Haryana : आने वाले दिनों में फरीदाबाद और गुरुग्राम में मोबाइल की तरह बिजली मीटर रिचार्ज होगा। जैसे ही रिचार्ज का वक्त खत्म होगा, बिजली कट जाएगी। इसके लिए अगले महीने से प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगने जा रहे हैं। हरियाणा Haryana में पहली बार इन दोनों जिलों से इस काम की शुरुआत होने जा रही है। फरवरी से फरीदाबाद में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए NIT सब-डिविजन से शुरुआत होगी। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी को कम किया जा सकेगा। दिसंबर 2023 तक दोनों जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। Haryana हरियाणा सरकार ने 2019 में प्रदेश के 22 जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई थी। योजना के तहत प्रथम चरण में फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, करनाल, पंचकूला सहित पांच जिलों को शामिल किया गया। फरीदाबाद और गुरुग्राम में पहले चरण में पांच लाख मीटर लगाए जाने थे। गुरुग्राम में करीब 3 लाख 70 हजार और फरीदाबाद में 1 लाख 20 हजार मीटर लगाए जाएंगे। बिजली निगम के अधिकारियों के मुताबिक समय पर मीटर नहीं मिलने से काम में देरी हुई।
गलत बिल की दिक्कत होगी दूर
स्मार्ट मीटर लगाना ऑप्शनल नहीं कंपलसरी होगा। Haryana स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में करीब साढ़े छह लाख बिजली उपभोक्ता हैं। रोजाना लाखों रुपये की बिजली चोरी होती है। स्मार्ट मीटर GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) आधारित होंगे। इनसे छेड़छाड़ करना मुश्किल होगा। गलत रीडिंग की समस्या खत्म हो जाएगी। Haryana गलत बिल की समस्या दूर होगी। स्मार्ट मीटर में प्रीपेड सुविधा की तकनीक भी उपलब्ध होगी। Haryana इससे उपभोक्ता को बिजली खपत की सही जानकारी मिल सकेगी। स्मार्ट मीटर से लोगों को पीक लोड कंट्रोल की सुविधा का भी लाभ भी मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त स्मार्ट मीटर को अपने मोबाइल से भी जोड़ा जा सकेगा। उस पर सीधे रीडिंग देखी जा सकेगी। Haryana
इन हिस्सों में पहले होगा काम
NIT व आसपास के क्षेत्र। इनमें सेक्टर-14, 15, 16, 17, सेक्टर-21ए, 21बी, 21सी को शामिल किया जाएगा। ग्रीनफील्ड कॉलोनी, ग्रीनवैली आदि कॉलोनियों को भी पहले चरण में रखा जाएगा। इसके बाद सभी सेक्टर में मीटर लगाए जाएंगे। Haryana Haryana फिर कॉलोनियों में मीटर लगने शुरू होंगे। बिजली निगम स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के लिए बिजली निगम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ मिलकर काम कर रहा है। Haryana विभाग प्रथम चरण में दो लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाएगा। Haryana
स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं की शिकायतें होंगी दूर
स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं की शिकायतें होंगी दूर: स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को शिकायत दूर होगी, Haryana उनका बिल गलत नहीं आएगा. दक्षिण हरियाणा की बात करें तो गुरुग्राम के बाद अब फरीदाबाद ऐसा दूसरा जिला होगा, जहां स्मार्ट मीटर लगने जा रहा है. हालांकि बिजली निगम की योजना कई सालों से चल रही थी, Haryana लेकिन किसी न किसी वजह से यह रुक जाता था. अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल बिजली निगम ने एक कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. Haryana हाल ही में कंपनी अधिकारियों ने बिजली निगम के सर्कल कार्यालय में अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ और बिजली निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें फैसला लिया गया कि एनआईटी डिवीजन से स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी, जिसका काम फरवरी के अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा.
