Ghaziabad Rapid Rail : दोस्तों मुख्य ट्रायल रन की तैयारियां के बीच छह कोच की चौथी रैपिड रेल दुहाई डिपो पहुंच गई है। गुजरात के सांवली स्थित एल्सटॉम प्लांट से चौथी रेल को पटरियों में उतारने के साथ उसके तकनीकी परीक्षण शुरू हो गए हैं। बता दे की ऐसे में मुख्य ट्रायल रन में अब चार ट्रेनें शामिल होंगी। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि अंतिम चरण के कार्य पूरा होते ही ट्रायल रन की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी। Ghaziabad Rapid Rail अब चारों रेल सेट का दुहाई डिपो में स्टेटिक और डायनामिक तकनीकी परीक्षण जारी है।
Ghaziabad Rapid Rail 82 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाने के कार्य में तेजी
दोस्तों दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल का 82 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाने के कार्य में तेजी आ गई है। मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर रैपिड रेल चलनी शुरू हो जाएगी। Ghaziabad Rapid Rail दिसंबर 2023 तक दुहाई से मेरठ के शताब्दीनगर तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य है। इस हिस्से में मोदीनगर से संजय वन के बीच 450 पिलर तैयार हो चुके हैं, जबकि वायडक्ट का 80 फीसदी कार्य हो गया है। Ghaziabad Rapid Rail
आपको बता दे की सात मई 2022 को आरआरटीएस ट्रेन की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंपी गई थी। तब से अभी तक आरआरटीएस के दो ट्रेनसेट पहले ही दुहाई डिपो पहुँच चुके हैं। मेक इन इंडिया दिशानिर्देशों के तहत देश की प्रथम रीजलन रेल के लिए 100 प्रतिशत ट्रेनसेट भारत में सावली गुजरात में स्थित एल्सटॉम के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में निर्मित किए जा रहे हैं।
पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 40 सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनसेट डिलीवर होंगें। जिसकी 15 वर्षों के लिए रोलिंग स्टॉक मेंटिनेंस के साथ बंडलिंग की गई है। इनमें से 30 ट्रेनसेट आरआरटीएस के लिए और 10 ट्रेनसेट एमआरटीएस के लिए प्रयोग की जाएंगी। Ghaziabad Rapid Rail राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम का दावा है कि तय लक्ष्य के मुकाबले कई महीने पहले ही रैपिड रेल ट्रैक पर आ जाएगी। दुहाई से साहिबाबाद के बीच 95 प्रतिशत कार्य हो चुका है। दो रैपिड ट्रेन दुहाई डिपो में पहुंच चुकी हैं। Ghaziabad Rapid Rail
वहीं मेरठ के हिस्से में कादराबाद से संजय वन तक चार मोदीनगर नॉर्थ, परतापुर, मेरठ साउथ व रिठानी स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इन स्टेशनों का पहला फ्लोर बनकर तैयार हो गया है। दूसरे फ्लोर को बनाने के बाद लिंटर डालने की तैयारी है। वायडक्ट निर्माण के बाद डिवाइडर पर लगे बैरिकेड हटाए जा रहे हैं। स्टेशनों के दोनों और अंडरग्राउंड नाले तैयार किए जा रहे हैं। दो से तीन दिन में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के ऊपर स्टील ब्रिज रखने के बाद स्लैब लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।