयोग के दौरान ट्रांसप्लांट किया गया।
इस दौरान सूअर के दिलों ने सामान्य रूप से काम किया। उनके संचालन में किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है। डॉक्टरों ने बताया कि दो महीने पहले ही मार्च में मैरीलैंड विश्वविद्यालय में 57 वर्षीय व्यक्ति को इसी प्रकार से आनुवांशिक रूप से सूअर का दिल ट्रांसप्लांट कर लगाया गया था। लेकिन ट्रांसप्लांट के बाद हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। हांलाकि, ट्रांसप्लांट कर लगाया गया नया दिल किस वजह से विफल हो गया ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है।
शोध और जांच के बाद प्रक्रिया की गई पूरी
शोधकर्ताओं ने बताया कि न्यूयॉर्क विश्विद्यालय (NYU) ने रिविविकोर इंक (Revivicor Inc) के जरिए सूअरों के दिलों की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उनमें पाए जाने वाले वायरस की जांच के लिए उन्नत निगरानी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस जांच के दौरान सूअर के दिलों में पाए जाने वाले साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) नामक सूअर के वायरस का कोई निशान नहीं दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि मैरीलैंड के व्यक्ति के खून में ये वायरस पाया गया था, हो सकता है कि उस मरीज की मौत इसी वायरस के कारण हुई हो।
बता दें कि अमेरिका के डॉक्टर्स ने इसी साल जनवरी में एक इंसान के शरीर में सूअर का दिल ट्रांसप्लांट करने में कामयाबी हासिल की थी। लेकिन उसके दो महीने बाद ही उस व्यक्ति की मौत हो गई थी। उस समय व्यक्ति की मौत की सही वजह नहीं बताई गई थी।