दोस्तों संसद का मानसून सत्र सोमवार 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। जिसमें करीब 24 नए बिलों को पेश करने का प्रस्ताव है। इस संसद सत्र के ठीक पहले स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला आज शाम 4 बजे संसद पुस्तकालय भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस बैठक के दौरान संसद सत्र में कामकाज और अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में तमाम बड़े दलों के नेता शामिल हो सकते हैं।
पेश होंगे 24 नए बिल
मोदी सरकार इस मानसून सत्र में कई नए बिल लेकर आ रही है। बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर 24 नए बिलों को संसद में रखा जाएगा। साथ ही कोशिश होगी कि इसी सत्र में सभी को पास कराया जाए। इन बिलों में सहकारिता क्षेत्र में सुधार और डिजिटल मीडिया से जुड़े अहम बिल भी शामिल हैं। हालांकि कुछ बिल ऐसे हैं भी हैं, जिन पर संसद में बवाल हो सकता है।
इन बिलों पर हो सकता है हंगामा
The Multi State Cooperative Societies ( Amendment ) Bill 2022 एक बेहद अहम बिल माना जा रहा है। सहकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त कमान संभालने के बाद से ही अमित शाह ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था। बिल का मुख्य उद्देश्य एक से अधिक राज्यों में काम कर रहे क़रीब 1500 कोऑपरेटिव संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता लाना और उन्हें सशक्त बनाने के लिए साधन जुटाने की शक्ति देना है।
Press & Registration of Periodicals Bill 2022 भी बेहद अहम है, क्योंकि पहली बार इस बिल के ज़रिए डिजिटल मीडिया को भी मीडिया के एक अंग के रूप में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।आपको बता दे कि नया बिल 1867 के पुराने क़ानून की जगह नया कानून बनाने के लिए लाया गया है। बिल में डिजिटल मीडिया के भी रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है।
महंगाई और अग्निपथ योजना पर कांग्रेस करेगी विरोध
संसद के इस मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी है। कांग्रेस ने कहा है कि वो संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, सेना में भर्ती की नई ‘अग्निपथ’ योजना, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और जनहित के कई अन्य मुद्दे दोनों सदनों में उठाएगी। पार्टी के संसद मामलों के रणनीतिक समूह की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की।
बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी। संसद का यह सत्र खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान भी होना है। दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा। उपराष्ट्रपति पद के लिए अगर निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतों की गणना भी होगी।