पहले मैनुअली मीटर रीडिंग होती थी
पहले मैनुअली मीटर रीडिंग होती थी: पहले बिजली मीटर की मैनुअल रीडिंग होती थी. बाद में इसे इलेक्ट्रॉनिक्स मीटर में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद फिर से घरों के अंदर से निकालकर घर के बाहर दीवारों और खंभों पर यह मीटर लगाए गए. बाद में बिजली निगम को बहुत सी शिकायतें आने लगी कि उनकी जितनी रीडिंग है उससे कई गुना बिल आया है. Haryana शिकायत का सिलसिला लगातार बढ़ता गया, जिसके मद्देनजर अब बिजली विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
दो तरह के स्मार्ट मीटर
दो तरह के स्मार्ट मीटर: वैसे स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. आपको बता दें यह मीटर घर के बाहर लगे बिजली खंभों पर ही लगेगा. 1 खंभों पर 8 मीटर ही लगेंगे. यह स्मार्ट मीटर दो तरह के होंगे यानी प्रीपेड और पोस्टपेड. दोनों तरफ से यह मीटर काम करेगा फिलहाल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पोस्टपेड भी लगाए जाएंगे. Haryana इसमें महीने या 2 महीने में जितनी बिजली की खपत होगी, उसी के हिसाब से रीडिंग बिजली निगम के कंट्रोल रूम में ऑनलाइन दर्ज होगी.उसके बाद वहां से इसे दिल में तब्दील करके उपभोक्ताओं तक भेजा जाएगा जैसे पहले एक या 2 महीने बाद बिजली का बिल आता था वैसे ही स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी 1 या 2 महीने के बाद ही बिजली बिल उपभोक्ताओं को मिलेगा. बिल रीडिंग के अनुसार सही होगा, इसलिए उपभोक्ताओं को यह शिकायत नहीं होगी कि उनका बिल यूनिट से ज्यादा भेजा गया या बिजली के मीटर में यूनिट ज्यादा दिखा रहा है.
इन जिलों में लग चुके है मीटर
गुरुग्राम, करनाल, फरीदाबाद व पंचकूला में 5 लाख प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जा चुके हैं। शीघ्र ही इन जिलों मे 20 लाख मीटर लगाए जाएंगे व इसके बाद यह योजना अन्य जिलों में लागू की जाएगी। प्रदेश के 84 प्रतिशत गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाने के फायदे
प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को बिजली के लिए अपनी पसंदीदा कंपनी के चुनाव का हक मिलेगा। इसका मतलब बिजली उपभोक्ताओं किसी भी कंपनी की बिजली सुविधा लेने को स्वतंत्र होगा।
बिजली उपभोक्ता जितना रिचार्ज कराएगा, वह उतनी ही बिजली खर्च कर पायेगा।
बिजली बकायादार कहलाने की नौबत ही नहीं आएगी।
रिचार्ज के आधार पर बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे के अंदर बिजली मुहैया कराई जाएगी।
जब बिजली का उपयोग किया जाता है तो इसमे स्वचालित रूप से अलार्म का उपयोग होता है अगर घर में बिजली का लोड अधिक होगा अथवा शेष बैटरी अपर्याप्त होगी तो इसका अलार्म स्वचालित रूप से काम करेगा। जिसकी मदद से उपभोक्ता बिजली लोड या समय पर रिचार्ज को करने के लिए याद दिलाएगा।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ता को बिजली बिल नही प्राप्त होगा। क्योंकि रिचार्ज करने के पर बिजली बिल की जरूरत ही नहीं होगी।
जब बिजली का बिल नहीं आएगा तो उसे भरने के लिए आपको बिजली केंद्र के चक्कर काटने की भी जरूरत नहीं होगी।
मैनुअल मीटर रीडिंग की भी जरूरत खत्म हो जाएगी। अर्थात आपके बिजली मीटर की रीडिंग लेने के लिए बिजली कर्मचारी को आपके घर पर आने की आवश्यकता नही होगी।
बिजली सम्बंधित कर्मचारी साफ्टवेयर की मदद से आसानी से स्टेशन से ही हर एक घर की बिजली की खपत की गणना कर पाएंगे।
इसके साथ ही मीटर रीडिंग के दौरान होने वाली चूक, जैसे बिल बढ़ाकर भेज दिए जाने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।
कोई भी बिजली उपभोक्ता प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर लगी डिस्प्ले स्क्रीन के माध्यम से आसानी से वर्तमान शेष बिजली बिल, बिजली की शेष राशि, और पिछले महीने खपत बिजली की मात्रा के माध्यम से पता चल सकता है, जिससे बिजली उपभोक्ता को स्वयं के बिजली की खपत के बारे में पता चल जाएगा।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर मे लगे डिवाइस से करेगा मीटर काम
