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Shivaji statue collapse: चुनावी लाभ के लिए बनाई शिवाजी महाराज की मूर्ति चुनाव से पहले ही गिरी

Shivaji statue collapse: मोदी जी जिन जिन चीजों का उद्घाटन करते है वो धराशाई हो जाती है एयरपोर्ट का उद्घाटन करा तो उसकी छत गिर गई सड़कों का उद्घाटन किया तो उनमे  गड्डे हो जाते है पूल गिरना मूर्तियों का करते है तो वो धराशाई हो जाती है  ऐसी मामले सोचने पर मजबूर करते है क्या मोदी की गारंटी china के प्रोडक्ट की तरह है जो टिकती ही नहीं देखने मे तो अच्छी लगती है पर इसकी कोई गारंटी नहीं की कितनी चलेगी पर कम से कम चाइना के प्रोडक्ट की एक साल तक की गारंटी तो होती है लेकिन मोदी की गारंटी (Modi ki guarantee) तो 1 साल भी नहीं पकड़ती  अरबों की लागत से बने पुल हाइ वेटं की उज्जैन में अरबो की लागत से बनी 50 सो मूर्तिओ के ढहने के बाद अब (Chhatrapati Shivaji Maharaj statue that collapsed) शिवाजी महाराज की मूर्ति भी ढह गई. मोदी राज मे भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा  आठ महीने पहले हीपीएम मोदी ने महाराष्ट्र में  शिवाजी महाराज  की प्रतिमा का अनावरण किया था जो कल ढह गई मूर्ति नहीं ये मोदी जी का विकास भ्रष्टाचार भरभरा कर ढह रहा है  अमृतकाल के जश्न में डूबे देश में क्या ऐसा ही विकास संभव है

मूर्ति चुनाव से पहले ही गिरी

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार को गिर गई. इसका अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि मालवन में राजकोट किले में दोपहर करीब 1 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिर गई. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ गिरने के सही कारण का पता लगाएंगे लेकिन जिले में पिछले दो-तीन दिनों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं तो ये भी वजह हो सकती है. इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत में ठेकेदार और आर्टिसरी कंपनी के मालिक जयदीप आपटे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट डॉक्टर चेतन पाटिल पर लापरवाही और काम की खराब गुणवत्ता के साथ-साथ प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

FIR दर्ज कराई गई

जयदीप आपटे कल्याण में रहते हैं जबकि डॉक्टर पाटिल कोल्हापुर के रहने वाले हैं. दोनों पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं विशेष रूप से धारा 109 110 125 और 318 (3) (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्रतिमा ढहने के संबंध में एक एसिस्टेंट इंजीनियर और पीडब्ल्यूडी अधिकारी अजीत पाटिल ने सिंधुदुर्ग पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.एफआईआर में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने 20 अगस्त को ठेकेदार जयदीप आपटे को एक ईमेल भेजा था जिसमें उन्हें नट और बोल्ट पर जंग लगने के बारे में सचेत किया गया था और कहा गया था कि प्रतिमा को खतरा है. हालांकि इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.

भारतीय नौसेना ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान के बारे में गहरी चिंता जाहिर की है. राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ मिलकर नौसेना ने इस घटना की वजह का पता लगाने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना को लेकर जरूरी उपाय करने के लिए एक टीम भेजी है. इससे पहले पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी हालात का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे. 

इतनी लागत से बनी थी प्रतिमा

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने पर 3600 करोड़ रुपये की लागत आई थी. 1 नवंबर 2018 महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दी थी और 3700.84 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई थी जिसमें साइट का सर्वेक्षण और जांच से लेकर पुलिस द्वारा सुरक्षा उपाय शामिल थे.प्रोजेक्ट के 2018 में एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल से पहले 2013 की बाद की अवधि में परियोजना पर कुल 36.86 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था जिसपर 8 करोड़ रुपये की लागत आई थी

विपक्ष में मोदी सरकार को घेरा

इतने कम समय में प्रतीमा ढहने पर बीजेपी और पीएम मोदी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने इसके निर्माण में भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण-सामग्री का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है ‘हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।’शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा “सिंधुदुर्ग में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति आज ढह गई। मोदी जी ने पिछले साल दिसंबर में इसका उद्घाटन किया था। ठेकेदार कौन था? क्या यह सही है कि यह काम ठाणे के ठेकेदार को दिया गया था? ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? ठेकेदार ने ‘खोके सरकार’ को कितना ‘खोके’ दिया?”

महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने पीटीआई से कहा ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर गई है। यह अपमान है। क्या यह सरकार इसमें भी भ्रष्टाचार करेगी? शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने निरीक्षण के लिए घटनास्थल का दौरा किया और आरोप लगाया कि घटिया काम के कारण मूर्ति गिरी। उन्होंने कहा ‘राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है। मूर्ति के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों की गहन जांच होनी चाहिए।’इसी तरह का आरोप एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने लगाया और कहा ‘राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखभाल नहीं की।

सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया। इसने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मूर्ति का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया।’ महाराष्ट्र सरकार केवल नए टेंडर जारी करती है कमीशन स्वीकार करती है और उसी के अनुसार टेंडर देती है।’ आप खुद ही बताइए जहां जहां भी फीता काटा वहां वहां घाटा ही घाटा हुआ है या नहीं आपको नहीं लगता ..मोदी सरकार का विकास ख़ुद अपने भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा हैअपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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