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Crime Against Women NCW Data : NCW को महिलाओं पर अत्याचार की मिलीं 12 हजार शिकायतें, UP और Delhi टॉप पर

Crime Against Women NCW Data : सरकार जी महिला सुरक्षा पर वादों पर वादे करती रहती है मोदी की गारंटी केजरीवाल की गारंटी गारंटियों पर गारंटिया देती है अपने कीये गए काम गिनाती और आलम तो देखिए जहां जहां महिला सुरक्षा की गारंटी दी जाती वही महिला सुरक्षित नहीं है जी हाँ ये में नहीं कह रही (NCW) राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है महिला विरोधी अपराध की 12600 शिकायतें मिली हैं जिनमें सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश से हैं। यूपी में डबल इंजन सरकार है भाजपा का शासन है। इसके बाद दिल्ली और फिर महाराष्ट्र का नंबर है।

50% से अधिक शिकायतें यूपी से

राष्ट्रीय महिला आयोग यांनी NCW को इस साल अब तक महिला विरोधी अपराध की 12600 शिकायतें मिली हैं हैरानी की बात तो ये है कि (National Commission for Women) मणिपुर से ऐसी सिर्फ तीन शिकायतें आई हैं। जबकि भाजपा शासित मणिपुर जातीय हिंसा में दो साल से झुलस रहा है और युवा महिलाएं उसका सबसे ज्यादा शिकार हुई हैं। मणिपुर वही राज्य है जहां पिछले साल महिलाओं की नग्न परेड कराई गई थी फिर गैंगरेप किया गया और उनके सामने उनके परिवार के लोगों को मार डाला गया। पीएम मोदी ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का आज तक दौरा नहीं किया

NCW के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर शिकायतों में घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि इस श्रेणी में 3107 शिकायतें प्राप्त हुईं। राष्ट्रीय महिला आयोग को घरेलू हिंसा की 3544 शिकायतें आईं। दहेज उत्पीड़न की1957 शिकायतें छेड़छाड़ की 817 शिकायतें महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 518 शिकायतें और रेप तथा रेप की कोशिश की 657 शिकायतें मिलीं। इसके अतिरिक्त यौन उत्पीड़न की 493 साइबर अपराध की 339 पीछा करने की 345 और ऑनर किलिंग और ऑनर उत्पीड़न की 206 शिकायतें मिलीं।

आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 6470 शिकायतें दर्ज की गईं। इसके बाद दिल्ली में 1113 और महाराष्ट्र में 762 शिकायतें दर्ज हुईं। बिहार में 584 मध्य प्रदेश में 514 हरियाणा में 506 राजस्थान में 408 तमिलनाडु में 301 पश्चिम बंगाल में 306 और कर्नाटक में 305 शिकायतें दर्ज की गईं।दोस्तों राष्ट्रीय महिला आयोग एक वैधानिक निकाय है जो महिलाओं के सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है। जिसे आमतौर पर महिला पैनल कहा जाता है यह देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर भी नज़र रखता है और पीड़ितों को ऐसे मामलों में न्याय दिलाने के लिए राज्य और प्रशासन को दिशानिर्देश जारी करता है। बता दे की वर्तमान में NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा हैं।

दहेज उत्पीड़न की 1900 शिकायतें

जहां तक ​​महिलाओं के खिलाफ अपराधों की श्रेणियों का सवाल है सबसे अधिक 3567 शिकायतें सम्मान के अधिकार (Right to Dignity) श्रेणी में प्राप्त हुईं जिनमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल हैं। इसके बाद घरेलू हिंसा की 3213 शिकायतें आईं।आंकड़ों के अनुसार 2023 में दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 4797 छेड़छाड़ की शिकायतें 2349 महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की शिकायतें 1618 और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास की शिकायतें 1537 रहीं थी। यौन उत्पीड़न की 805 साइबर अपराध की 605 पीछा करने की 472 और सम्मान अपराध की 409 शिकायतें थीं। 2022 के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों की संख्या में गिरावट देखी गई है। 2022 में NCW को 30864 शिकायतें प्राप्त हुईं थी जो 2014 के बाद से सबसे ज्यादा थीं।

आयोग की चेयरपर्सन इस समय रेखा शर्मा हैं। जो किसी भी गैर भाजपा शासित राज्य में महिला विरोधी अपराध होने पर फौरन पहुंच जाती हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश जो अपराध का गढ़ बना हुआ है जहां महिला विरोधी अपराध सबसे ज्यादा हो रहे हैं उन पर उनका बयान तक नहीं आता है। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में वो बार-बार पहुंचीं जहां महिलाओं ने अपनी शिकायतें ही वापस ले लीं। रेखा शर्मा के बयान ज्यादातर भाजपा की राजनीतिक लाइन पर ही होते हैं। आयोग देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर भी नज़र रखता है और पीड़ितों को ऐसे मामलों में न्याय दिलाने के लिए राज्य और प्रशासन को दिशानिर्देश जारी करता है। लेकिन यही महिला आयोग मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान महिलाओं पर जुल्म होने के दौरान कुछ नहीं कर पाया। उसने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को चेतावनी तक नहीं दी।जब राष्ट्रीय  महिला आयोग ही निष्पक्षता से काम नहीं करेगा तो अपराधों बढ़ना लाजमी है खैर आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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