राज्यचर्चा मेशिक्षा

CSIR UGC NET Exam Postpone: NTA एक महीने में 4 बार फेल, NEET व NET विवाद के बाद Modi Sarkar लाई नया कानून

CSIR UGC NET Exam Postpone: दोस्तों आप N के बाद सिंगल e लगा कर t (NET) लिखिए या डबल E लगाकर t (NEET) लिखिए दोनों का पेपर आउट होने की खबर है एक परीक्षा को कैन्सल किया जा चुका है दूसरे को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है एक परीक्षा में लगभग 9 लाख के आस पास अभियार्थी थे और मेडिकल वाली परीक्षा में 24 लाख के आस पास अभियार्थीयो का जीवन लटका पड़ा है और अब इसमे एक ओर परीक्षा add हो गई और वो परीक्षा भी NTA द्वारा कराई जाती है जी हाँ CSIR-UGC-NET की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। पहले यह परीक्षा 25 से 27 जून के बीच में होने वाली थी लेकिन इसे अब स्थगित करने का फैसला हुआ हैऔर वो भी क्यों क्योंकि nta परीक्षा कराने मे सक्षम नहीं ।

रीज़न भी पता है क्या दिया गया है की NTA के पास संसाधन नहीं है लेकिन शिक्षा मंत्री सत्ता धारी लॉग अपनी ही धुन में नजर आ रहे है नीट विवाद को कितने दिन हो गए पीएम मोदी जी इटली घूम आए वैसे तो मोदी जी लाखों करोड़ों लगाकर परीक्षा पर चर्चा करते है लेकिन नीट पर कुछ नहीं बोले आरटीआई से खुलासा हुआ है की परीक्षा पे चर्चा’ पर सरकारी ख़र्च बढ़ा  है अब बात सिर्फ परीक्षाओं को रद्द करने और इनका फिर से आयोजन करने तक सीमित नहीं रह जाती है। बल्कि आवश्यक यह है कि हुई गड़बड़ियों की प्रत्यक्ष जवाबदेही तय की जाए। और इसकी शुरुआत एनटीए के अधिकारियों से होनी चाहिए।देश में अब पेपर लीक कानून लागू हो गया आज की विडिओ मे हम बात करेंगे (Modi Sarkar) पेपर लीक कानून क्या है और मोदी जी ने परीक्षा पे चर्चा पर कितना खर्च किया और साथ में जानेंगे nta के हालात

NTA ने पोस्टपोन किया CSIR-UGC-NET

दोस्तों  नीट यूजी (NEET-UG) को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि पेपर लीक की आशंका के चलते यूजीसी नेट (UGC NET) की परीक्षा भी रद्द कर दी गई। हालांकि यह ड्रामा यहीं नहीं थमा परीक्षा से चार दिन पहले एनटीए ने एक और बड़ी परीक्षा स्ठगित कर दी है। दरअसल एनटीए ने (CSIR UGC NET 2024) की परीक्षा को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया इसमे  2 लाख से अधिक छात्रों का रजिस्ट्रेशन थादरअसल ये परीक्षा साइंस से जुड़े सब्जेक्ट्स में जूनियर फेलोशिप प्रोग्राम्स के लिए कैंडिडेट्स की एलिजिबिलिटी टेस्ट करने के लिए होती है.

एक जारी बयान में एनटीए ने कहा है कि कुछ संसाधन कम होने की वजह से इस परीक्षा को थोड़े समय के लिए स्थगित किया जा रहा है। यहां तक कहा गया है कि एक स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था इसका मतलब क्या है क्या इसमे भी कोई धानदली होने वाली थी अब किन संसाधनों की कमी रही ऐसी कौन सी स्थिति उत्पन्न हो गई अभी तक इसे लेकर एनटीए ने कोई सफाई पेश नहीं की गई है और सरकार जी ने भी एनटीए के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है

RTI में हुआ खुलासा

सरकार जी परीक्षा पे चर्चा’ नाम से एक भव्य तमाशा करते हैं. लेकिन लीक और फ्रॉड के बिना कोई परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती.जी हाँ आरटीआई से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ होने वाले बातचीत सत्र ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर केंद्र सरकार का खर्च पिछले छह वर्षों में लगभग 175% बढ़ा है.रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने कार्यक्रम पर खर्च के बारे में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के सवालों का जवाब दिया है. विभाग ने कार्यक्रम पर किए गए कुल खर्च की जानकारी दी है लेकिन यह नहीं बताया कि इस पर कितना खर्च हुआ.

विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार कार्यक्रम में होने वाला खर्च साल 2019 के 4.92 करोड़ रुपये से बढ़कर साल 2023 में 10.04 करोड़ रुपये हो गया है जो लगभग 175% की वृद्धि है.कार्यक्रम के प्रबंधन का जिम्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एडसिल (EdCIL) पर है जिसके टैक्स इनवॉइस में विज्ञापन फिल्मों सोशल मीडिया और अन्य पर खर्च दिखाते हैं.दरअसल ‘परीक्षा पे चर्चा’ एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी 2018 को आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में शिक्षक और अभिभावक भी शामिल रहते हैं.

साल 2023 की एक खबर के मुताबिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पहले पांच कार्यक्रमों पर 28 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए थे.इस कार्यक्रम का सातवां संस्करण इस साल 29 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित हुआ था जिसके लिए 2.26 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों 14.93 लाख से अधिक शिक्षक और 5.69 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया था.यह संवाद सत्र पीएम मोदी के ‘एग्जाम वॉरियर’ कार्यक्रम का हिस्सा है जिसका उद्देश्य ‘युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाना’ हैलेकिन असलियत मे उनकी एजेंसी छात्रों को तनाव दे रही है जो पेपर कराने मे सक्षम ही नहीं है एक तरफ मोदी सरकार ‘परीक्षा पे चर्चा’ के प्रचार पर करोड़ों खर्च करती है तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी nta के पास संसाधनों की कमी है जिसकी वजह से पेपर ही स्थगित करने पड़ रहे है क्या अब मोदी जी पेपर ‘लीक पे चर्चा करेंगे?’

पेपर लीक पर नया कानून लाई Modi Sarkar

अब चर्चा तो मोदी जी करेंगे नहीं जो मणिपुर पर न बोल सके वो पेपर लीक पर क्या ही बोलेंगे लेकिन पेपर लीक पर कानून जरूर ले आए है जी हाँ देश में पेपर लीक कानून लागू हो गया है। NEET विवाद के बीच केंद्र ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि सरकार इस नए और सख्त कानून को लागू कर देगी। अब उसी कड़ी में शुक्रवार देर रात सरकार ने अधिसूचना लागू कर दी है। तकनीकी भाषा में बोलें तो पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 के प्रावधान अब देश में लागू हो चुके हैं।

दरअसल यह कानून तो इस साल फरवरी में ही लागू हो गया था अब उसकी अधिसूचना जारी कर अमलीजामा पहना दिया गया है। इस कानून के तहत पेपर लीक के आरोपी को तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

इसमे समझने वाली  ये है कि जो आरोपी इस पेपर लीक रैकेट के साथ सक्रिय रूप से जुड़े होंगे या फिर जो पुराने अपराधी होंगे उन्हें इस कानून के तहत 10 साल तक की सजा दी जा सकती है। ऐसे संगठित आरोपियों पर एक करोड़ का भारी-भरकम जुर्माना तक ठोका जा सकता है।

अब यह कानून इसलिए मायने रखता है क्योंकि हर बड़ी और अहम परीक्षा इसमें शामिल कर ली गई है। इस कानून के दायरे में यूपीएससी एसएससी रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं शामिल की गई हैं। ऐसे में इन परीक्षाओं में अगर किसी भी तरह की धांधली की जाएगी तो सख्त से सख्त कार्रवाई देखने को मिलेगी।

यह  कानून कम्यूटर पर होने वाली परीक्षाओं की सुरक्षा की भी बात करता है। इस कानून में हाई लेवल नेशनल टेक्निकल कमेटी बनाने की मांग हुई है। इसके अलावा परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और फुलप्रूफ आईटी सिक्योरिटी सिस्टम रखे जाने की भी मांग की गई है। बड़ी बात यह है कि इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी की प्रॉपर्टी कुर्क की जा सकती है। जांच एजेंसी को यह ताकत दी गई है जिससे हर आरोपी के खिलाफ नकेल कसी जा सके।

इस कानून का एक दिलचस्प पहलू यह है कि इसे छात्रों से दूर रखा गया है यानी कि उन्हें इस कानून में शामिल ही नहीं किया गया है। सिर्फ उन आरोपियों पर फोकस है जो बच्चों के भविष्य को खराब करने का काम करते हैं जो गलत तरीके से पेपर लीक करवाते हैं।वैसे दोस्तों  इस कानून की टाइमिंग इसे सुर्खियों में लाने का काम कर रही है। अब सवाल ये भी है जो नीट मे धानदली पकड़ी गई है क्या वो लॉग इस कानून के दायरे में आएंगे क्या इस कानून से पेपर लीक पर रोक लगेगी आपको क्या लगता है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

Back to top button