छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार देश में पहली गोबर खरीदने वाली सरकार के रूप में जानी जाती है। लेकिन अब प्रदेश सरकार किसानों (farmers)के लिए एक और अहम कदम उठाने जा रही है। दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर खरीदी के बाद सरकार अब गौमूत्र (cow urine)की खरीदी भी शुरू करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपए प्रति लीटर (Cow urine Price per litre) की दर तय कर दी है। इसके अलावा गौठान प्रबंध समिति गौमूत्र खरीदी की दर स्थानीय स्तर पर भी तय कर सकती हैं। इस योजना की शुरुआत हरेली तिहार से 28 जुलाई से हो रही है। पहले चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी।
दरअसल, प्रदेश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी साल अप्रैल-मई में गौमूत्र खरीदी की घोषणा की थी। इसके बाद कृषि विभाग ने कामधेनु विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से गौमूत्र के वैल्यू एडिशन पर एक अध्ययन कराया। इसके बाद इसकी चरणबद्ध तरीके से शुरुआत की जा रही है। सरकार इस योजना (govt scheme) के जरिए मवेशी पालन से जुड़े लोगों की कमाई के स्रोत बढ़ाने और ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देना चाहती है। वहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
जानकारी के मुताबिक,छत्तीसगढ़ सरकार के गोधन न्याय मिशन ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौमूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए कहा है। गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ.अय्याज तम्बोली ने कहा है कि,गोमूत्र की खरीदी गौठान प्रबंधन समिति (Gothan Management Committee )के खाते में उपलब्ध (flagship scheme)गोधन न्याय योजना(cow justice scheme)से मिली राशि और उसकी ब्याज राशि से करेगी। इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टर अपने-अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करेंगे। गौठान प्रबंध समिति और स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौ-मूत्र परीक्षण संबंधी किट एवं उत्पाद भण्डारण(Cow urine testing kit and product storage)हेतु आवश्यक व्यवस्था करेगी। गोधन न्याय मिशन ने सभी जिला कलेक्टरों को चयनित गौठान एवं स्व-सहायता समूह की सूची शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए गया है।
पारंपरिक त्यौहार हरेली(Hareli festival) से होगी शुरुआत
छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्यौहार हरेली(Hareli festival) 28 जुलाई को मनाया जाएगा। हर साल राज्य में धूमधाम से हरेली त्यौहार मनाया जाता है। इस बार भी सरकार हरेली त्यौहार को खास तरह से मनाने जा रही है। पहले तो इस दिन सभी स्कूलों बच्चे गेड़ी नृत्य करेंगे इसके लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। दूसरा भूपेश बघेल सरकार गोमूत्र खरीदी योजना का शुभारंभ करेंगे। कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली से ही की गई थी। 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है। वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
सरकार क्यूँ खरीद रही है अब गौमूत्र ?
गौमूत्र की खरीदी से राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी। वहीं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद आदि तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा। इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी।