Site icon जनता की आवाज

G20 India: G20 Summit से पहले पर्दे के पीछे गरीबी छिपा रही सरकार

G20 India

G20 India

G20 India: देश की राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की तैयारियां अपने आख़िरी पड़ाव पर हैं। छावनी में तब्दील दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बल की तैनाती दिखाई दे रही है।, इस शिखर सम्मेलन को लेकर कई ख़ास गाइडलाइन जारी की गई हैं।, जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर दिल्ली की बेहद ख़ूबसूरत तस्वीरें छाई हुई हैं, और देश की खूबसूरत तस्वीर दिखाने के लिए एक बार फिर से मोदी सरकार ने गरीबों की झुग्गी झोपड़ियों पर ग्रहण लगा दिया है।

G20 Summit के बड़े बड़े पोस्टर लगे

ये विडिओ देखिए आप इसमें रोड के किनारे किनारे हरे परदे लगे हुए दिखाई दे रहे है। उन हरे परदे पर जी 20 मीटिंग के बड़े बड़े पोस्टर लगे हुए हैं।, इन पोस्टर्स में मोदीजी मुस्कुरा रहे हैं ,और कहीं लिखा हुआ है इन्डिया वेलकम जी 20 डेलिगेट्स ,,कहीं लिखा हुआ है टाइम फॉर इंडिया स्प्रेफैंसी यानी की। इंडिया जी 20 के सदस्यों का स्वागत करता है, और अब इन्डिया की प्रेज़िडेन्सी का समय आ गया है, या अब इन्डिया लीड करने वाला है।,, इसी तरह के तमाम पोस्टर्स लगे हुए हैं लेकिन दोस्तों इसी हरे परदे के पीछे छुपी हुई है। देश की असली तस्वीर इसी हरे परदे के पीछे देश की वो गरीबी छुपी हुई है जिसको विदेशी मेहमानों के सामने छुपाया जा रहा है। हर बार छुपाया जाता है इस बार भी छुपाया जा रहा है क्योंकि अगर ये दिख गया तो बजते हुए डंके की आवाज फीकी पड़ जाएगी। इस तस्वीर को शेयर करते हुए किसी ने लिखा “ग़रीबी हटाओ से, ग़रीबी छिपाओ तक” जबकि किसी ने लिखा “ग़रीबों को ढक दिया गया” दोस्तों, इस तरह से गरीबों की बस्तियों को छुपाने का काम, सरकार पहली बार नहीं कर रही है

मुंबई में G20 Summit हुआ

इससे पहले जब मुंबई में जी 20 शिखर सम्मेलन हुआ था,, तब भी इसी तरह से झुग्गियों को छुपाया गया था। ,,तब वहाँ के एक निवासी ने बताया था,, कि हमने पिछले 50 साल में इस तरह का स्वच्छता अभियान कभी नहीं देखा है। ,,शख्स ने मुंबई की सच्चाई को छुपाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था।,,, वहीं जब अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प,, भारत यात्रा के लिए आए थे तब तो गुजरात में बकायदा आधा किलोमीटर की ईंट की दीवार खड़ी कर दी गई थी।, तब आरोप लगा था की ये दीवार 2000 से ज्यादा गरीब परिवारों को छुपाने के लिए बनाई गयी है। दोस्तों, इन इलाकों को इस तरह से ढक दिया गया है,,, कि सड़क पर निकलने के दौरान इन पर किसी की नजर ना पड़े।

कुली कैंप को हरे परदे से ढक दिया

ऐसा लगता है की सौंदर्यीकरण के नाम पर रातों रात उनकी बस्तियों पर पर्दा डाल दिया गया। यानी की जी 20 बैठक के लिए राजधानी दिल्ली की, चमक दमक के पीछे की तस्वीर उतनी रंगीली नहीं है। दोस्तों तैयारियों के दौर में बुलडोजर चले,, सालों पुराने घर टूट गए। नई दिल्ली की जनता को झुग्गियों में रहने वालों को जब पता चला कि जी 20 नाम की एक बड़ी बैठक उनके घर से 500 किलोमीटर की दूरी पर होने वाली है तो उन्हें लगा कि इसका फायदा तो उन्हें जरूर मिलेगा लेकिन असल में ऐसा हुआ नहीं। स्थानीय लोगों की मदद करने वाले,,, ऐक्टिविस्ट का कहना है कि,, दिल्ली को सुंदर बनाने की मुहिम में लगे लोगों के घर,, छीन लिए गए। ,,हालांकि सरकार का कहना है कि, अन् आधारित मकानों को ही तोड़ा गया है और यह मुहिम कोई नई नहीं है।

झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का विस्थापन हुआ

‘ग़रीबी नहीं हटानी, ग़रीब को ही छिपा देना है’. ब्यूटीफिकेशन के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए,,,, लेकिन ये इलाका छूट गया और ,,,शायद लास्ट मिनट में उसका यही तरीका समझ में आया।, लेकिन जिस वक़्त G-20 में आर्थिक विकास पर चर्चा हो रही होगी ,,,,,उस दौरान देश का वो तबका ,,,कहां होगा जिसे ग़रीबी की वजह से छिपा दिया गया। ,,,ग़रीबों के नाम पर सत्ता में आने वाले,, नौ साल सत्ता में रह कर,,, विकास की बात करने वालों की,,,, नज़र में इस हरे परदे के पीछे रहने वाले लोग कहां हैं?,, विदेशों के सामने दिखावा करने के लिए ,,,,अगर अपने ही बेघर हो जाए तो, ये कहाँ तक सही है? आपकी क्या राय है इस पर ,,,कमेन्ट कर जरूर बताएँ

Exit mobile version