Ram Mandir: दोस्तों देश में बस एक ही मुद्दा चल रहा है और उस मुद्दे से सभी वाकिफ है हर न्यूज चैनल में हर अखबार में राम मंदिर छाया हुआ है बस फरक इतना है की daily अलग अलग headline के साथ मिलता है, जैसे टाटा टी नए पैक में दोस्तों headline बेसक अलग हो पर एक चीज कॉमन है वो है मंदिर पर राजनीति पक्ष विपक्ष सियासत की इस दोड़ ऐसे लगे है की उन्हे होश तक नहीं किया कह रहे है विडिओ चलानी है सुना दोस्तों आपने संजय राऊत ने दावा किया है की राम मंदिर वहाँ नहीं बनाया जा रहा जहां बाबरी मस्जिद गिराई गई थी बल्कि उससे 3 km दूर बनाया जा रहा है क्या सच में जन्म स्थान से 3 km दूर बन रहा है राम मंदिर
दोस्तों गूगल मैप का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था और जिस ज़मीन को लेकर इतने विवाद हुए, असल में मंदिर उस जगह पर नहीं बल्कि उससे 3 किलोमीटर दूर बन रहा है. देखते ही देखते कई नेताओं ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया.
‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’, पर झूठा दावा वायरल
मनीष जेठवानी नाम के यूज़र ने गूगल मैप का एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया जिसमें दो जगहों पर घेरा बनाया गया है. एक घेरा अयोध्या में बन रहे श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर लगा है वहीं दूसरा घेरा एक और लोकेशन पर लगा है जिसमें (Babar Masjid permanently closed) लिखा है. इसे शेयर करते हुए दावा किया गया कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया वहां राम मंदिर नहीं बन रहा है बल्कि दूसरी जगह पर बन रहा
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी,, विकास बंसल ने संजय राऊत का बयान ट्वीट करते हुए लिखा , भगवान राम का जन्म उस जगह पर हुआ था जहां बाबरी मस्जिद थी और इसी वजह से उसे गिराया गया था. लेकिन मंदिर वहां से 3 किलोमीटर दूर बनाया जा रहा है. ,,इसके साथ ही इस बयान में संजय राऊत ने सवाल उठाया कि अगर मंदिर 3 किलोमीटर दूर बनानी थी तो मस्जिद गिराकर हिन्दू-मुस्लिम में इतनी नफरत क्यों फैलाई?
स्कालर फ़ज़ील अहमद ने भी मीडिया को दिए एक इंटेरव्यू में कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर उस जगह से 3 किलोमीटर दूर है जहां बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था
राम मंदिर की जगह बदली !
और इसी को लेकर मोहमद जूबेर ने खुलासा किया है इसका fact check करते हुए बताया की वायरल स्क्रीनशॉट में एक जगह अयोध्या में बन रहे ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ है जो साफ तौर पर दिखाई दे रही है, दूसरी जगह के बारे में जानने के लिए गूगल मैप पर खोजा तो पाया कि अयोध्या में इस लोकेशन पर सीता-राम बिरला मंदिर है. गौर करने वाली बात ये है कि गूगल मैप में मौजूद सेटेलाइट इमेज, ज़ूम करने पर ये सीता-राम बिरला मंदिर के स्ट्रक्चर से बिल्कुल मेल खाता है. यानी, इस लोकेशन पर सीता-राम बिरला मंदिर है यहां बाबरी मस्जिद नहीं थी.
वायरल स्क्रीनशॉट में गौर करने वाली बात है उसपर बाबरी मस्जिद नहीं बल्कि बाबर मस्जिद लिखा है. जब इससे जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए गूगल मैप पर सर्च किया तो पाया कि ये गलत मार्किंग सीता-राम बिरला मंदिर पर ही की गई थी इस मस्जिद के रिव्यू में बाबरी मस्जिद की तस्वीर अपलोड की गई थी.
इंटरनेट पर सर्च करने पर बाबरी मस्जिद की कई तस्वीरें मिली हालांकि उन तस्वीरों में से किसी भी स्ट्रक्चर का मिलान करना मुश्किल है. इसी क्रम में 2 ऐसी तस्वीरें मिली जो मस्जिद के दो विपरीत दिशाओं से ली गई थी इन दोनों तस्वीरों में कुछ स्ट्रक्चर्स दिखाई दे रहे हैं. चूंकि 2011 में राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था और कोई भी बड़ा कंस्ट्रक्शन जैसा बदलाव नहीं हुआ था इसलिए वहां के स्ट्रक्चर पुराने की तरह ही है. 2011 के सैटेलाइट इमेज से इन तस्वीरों में मौजूद स्ट्रक्चर्स का मिलान किया तो पाया कि ये उसी जगह की तस्वीर है जहां हाल में राम मंदिर बन रहा है. यानी, जिस जगह पर बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ उसी जगह पर राम मंदिर बन रहा है.
कुल मिलाकर दोस्तों शिवसेना नेता संजय राऊत समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने सीता-राम बिरला मंदिर के बारे में झूठा दावा किया कि वो बाबरी मस्जिद है और राम मंदिर उससे 3 किलोमीटर की दूरी पर बन रहा है. जबकि असल में राम मंदिर उसी जगह पर बन रहा है जहां बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था.
दोस्तों विपक्षी नेता को कुछ शेयर करने से पहले fact check कर लेना चाहिए पर ये क्यों चेक करेंगे , इन्हे तो बस एक मुद्दा चाहिए हमला करने का ये भी नहीं देखते की क्या बोला जा रहा है अच्छी बात है राजनीति करनी चाहिए पर कम से कम राम के नाम पर तो राजनीति न करे अमृतकाल में मंदिर को लेकर ऐसी सियासत अपने आप में शर्मनाक है आप इस पूरे मुद्दे पर क्या सोचते है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