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Delhi Air Pollution: 1 अक्टूबर से लागू होगा GRAP

delhi air pollution

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वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi government) अक्टूबर में 15 सूत्री कार्य योजना (15-point action plan) की शुरुआत करने जा रही है, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक, खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण, ग्रीन वॉर रूम, ग्रीन दिल्ली एप्लीकेशन, प्रदूषण हॉटस्पॉट वास्तविक समय विभाजन अध्ययन, स्मॉग टॉवर, ई-कचरा पार्क, वृक्षारोपण, ईको-फार्मिंग, जनभागीदारी, पटाखों और पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

5 सितंबर को होगी योजना पर बैठक

राय ने कहा कि 5 सितंबर को इस बाबत संबंधित 33 विभागों के साथ सभी कार्य बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे और उनके सुझावों और सिफारिशों को शीतकालीन कार्य योजना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को बैठक में संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के क्रियान्वयन पर भी चर्चा होगी। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 39 प्रतिशत वायु प्रदूषण स्थानीय स्तर पर पैदा होता है जबकि शेष प्रदूषण पड़ोसी राज्यों से आता है।

क्या है GRAP

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अनुसार, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) वायु प्रदूषण रोधी उपायों का एक सेट है, जिसे दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की गंभीरता को देकते हुए सामान्य तिथि से पंद्रह दिन पहले 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। संशोधित जीआरएपी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा प्रदूषण को लेकर तैयार की गई नई नीति का हिस्सा है, जो पूर्वानुमानों के आधार पर वायु प्रदूषण को लेकर प्रतिबंधों के सक्रिय कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करता है जो एडवांस में तीन दिन तक लगाए जा सकते हैं।

किस स्थिति में लागू होगा 15 सूत्री कार्यक्रम

हालांकि इस 15 सूत्री कार्यक्रम को तभी लागू किया जाएगा तब पीएम 2। 5 और पीएम 10 प्रदूषक एक तय सीमा से ज्यादा हो जाएंगे। नई योजना में बीएस-4 चार पहिया डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि इन वाहनों पर प्रतिबंध तभी लागू होगा जब एक्यूआई 450 से अधिक हो जाएगा। एक्यूआई 450 के बावजूद बीएस-4 के चार पहिया वाहनों को कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट दी जाएगी।

15 फोकस बिंदु

समय से पहले होगा लागू

साल 2017 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा घोषित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP), वायु प्रदूषण के बिगड़ने पर 15 अक्टूबर से प्रभावी होता है। राज्य के मंत्रालयों और विभागों को दी गई अधिसूचना के मुताबिक सीएक्यूएम इसे 1 अक्टूबर से लागू करेगा। एनसीआर के लिए जीआरएपी को अब खराब वायु गुणवत्ता के आधार पर चार स्तरों में वर्गीकृत किया गया है। पहला स्तर ‘खराब’ (एक्यूआई 201 से 300 के बीच), दूसरा स्तर ‘बहुत खराब’(एक्यूआई 301 से 400 के बीच), तीसरा स्तर ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401 से 450 के बीच) और चौथा स्तर ‘अति गंभीर’ (एक्यूआई 450 से अधिक) है।

संशोधित जीआरएपी के तहत पहले स्तर पर प्रदूषण होने पर होटल में तंदूरों, खुले में संचालित ढाबों, डीजल जेनरेटर आदि में कोयला एवं लकड़ी जलाने पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। इस श्रेणी में केवल आवश्यक और आपात सेवाओं को इन दो ईंधनों के इस्तेमाल की छूट मिलेगी। अगर स्थिति ‘गंभीर’(तीसरे स्तर पर) होती है तो अधिकारी दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्य पर रोक लगा देंगे।

GRAP को चार भागों में बांटा गया

श्रेणीPMक्या उठाए जाएंगे कदम
खराब(201 से 300 AQI)

वेब पोर्टल पर पंजीकृत न होने वाले बड़े निर्माण स्थलों पर रोक, धूल उड़ने की निगरानी
बहुत खराब(301 से 400 AQI)मैकेनिकल स्वीपिंग पर जोर, होटल-ईटरीज में कोयला पर प्रतिबंध, 24 घंटे बिजली
गंभीर (401 से 450 AQI) सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, पानी का छिड़काव, निर्माण व ध्वस्तीकरण पर प्रतिबंध
अति गंभीर
(450 से ज्यादा AQI)
आवश्यक सेवाओं के अलावा ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी, सीएनजी व इलेक्ट्रिक को छूट

कैसे लगेगा प्रतिबंध?

इस साल, GRAP को अलग तरह से लागू किया जाएगा। यह प्री-एम्पटिव होगा और पूर्वानुमान के आधार पर वायु गुणवत्ता के एक निश्चित स्तर तक पहुंचने से तीन दिन पहले लागू किया जाएगा। पिछले वर्षों में, GRAP को तब लागू किया गया था जब पार्टिकुलेट मैटर की सांद्रता एक निश्चित सीमा तक पहुंच गई थी। संशोधित योजना के तहत, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध (रेलवे, राष्ट्रीय सुरक्षा की परियोजनाओं, अस्पतालों, मेट्रो रेल सेवाओं और राजमार्गों, सड़कों जैसे लीनियर पब्लिक प्रोजक्ट्स को छोड़कर) को ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत स्थापित किया जाएगा। पिछली व्यवस्था में निर्माण प्रतिबंध केवल ‘गंभीर +’ श्रेणी में लगाया गया था। राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, पाइपलाइन और बिजली पारेषण जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण गतिविधियों को ‘गंभीर +’ श्रेणी के तहत प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

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