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दिल्ली सरकार ने पांच बाजारों के लिए जारी किया गूगल फॉर्म, जानिए क्या मिलेगा फायदा

lajpat nagar

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दिल्ली के बाजारों को वर्ल्ड क्लास बनाने के चरण में हाल ही में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के 5 बड़े बाजारों को अपग्रेड करने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में दिल्ली के 5 बड़े बाजारों के लिए सरकार ने गूगल फॉर्म तैयार किया है। जिसके जरिए अलग-अलग मार्केट एसोसिएशन, दुकानदारों से बाजारों को अपग्रेड करने के लिए सुझाव लिए जाएंगे।

विश्व स्तरीय रिटेल मार्केट बनाने की दिशा में दिया जा रहा जोर
चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक खारी बावली, कीर्ति नगर, सरोजनी नगर, लाजपत नगर और कमला नगर बाजार को विश्व स्तरीय रिटेल मार्केट बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने हर एक बाजार के लिए गूगल फॉर्म तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इसके जरिए सभी मार्केट एसोसिएशन, दुकानदारों से सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा रही हैं। जिससे कि बाजारों में किए जाने वाले बदलावों पर सभी की सहमति बने और सभी को सुविधाएं मिले।

देनी होगी यह जानकारी
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि इस प्रक्रिया से आर्किटेक्ट एजेंसी को व्यवसाय और बाजार की पुख्ता जानकारी मिलेगी। ताकि वह अच्छा डिजाइन तैयार कर सके। इसके अलावा इस फॉर्म के जरिए ये बताना होगा कि वे किस एसोसिएशन से जुड़े हैं? उसके व्यवसाय का क्या नाम है? व्यवसाय का पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और अपना नाम देना है। साथ ही यह भी बताना होगा कि महिला और पुरुष कर्मचारियों की कितनी संख्या है? इसके अलावा कर्मचारी औसतन दुकान में कितने समय से काम कर रहे हैं? व्यापार की प्रकृति भी बतानी होगी। भवन में मंजिलों की संख्या, जहां दुकान स्थित है।

दिल्ली सरकार करेगी 100 करोड़ रुपये खर्च
इसके अलावा यदि मार्केट में बिल्डिंग बनी हुई है तो दुकानदार की दुकान किस बिल्डिंग में किस मंजिल पर है? दुकान का क्षेत्रफल कितना है? रोजाना का फुटवॉल कितना है? दुकान पर रोजाना कितने फीसदी पुरुष और महिलाएं आते हैं। बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार बाजारों की हर प्रक्रिया में व्यापारियों को साथ लेकर चल रही है जिससे कि उस बाजार का संपूर्ण विकास हो सके। बता दें कि दिल्ली सरकार 5 बाजारों में पुनर्विकास के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसे लेकर ट्रेडर्स भी उत्साहित हैं। यदि मार्केट में काम बढ़ेगा, तो रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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