Delhi Electricity Bill: दिल्ली वासियों को जहां पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है वहीं अब एक और बड़ा झटका लगा। जी हाँ अब दिल्ली में बिजली बिल मारेगा करंट दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ाने का ऐलान कर दिया है जिसका भुगतान अब लोगों को मई के बिल से देना होगा। यह बढ़ोतरी 1 मई से 3 महीने के लिए लागू रहेगी। इसके बाद बिजली की दर तय करने वाला DERC बिजली कंपनियों की याचिका के हिसाब से आदेश देगा।
इतनी बढ़ी कीमत
पावर परचेज अंडजस्टमेंट कॉस्ट (पीपीएसी) में 8.75 फीसदी बढ़ोतरी ने बिजली के बिल बढ़ा दिए हैं। पिछले महीने की तुलना में इस महीने लोगों के बिल में करीब 9 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पीपीएसी में सबसे अधिक बढ़ोतरी NDMC एरिया में और सबसे कम बढ़ोतरी ईस्ट दिल्ली में हुई है। ईस्ट और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पीपीएसी में कम बढ़ोतरी की वजह यह है कि यहां पहले से ही पीपीएसी चार्ज दिल्ली के बाकी इलाकों से ज्यादा था।
बीआरपीएल टाटा पावर और एनडीएमसी ने बिजली खपत पर 8.75 प्रतिशत और बीवाईपीएल ने 6.15 प्रतिशत PPAC बढ़ाया है। PPAC बिजली खपत के आधार पर चार्ज किया जाता है। पहले 200 यूनिट तक बिजली माफ है इसलिए 200 यूनिट तक खपत वालों पर फर्क नहीं पड़ेगा। 201 से 400 यूनिट के बीच खपत वालों के बिलों में बढ़ोतरी तय है। सबसे ज्यादा असर 400 यूनिट से अधिक खपत करने पर होगा।
सेंट्रल वेस्ट साउथ दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली बीएसईएस की बीआरपीएल कंपनी ने पीपीएसी 27.08 फीसदी से बढ़ाकर 35.83 फीसदी ईस्ट दिल्ली के ट्रांस यमुना एरिया में बिजली सप्लाई करने वाली बीवाईपीएल ने 31.60 फीसदी से 37.75 फीसदी नॉर्थ और बाहरी दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली टाटा पावर (डीडीएल) ने 29.13 फीसदी से 37.88 फीसदी और NDMC ने 30 फीसदी से बढ़ाकर 38.73 फीसदी कर दी है। पीपीएसी उपभोक्ताओं की खपत के आधार पर चार्ज किया जाता है। पहले 200 यूनिट तक बिजली माफ है। इसलिए 200 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पीपीएसी में बढ़ोतरी से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। लेकिन जितनी खपत 201 से 400 यूनिट के बीच है उनके बिजली बिलों में बढ़ोतरी तय है। हालांकि 400 यूनिट तक खपत करने वालों को 50 प्रतिशत तक छूट का लाभ भी मिलेगा। पीपीएसी में बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्रभावित 400 यूनिट से अधिक खपत करने वाले होंगे।
ऐसे बढ़ गए बिजली बिल
अगर मान लिया जाए कि कोई बीआरपीएल उपभोक्ता है और एक महीने में 510 यूनिट बिजली खपत की है तो पहले 197 यूनिट पर उसे 3 रुपये/ यूनिट के हिसाब से एनर्जी चार्ज 588 रुपये देना होगा। इस 588 रुपये पर अब 35.83 प्रतिशत के हिसाब से उन्हें पीपीएसी चार्ज देना होगा जो 210.68 रुपये हुआ। अगले 197 यूनिट पर 4.50 रुपये/ यूनिट के हिसाब से 886.50 रुपये एनर्जी चार्ज देना होगा।
इस 886.50 रुपये पर 35.83 प्रतिशत के हिसाब से 317.63 रुपये पीपीएसी चार्ज देना होगा। बाकी बचे 117 यूनिट पर 6.50 रुपये/ यूनिट के हिसाब से 760.50 रुपये एनर्जी चार्ज और इस पर 35.83 प्रतिशत के हिसाब से 272.49 रुपये पीपीएसी चार्ज देना होगा। इस तरह से 510 यूनिट खपत पर कुल 2235 रुपये एनर्जी चार्ज और 800 रुपये पीपीएसी चार्ज देना होगा। कुल मिलाकर उपभोक्ता को 3035 रुपये का बिल बना।
अब 2235 रुपये एनर्जी चार्ज और 147.26 रुपये फिक्स्ड चार्ज पर 8 प्रतिशत के हिसाब से 190.58 रुपये सरचार्ज देना होगा। इसी तरह से एनर्जी चार्ज और फिक्स्ड चार्ज पर 7 प्रतिशत के हिसाब से 166.76 रुपये पेंशन सरचार्ज देना होगा। इसके अलावा एनर्जी चार्ज और सरचार्ज पर 5 प्रतिशत एमसीडी चार्ज भी देना होगा जो 161 रुपये होगा। सभी को मिलाकर कुल बिजली बिल 3760 रुपये होगा। अगर 510 यूनिट बिजली खपत पर 27.08 प्रतिशत के हिसाब से बिल बिजली बिलों की गणना की जाए तो बढ़ोतरी करीब 9-10 प्रतिशत अधिक है।
आतिशी ने बताया
वही दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इस खबर को सच नहीं बताया कहा कि बिजली के दाम नहीं बढ़े हैं। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) का आदेश है कि सितंबर तक बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) को नहीं बढ़ाया जा सकता है। हालांकि बिजली आपूर्ति कंपनियों के पास प्रावधान है कि जब गर्मियों में मांग बढ़ती है तो थोड़े समय के लिए सात फीसदी तक पीपीएसी बढ़ा सकते हैं।
सचदेवा ने बताया कि बीएसइएस राजधानी ने 25 अप्रैल 2024 को डीईआरसी सचिव को लिखा कि हम पुराने परिपत्र के आधार पर पीपीएसी में 8.75 की वृद्धि मई 2024 से जुलाई 2024 तक कर रहे हैं। इसके लिए डीईआरसी से अनुमति लेने की जगह बिजली कंपनी ने एक सूचना पत्र देकर नई वृद्धि को लागू कर दिया।