Joe Biden On Modi: मोदी जी कहते थे न खाऊंगा,, न खाने दूंगा,, लेकिन यह नहीं पता था कि ,,वह ना प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, ,,ना करने देंगे। जी हाँ ,,जी 20 का सम्मेलन हो रहा था ,,जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति,, भारत आए और ऐसे में खबर सामने आती है कि,, बाइडन से सवाल नहीं पूछ सकेंगे. अमेरिकी पत्रकार की भारत सरकार ने नहीं मानी गुहार ,,हुआ ये की ,,जो बाइडन के साथ में जो अमेरिकी पत्रकार,, अमेरिका से भारत आए , अमेरिकी मीडिया जो भारत आयी , वह चाहती थी कि जब ,,इन दोनों नेताओं की मुलाकात हो तो ,,उसके बाद में कुछ सवाल पूछे जाएं।, अब इसको लेकर के जो बाइडन का जो प्रशासन है,, वो तैयार हो गए। ,,ठीक है,, कुछ सवाल आप करना चाहते हैं तो कर लीजिये।
लेकिन चूँकि दोनों लोगों से सवाल पूछने थे,, दोनों नेताओं से सवाल पूछने थे।,,तो दूसरी तरफ जब (PM Modi) मोदी सरकार से,, इस बारे में पूछा गया तो मोदी सरकार ने ,,इसकी अनुमति नहीं दी।, ये खबर देखिए आप द वायर ने इसको अंग्रेजी में छापा।, ये खबर जो है वह कहीं पर दिखाई नहीं दे रही है।,,और इस खबर में बिल्कुल साफ साफ लिखा है। ,,कि किस तरह से एक कहानी पूरी हुई है।, दरअसल हुआ यह है कि जो बाइडन के साथ में जो पत्रकार आए हैं,, उन्होंने कहा कि हम सवाल पूछना चाहते हैं ,,और उसके बाद में अमेरिका के प्रेस सचिव जो है,, उन्होंने अपनी तरफ से कह दिया की हम लोग तैयार हैं,, लेकिन मोदी सरकार ने इस बारे में जवाब नहीं दिया
भारत में g 20 संपन्न हुआ
देखिये जी 20 का सम्मेलन हुआ , और दुनिया का एक सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश ,,और दुनिया का एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश दोनों मौजूद रहे ।, दोनों देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति हो ,,वो मौजूद है ,,और दोनों की मुलाकात के बाद में ,,मीडिया अगर कुछ सवाल पूछना चाहता है ,,तो सवालों की अनुमति नहीं है ,,जबकि लोकतंत्र के अंदर सवाल सबसे पहले आते हैं।,,जहाँ पर सवाल जवाब है,, वही लोकतंत्र है और जहाँ पर एक तरफ़ा संवाद है वहाँ पर तो। लोकतंत्र तो नहीं है। ,,इस तरह की चीजें हम राजशाही में जरूर देखते थे।
भारत में g 20 संपन्न हुआ ,,और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों के सामने आकर एक भी ,,सवाल का जवाब नहीं दिया। ,,उल्टा वो हाथ हिलाकर चले गए। आप ये वीडियो देखिए ,अब पत्रकार भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। ,,सबसे शॉकिंग प्रधानमंत्री आते हैं,, और हाथ हिलाकर चले जाते है।, इतना मीडिया वहाँ पर खड़ा हुआ है।,,कम से कम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लेते।,,और सबसे शॉकिंग बात ,,अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को।,,वियतनाम जाना पड़ता है ,,और वहाँ पर खड़े होकर बोलना पड़ता है कि,, मैंने प्रधानमंत्री को नसीहत दी। , ,,की एक आज़ाद दृष्टि के क्या मायने होते हैं? ,,मानवाधिकार के सम्मान के क्या मायने होते हैं?
