Budget 2024: दोस्तों मोदी 3.O का पहला बजट पेश होने जा रहा है और इसमें महज चार दिनों का समय बाकी है बजट से पहले चंद्रबाबू नायडू केंद्र पर प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। जी हाँ,, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसदों के सपोर्ट से सरकार चलाने का प्रेशर बीजेपी को महसूस होने लगा है. 23 जुलाई को बजट पेश करने से पहले चंद्रबाबू नायडू फिर दिल्ली आकर बैठ गए. 15 दिन में दूसरी बार चंद्रबाबू नायडू अपनी विश लिस्ट लेकर गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण से मिले चंद्रबाबू नायडू. 4 जुलाई को भी दिल्ली आकर मोदी से मिले थे आंध्र के लिए सात मांगों की विश लिस्ट देकर लौटे थे. इसलिए अब सवाल ये है क्या चंद्रबाबू नायडू को पहली मुलाकात में कोई ठोस भरोसा नहीं मिला कि फिर दिल्ली आना पड़ा?
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक
आंध्र प्रदेश के अखबार डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक घंटे भर चली मुलाकात में चंद्रबाबू ने अमित शाह से कहा कि इंटरवीन आप करिए. चंद्रबाबू ने याद दिलाया कि बदहाल इकोनॉमी की रिकवरी के लिए ही टीडीपी-बीजेपी सरकार को जनादेश मिला है. बता दे की लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 272 का बहुमत नहीं मिला लेकिन एनडीए को 293 सीटें मिलने से सरकार बन गई. बीजेपी 240 पर ठहर गई तो टीडीपी के 16 और जेडीयू के 12 सांसदों की बदौलत सरकार चल रही है. बजट से चंद्रबाबू और नीतीश को क्या मिलेगा इस पर इंडिया गठबंधन ने भी नजरें टिका रखी हैं. अगर दोनों के मन मुताबिक बजट नहीं आया तो मोदी सरकार 3 के हिलने-हिलाने का चांस बनेगा आगे की राजनीति इसी पर टिकी है. मुलाकातों से जितनी खबरें निकल रही हैं जितना चंद्रबाबू नायडू सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं उससे लगता है कि वो समर्थन के एवज में विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांग रहे हैं. लेकिन उन्हें चाहिए आंध्र प्रदेश के लिए बहुत सारा पैसा. आंध्र प्रदेश-तेलंगाना विभाजन से जुड़े पेंडिंग मुद्दों के समाधान अमरावती में आंध्र की राजधानी बनाने और कर्ज चुकाने के लिए मोटा पैसा चाहिए.
23 जुलाई को पेश होगा budget 2024
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में बजट पेश करेंगी बिजनेस टुडे पर छपी ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने 23 जुलाई को पेश होने जा रहे बजट के लिए अपनी 3 सबसे बड़ी मांगे सामने रखी हैं. Chandrababu Wish List में जो मांगें रखी गई हैं. उनमें पहली ये है कि विशेष रूप से राज्य के अनंतपुर चित्तूर कुडप्पा कुरनूल श्रीकाकुलम विशाखापत्तनम और विजयनगरम सहित अन्य पिछड़े जिलों के लिए बजटीय अनुदान होना चाहिए. इसके बाद दूसरी अमरावती (Amaravati) के लिए फाइनेंशियल हेल्प और तीसरी पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट (Polavaram Irrigation Project) के लिए समय पर पैसा जारी करने की मांग शामिल है.
नायडू की विश लिस्ट में तीन प्रमुख मांगों के साथ ही विजयवाड़ा विशाखापट्टनम और अमरावती में मेट्रो रेल परियोजनाओं (Metro Rail Project) के अलावा विजयवाड़ा से मुंबई और नई दिल्ली तक वंदे भारत ट्रेन (Bande Bharat Train) के लिए समर्थन भी शामिल है.इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी विभिन्न फंड्स और परियोजनाओं के लिए दबाव तो बनाने में लगी है लेकिन कथित तौर पर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के लिए विशेष दर्जे के लिए दबाव नहीं डालने का फैसला किया है जो उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव है. TDP को इस बजट में राज्य में एक पेट्रोकेमिकल हब और एक तेल रिफाइनरी की घोषणा की उम्मीद भी है. इन मांगों की वकालत करते हुए नारा लोकेश ने भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए पार्टी के बिना शर्त समर्थन की पुष्टि भी की.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि सरकार के फोकस में आंध्र बिहार तो रहेगा लेकिन 6 ऐसे राज्य छांटे गए हैं जिनको स्पेशल इकोनॉमिक ग्रांट जैसा कुछ मिल सकता है. मिलेगा तो ओडिशा झारखंड जम्मू कश्मीर छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा. सिर्फ आंध्र बिहार को नहीं. सब साफ है दोस्तों आत्मनिर्भर भारत का नारा लगाते-लगाते सरकार नायडू-नीतीश पर निर्भर हो चुकी है. निर्भरता से नीतियां बदल रही हैं. जिस नीति आयोग के अध्यक्ष पीएम होते हैं उसमें पहली बार एनडीए पार्टनर्स को लिया गया है. जेडीएस से कुमारस्वामी टीडीपी से राममोहन नायडू एलजेपी से चिराग पासवान जेडीयू से ललन सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं. आर्थिक विकास की योजनाओं के मामले में सरकार के लिए थिंक टैंक का काम करता है नीति आयोग. नीति आयोग से ऐसे नियम बना दिए हैं कि किसी को विशेष राज्य का दर्जा मिलना मुश्किल है. जो शोर मचाएगा वो कुछ नही पाएगा. खैर किसको क्या मिलता है ये बजट पेश होने पर पता चल जाएगा आपको क्या लगता है नायडू की प्रेशर पॉलिटिक्स कामयाब होगी या नहीं अपनी राय हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