प्रीपेड स्मार्ट मीटर मे एक ऐसा डिवाइस लगा रहता है, जो मोबाइल टावर्स के माध्यम से सिग्नल बिजली कंपनियों में लगें रिसीवर तक पहुंचाता है। इससे बिजली कंपनियों के दफ्तरों से मीटर की रीडिंग की निगरानी की जाती है।
साढ़े छह लाख स्मार्ट मीटर हरियाणा में लग चुके हैं
पायलट प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा में 10 लाख और उत्तर प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगने थे,लेकिन हरियाणा में अभी तक करीब साढ़े छह लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, जबकि बाकी बचे साढ़े तीन लाख स्मार्ट मीटर इस साल के अंत तक लग जाएंगे। वही आने वाले पांच सालो में 80 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे।
फर्जी मीटर रीडिंग पर लगेगी रोक
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से फर्जी मीटर रीडिंग पर रोक लगेगी। इससे पहले बिजली कर्मचारी लोगों से मिलकर अपनी मर्जी से रीडिंग ले जाते थे। जिसे बिजली की खपत अधिक होती थी।
स्मार्ट मीटर लगवाने पर मिलेगी बिल में पांच प्रतिशत की छूट
प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाने पर लोगों को बिल में पांच प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी। इससे बिजली चोरी पर नकेल कसी जायेगी,क्योकि यह मोबाइल की तरह रिचार्ज करवाना पड़ेगा। यदि रिचार्ज नहीं किया तो कनेक्शन खुद कट जाएगा।
बिजली चोरी को पकड़ना आसान होगा
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की सहायता से यह भी पता लगाया जा सकता है कि उपभोक्ता अपने घर में रहते हुए बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। यानी बिजली की चोरी पकड़ना बहुत आसान होगा। बिजली के लाइन लास में भी काफी मदद मिलेगी।
बिजली तंत्र पर अबकी बार खर्च होगी 20 प्रतिशत राशि
हरियाणा सरकार बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए अबकी बार करीब 3200 करोड़ रुपया खर्च करने वाली हैं जबकि पिछले साल यह राशि 2690 करोड़ रुपये थी। यह इस बार की राशि में 20 प्रतिशत अधिक है। बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास ने बताया कि प्रदेश सरकार का जोर नई लाइनें बिछाने, नए खंभे व तार डालने, नए सब स्टेशन खोलने व पुराने सब स्टेशनों को अपग्रेड करने, नए फीडर लगाने, बिजली संप्रेषण की व्यवस्था में सुधार करने तथा नए टांसफार्मर लगाने पर होगा।
Haryana गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और करनाल में पुराना मीटर खराब होने या नए कनेक्शन में स्मार्ट मीटर लगेगा
प्रदेश में केंद्र सरकार की एजेंसी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को पहले चरण में इस साल के अंत तक दस लाख स्मार्ट मीटर लगाने हैं, परंतु परियोजना का काम सुस्त चल रहा है। हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन आरके पचनंदा और सदस्य नरेश सरदाना को सौंपी रिपोर्ट में ईईएसएल के महाप्रबंधक रजनीश राणा ने इसे स्वीकार भी किया है।
एचईआरसी के सामने ईईएसएल ने माना, परियोजना में हुआ विलंब, वर्ष 2023 तक पूरा करेंगे लक्ष्य
जून में 45 हजार 500 स्मार्ट मीटर लगाने के लक्ष्य के विपरीत 7137 मीटर ही लगाए जा सके, जबकि जुलाई में 24 हजार मीटर के लक्ष्य के विपरीत 7531 स्मार्ट मीटर लगाए गए। अब इस परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
वहीं, बिजली निगमों ने योजना को पंख लगाने के लिए योजना बनाई है कि चार जिलों में जो नए कनेक्शन दिए जाएंगे या फिर जले व खराब मीटर बदले जाएंगे, उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर से ज्यादा रीडिंग की शिकायतें भी खत्म होंगी।