पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों पर कीमतों का बोझ और बढ़ने वाला है। जी हाँ दोस्तों जीएसटी काउंसिल की चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गए कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा हुई है और कुछ पर चर्चा चल रही है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले दिन दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त या ब्रांडेड चीजों पर जीएसटी लगाने का फैसला हुआ है। इससे अब इन वस्तुओं के लिए ग्राहकों को अधिक रकम चुकानी होगी। इसके अलावा अब होटल में रुकना, बैकिंग और एजुकेशन में भी जीएसटी की महंगाई देखने को मिलेगी। जीएसटी की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी मौजूद थे। इस बैठक में इन वित्त मंत्रियों की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार किया गया है। आइए जानते हैं कि जीएसटी दरों में बदलाव का लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
होटल में रुकना होगा महंगा
अगर आप अक्सर होटल्स में रुकते हैं, तो आपकी जेब पर बोझ अब बढ़ने वाला है। अब एक हजार रुपये रोजाना से कम किराए वाले होटल रूम पर 12 फीसद की दर से जीएसटी लगेगा। अभी तक इस पर कोई जीएसटी नहीं लगता था। इस तरह अब आपका होटल में रुकना महंगा होने वाला है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच फीसद जीएसटी लगाने की भी सिफारिश की गई है।
ये वस्तुएं हो जाएंगी महंगी
जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान जिन वस्तुओं पर दरें बढ़ाई गई हैं। उनमें प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले आटा और चावल शामिल हैं। भले ही वो गैर-ब्रांडेड क्यो न हों, उनपर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। इसके अलावा मीट, मछली, दही, पनीर और शहद जैसे प्री-पैक्ड और लेबल्ड खाद्य पदार्थों पर भी इसी दर से टैक्स लगेगा यानी ये सभी खाद्य पदार्थ अब महंगे होने जा रहे हैं। इसके अलावा गुड़, विदेशी सब्जियां, अनरोस्टेड कॉफी बीन, अनप्रोसेस्ड ग्रीन टी, व्हीट ब्रान और राइस ब्रान को भी छूट से बाहर रखा गया है। नई दरें 18 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगी।
आपको ये भी बता दे की बैठक के दौरान सोलर वॉटर हीटर, फिनिश्ड लेदर पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, बिजली से चलने वाले पंप, डेयरी मशीनरी को 12 फीसदी के दायरे से हटाकर अब 18 के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा अनाज की मिलिंग मशीनरी पर टैक्स 5 सदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
बैंकिंग काम होगा महंगा
अब चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा लिये जाने वाला शुल्क भी जीएसटी के दायरे में आएगा। जीएसटी काउंसिल ने यह फैसला लिया है। चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा।
स्टूडेंट्स के ये सामान हो जाएंगे महंगे
अगर आप स्टूडेंट हैं, तो अब आपको कुछ सामानों के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी। जीएसटी काउंसिल ने चार्ट पेपर और एटलस नक्शे पर 12 फीसद जीएसटी लगाने का फैसला किया है। हालांकि, ये गैर ब्रैंडेड हैं और खुले में बिक रहे हैं, तो जीएसटी छूट जारी रहेगी।
सोना और कीमती पत्थर हो सकते हैं महंगे
जीएसटी काउंसिल ने सोना और कीमती पत्थरों की अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की राज्यों को मंजूरी दी है। इससे इन सामानों की कीमतों में कुछ तेजी आ सकती है।
ट्रांसपोर्टेशन होगा सस्ता
ट्रांसपोर्ट सेक्टर में रोपवे पर जीएसटी दर में कटौती को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद माल ढुलाई सस्ता होने की संभावना है। इसके अलावा ईंधन लागत सहित माल ढुलाई को किराए पर देने और टूर पैकेज के विदेशी कंपोनेंट्स को जीएसटी से छूट देने पर भी सरकार की ओर से राहत देने का फैसला लिया गया है। काउंसिल ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से कम किया जाए।
दोस्तों बैठक के आखिरी दिन राज्यों को जीएसटी मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 1 अगस्त को होनी है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के समूह से 15 जुलाई तक घुड़दौड़, ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो पर कर की दर पर फिर से विचार करने को कहा है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर भी कोई चर्चा नहीं की गई।