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Lok Sabha Election 2024: मोदी सरकार में बदले जा सकते हैं यूपी कोटे के मंत्री

narendra modi

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Modi Cabinet Expansion: दोस्तों लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें चुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई. वहीं इन सब के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. बीजेपी की नजर यूपी पर है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार होता है तो फिर यूपी को तरजीह दी जाएगी. केंद्र में यूपी कोटे में भी बदलाव तय है.

लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को बेहद अहम माना जा रहा है. मोदी मंत्रिमंडल में फिलहाल विस्तार की ज्यादा गुंजाइश नहीं है बता दे की ऐसे में कुछ मंत्रियों को बाहर करने के बाद नए चेहरों को एंट्री दी जा सकती है. यूपी कोटे से अगर मंत्रियों की छंटनी की जाती है तो फिर बीजेपी दलित, ओबीसी और ब्राह्मण चेहरे पर दांव चल सकती है. ऐसे में मौजूदा मंत्रियों के सिर पर खतरे की तलवार लटक रही है.

इन चेहरों को मिल सकता है मौका

उत्तर प्रदेश से महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्र टेनी समेत 4 मंत्रियों की कुर्सी खतरे में है. पांडेय का विभाग भारी उद्योग पर शिवसेना का दावा रहा है. यूपी कोटे से संजीव बालियान का कद बढ़ाया जा सकता है. पांडेय और टेनी का पत्ता कटता है, तो उनकी जगह ब्राह्मणों को साधने के लिए लक्ष्मीकांत वाजपेयी या हरीश द्विवेदी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. वाजपेयी और द्विवेदी दोनों अभी राष्ट्रीय संगठन में कार्यरत हैं.

जातीय समीकरण पर जोर

बीजेपी में यूपी कोटे से पिछड़े वर्ग के कई चेहरे शामिल हैं. माना जा रहा है कि जातीय समीकरण को प्रभावित किए बिना चेहरा बदला जा सकता है. इसके अलावा किसी दलित चेहरे को जगह मिल सकती है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल ब्राह्मण चेहरों को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं की जा रही हैं. इन चेहरों में बदलाव किया गया तो फिर किसी युवा चेहरे को मौका दिया जा सकता है.

आगामी चुनाव की तैयारी को देखते हुए मोदी 2.0 का ये अंतिम विस्तार है. लोकसभा चुनाव से पहले इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. माना जा रहा है नए बदलाव में इन राज्यों को भी हिस्सेदारी दी जा सकती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही ये बदलाव किए जा सकते हैं.

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