ED Actions Against Opposition Leaders: दोस्तों हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को ed ने गिरफ्तार कर लिया है और अब ed ने दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरिवाल को 5 वा समन भेजा है अगला नंबर किसका केजरिवाल का या tejashvi यादव का या लालू यादव का या फिर राहुल गांधी का या ये कहे बारी बारी सबका आखिर कौन होगा ed का अगला शिकार आखिर बीजेपी चाहती क्या क्या लोकसभा चुनाव से पहले सारा विपक्ष जेल चला जाए
दोस्तों बीजेपी कहती है की ये सब भ्रष्टाचार के नाते हो रहा है भ्रष्टाचार की कारवाई के चलते ये सब हो रहा है दोस्तों हम भी मानते है भ्रष्टाचार पर कारवाई होनी चाहिए पर विपक्ष के खिलाफ ही क्यों अगर बीजेपी सिद्धांतों पर बनी रहती तो अजित पवार, छगन भुजबल, हेमंत बिसवा, नारायण राणे बहुत लंबी लिस्ट है ये बीजेपी पार्टी मे अहम पदों पर विराजमान न होते
ED के निशाने पर क्यों है विपक्षी नेता?
विपक्षी दलों के इन नेताओं के अलावा आरजेडी नेता लालू यादव, तेजस्वी यादव से लेकर टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, अशोक गहलोत के बेटे, शरद पवार के रिश्तेदार, शिवसेना यूबीटी के संजय राउत, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, केसीआर की बेटी तक पर ईडी की किसी न किसी तरह की कार्रवाई चल रही है। नेहरू-गांधी परिवार में सोनिया और राहुल भी ईडी की जाँच के दायरे में हैं। यानी चुनाव से पहले पूरे के पूरे विपक्ष पर ईडी का किसी न किसी तरह का मामला है।
हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया अब चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्रीं होंगे अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 5वीं बार समन भेजा और 2 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। अब केजरिवाल पेश होंगे या नहीं क्या पता कल ed केजरिवाल को गिरफ्तार कर ले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार हाल के दिनों में लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में ईडी के आरोप पत्र के मुताबिक लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव, पत्नी और बेटी भी केस में शामिल हैं। लैंड फॉर जॉब से जुड़े ऐसे सात मामले हैं जिसकी केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही है। इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती आरोपी हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले ईडी ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मानेसर जमीन अधिग्रहण में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के लिए ईडी ने सोमवार को हरियाणा के पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से करीब सात घंटे पूछताछ की। 12 दिन के भीतर ईडी ने दूसरी बार हुड्डा से पूछताछ की है। इससे पहले ईडी ने 17 जनवरी को इसी मामले में उनसे करीब सात घंटे पूछताछ की थी।
ईडी ने पुणे में इसी महीने बारामती एग्रो से जुड़े 6 ठिकानों पर छापा मारा था। ये कंपनी शरद पवार के पोते रोहित पवार से जुड़ी हुई है। बताया गया कि ये छापेमारी महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में की गई। कंपनी पर 5 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा।
ईडी ने नवंबर महीने में गांधी परिवार से जुड़े एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड यानी एजेएल और यंग इंडिया की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। इनमें 662 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल की और 90 करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडिया की है। ईडी के अनुसार इन सारी संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से हासिल किया गया था और इन्हें मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून यानी पीएमएलए के तहत फिलहाल अस्थायी रूप से जब्त किया गया है। इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।
ईडी ने मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के ‘खिचड़ी घोटाले’ से संबंधित धन शोधन के एक मामले में शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत के छोटे भाई संदीप राउत से पूछताछ की। वैसे, खुद संजय राउत भी ईडी के निशाने पर रहे हैं। संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट की ओर से नवंबर 2022 में जमानत दे दी गई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी कथित बंगाल स्कूल रोजगार घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी के सामने पेश हो चुके हैं। ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मैंने कथित स्कूल रोजगार घोटाले की जांच में सहयोग किया है।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे भी ईडी के निशाने पर हैं। नवंबर महीने में ही ईडी ने वैभव गहलोत को समन जारी कर पूछताछ की थी। मीडिया से बातचीत में वैभव गहलोत ने बताया था कि उन्हें फ़ेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत समन दिया गया था लेकिन उनका इससे कोई वास्ता नहीं है।
भ्रष्टाचार के मामले में चीन से भी आगे भारत
दोस्तों विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ जो ये कार्रवाइयाँ हुई हैं उनमें से कुछ मामले तो सीधे उन नेताओं से जुड़े हुए हैं और कुछ मामले रिश्तेदारों या फिर कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर हैं। कुछ मामलों में तो गिरफ़्तारी हुई है और कुछ मामलों में एफ़आईआर दर्ज हैं। कुछ मामलों में सिर्फ़ समन भेजा गया है और कुछ मामलों में कथित तौर पर जानकारी निकालने के लिए ही पूछताछ की गई है।
दोस्तों कहने को तो भाजपा कह रही है की हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई कर रहे है मगर अंतर्राष्ट्रीय तौर पर देश की बदनामी हो रही है जी हाँ, भारत भ्रष्टाचार अवधारणा के सूचकांक पर भारत एक साल में आठ अंक गिर गया। लेकिन इतनी बड़ी खबर की headline मीडिया में वैसे नहीं बनी जैसी 10 साल पहले बना करती थी तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का नैरेटिव बनाने में अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) की रिपोर्टों ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
लेकिन अब जबकि अंतरराष्ट्रीय सूचकांक में गिर कर भारत फिर लगभग दस साल पहले जितने ही स्थान पर पहुंच गया है तब इसको लेकर शायद ही कोई शोरगुल है। भारत टीआई सूचकांक में 94वें नंबर पर था। ताजा जारी 2023 के सूचकांक में 85 से 93वें स्थान पर आ गया है यानी भारत को आज लगभग उतना ही भ्रष्ट देश समझा जा रहा है जितना 12 साल पहले समझा गया था। अब भ्रष्टाचार के नाम पर ed, cbi के जरिए राजनीति करने का भी क्या ही फायदा जब 12 साल बाद भी भ्रष्टाचार वही का वही खड़ा है आपकी इस पर क्या राय है कमेन्ट कर जरूर बताएँ