दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने रविवार को दावा किया कि केजरीवाल सरकार (kejriwal government) के रोजगार बाजार पोर्टल (Delhi Rozgar Bazaar Portal) के जरिये दो साल में दिल्ली के 10 लाख से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक रोजगार उपलब्ध कराया गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, महामारी और उसके बाद आजीविका पर पड़े प्रभाव के बाद दिल्ली के लोगों के लिए पोर्टल एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है। रोजगार बाजार पोर्टल की शुरुआत दिल्ली सरकार द्वारा 27 जुलाई, 2020 को की गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल की शुरुआत होने के बाद से 30 जून, 2022 तक लगभग दो वर्षों में, दिल्ली में 32 रोजगार श्रेणियों में कुल 10,21,303 नौकरियों का सृजन हुआ है।
‘दिल्ली सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध’
बयान में कहा गया है कि ये नौकरियां 19,402 नियोक्ताओं ने सृजित की हैं। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दिल्ली सरकार जल्द ही रोजगार बाजार 2.0 पोर्टल लॉन्च करेगी। यह भारत का पहला डिजिटल जॉब मैचिंग प्लेटफार्म होगा। रोजगार बाजार 1.0 पोर्टल की सफलताओं पर आधारित, नया पोर्टल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित जॉब मैचिंग सेवाओं के साथ-साथ दिल्ली के युवाओं को एक ही मंच पर कौशल विकास और रोजगार संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा।
सक्रिय कनेक्शन से लोगों को किया जाता है ट्रैक
बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से शीर्ष 4 क्षेत्र जिसमें सेल्स, मार्केटिंग, बिजनेस डेवलपमेंट, बैक ऑफिस, डाटा एंट्री, कस्टमर सपोर्ट, टेली कॉलर और डिलीवरी फ्लीट में नए रोजगार के अवसर मिले हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर बताया कि 30 जून तक रोजगार बाजार पोर्टल पर कुल 15,23,536 नौकरी के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं। इन लोगों को फोन कॉल, व्हाट्सएप आदि के सक्रिय कनेक्शन के द्वारा ट्रैक किया जाता है। इस तरह 53 लाख से अधिक लोगों को ट्रैक किया जा चुका है।
लाभार्थियों का क्या कहना है?
प्रियांशी दिल्ली में स्थित एक इंटरनेट और प्रौद्योगिकी समाधान कंपनी IZS Technocrats चलाती हैं। रोजगार पोर्टल के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा कि एक नियोक्ता के रूप में हमने अन्य कंपनियों की तरह अपने कई कर्मचारियों को अपने होम टाउन शिफ्ट होते देखा। इससे कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज पर असर पड़ा। मैंने कई निजी कंपनियों और उनके पोर्टल से कर्मचारियों को काम पर रखने में मदद मांगी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
इसके बाद उन्होंने न्यूज़ चैनलों से केजरीवाल सरकार के रोज़गार बाज़ार पोर्टल के बारे में जाना और इसके लिए तुरंत पंजीकरण कराया। 24 घंटों के भीतर काम करने के लिए आवेदक मेरे पास पहुंचे। बड़ी संख्या में आवेदकों के चलते उम्मीदवारों कंपनी के खाली पद कुछ ही समय में भर गए। पोर्टल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से मुफ्त है और मुझे इसकी सेवाओं के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ा।
प्रियांशी की कंपनी ने समय के साथ कई कर्मचारियों को पोर्टल के जरिए नौकरी पर रखा है। रोजगार पोर्टल के जरिए कंपनी में काम कर रहे सचिन कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। लॉकडाउन में अपनी नौकरी गंवाने के बाद दबाव में थे। रोजगार बाजार एक ऐसा मंच है जो आपकी पृष्ठभूमि नहीं बल्कि आपके कौशल को देखता है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के तुरंत बाद मुझे नौकरी मिल गई।