कांग्रेस ने पोस्टर जारी करते हुए कहा
दोस्तों फ्री प्रेस अमेरिका ,में तो फ्री प्रेस है ही ना?,,अमेरिका में प्रेस पर कोई अंकुश नहीं है।,,फ्री प्रेस को लेकर कहा सवाल उठ रहा है,, कौन सा देश निचले पायदान पर आता है?, आप भी जानते है दोस्तों।,,तो ज़ाहिर सी बात है कि मानवाधिकार के सम्मान,, फ्री प्रेस को लेकर अगर यहाँ पर,,, जो बाइडन किसी को नसीहत दे रहे हैं ,,,तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत दे रहे हैं ,,और सबसे शॉकिंग उन्हें वियतनाम जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है,, क्योंकि भारत में उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत नहीं दी जाती। ,,क्यों? क्योंकि अगर जो बाइडेन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते।,,तो प्रधानमंत्री को भी सवालों के जवाब देना पड़ता।,,हमारे पत्रकार तो भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं।,,मगर अमेरिकी पत्रकार उनसे मुद्दों पर सवाल पूछते ,,और ज़ाहिर सी बात है ये भाजपा को स्वीकार्य कैसे होता?
कुछ प्रोटोकोल का हवाला देकर की इस चीज़ को नकार दिया गया है। ,,लेकिन अब इसको लेकर के कांग्रेस ने सवाल पूछे हैं ,,और कांग्रेस ने कहा है अमर उजाला ने छापा है ,,ये जी 20। मोदी बाइडन की पक्षीय बैठक के बाद मीडिया से सवालों की अनुमति नहीं,, कांग्रेस ने केंद्र पर लगाए आरोप। , कांग्रेस ने पोस्टर जारी करते हुए कहा है कि,, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ आए पत्रकार ,,ये पत्रकार पीएम मोदी और बाइडन से सवाल करना चाहते थे।, अमेरिका की सरकार सवालों के लिए तैयार थी, लेकिन मोदी सरकार ने पत्रकारों से सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी। ,,वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 161 नंबर पर भारत है। 180 देशों की लिस्ट में ये रैंकिंग साल दर साल गिरती जा रही है। करीब करीब जो है वो 141 वें स्थान पर कुछ समय पहले हम थे, लेकिन उसके बाद में 20 स्थान और हम गिर गए।,,ये कांग्रेस की तरफ से ट्वीट किया गया है।
Joe Biden ने क्या कहा
ये देखिए आप ,,जो बाइडेन क्या कह रहे है,, सुना अपने ,,कहा कि हमने शक्तिशाली और समृद्ध देश बनाने में मानवाधिकार के सम्मान,, सिविल सोसाइटी और फ्री प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका को उठाया है।,,और यही नहीं, दोस्तों। g20 का जो घोषणापत्र है,, जो डिक्लेरेशन है,, उसके पॉइंट 78 में। ,,धार्मिक आजादी की बात कही गई है।,,उसमें कहा गया है कि धार्मिक आज़ादी हर देश में बहुत जरूरी है ,,और भारतीय जनता पार्टी और उससे सहयोगी संगठन ,,जो अक्सर नफरत का प्रचार प्रसार करते रहते हैं,, उन्हें g20 की घोषणा पत्र के 78 पर गौर करना चाहिए।
We also emphasize that freedom of religion or belief, freedom of opinion or expression, the right to peaceful assembly, and the right to freedom of association are interdependent ,inter-related and mutually,reinforcing and stress the role that these rights can play in the fight,, against all forms of intolerance and discrimination based on religion or belief
पॉइंट 78 यहाँ साफ तौर पर ये कह रहा है की ,,हमने धार्मिक आजादी पर ज़ोर दिया।,,अभिव्यक्ति की आजादी पर ज़ोर दिया और ,,एक जगह पर शांतिपूर्ण ढंग से इकट्ठा होकर ,,अपनी बात कहने पर ज़ोर दिया।,,क्योंकि इन तमाम चीजों से यानी धार्मिक आजादी,, शांतिपूर्ण ढंग से एक जगह पर इकट्ठा होना ,,और विचारों की अभिव्यक्ति, ,,इससे लोकतंत्र मजबूत होता है।, अब आप बताइए,, धार्मिक आजादी को लेकर जब इस देश की माइनॉरिटी ,,इस देश के मुसलमान इस देश के सिख अपनी धार्मिक परंपरा पर अमल करना चाहते हैं ,,तो किस पॉलिटिकल पार्टी और किस पॉलिटिकल पार्टी के सहयोगी संस्थाओं को दिक्कत होती है?, बताइए?और पीसफुल असेम्ब्ली एक जगह पर इकट्ठा होकर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहना,, याद है आपको? हमारे महिला पहलवानों को किस तरह से दिल्ली पुलिस ने सड़क पर घसीटा था, ,,उन्हें वहाँ से हटाया था।,आपकी क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