Satyapal Malik CBI Raid: मलिक के घर-दफ्तर पर CBI छापा, मोदी सरकार पर भड़के Former Governor
Satyapal Malik CBI Raid: दोस्तों आजकल हर दिन न्यूज पेपर में खबरों में देखने सुनने को मिल ही जाता है की आज यहा कल वहाँ ed cbi का छापा पड़ा और ज्यादातर केस में छापा विपक्ष के यहाँ ही पड़ता है जो सरकार के खिलाफ बोलते है सच्चाई दिखाते है सरकार की हकीकत बतलाते है उसके पीछे ed, सीबीआई न लगे ऐसा तो अमृतकाल में नामुमकिन है इसी लिस्ट में अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Former Governor) भी शामिल कर लिए गए है जी हाँ, आज सीबीआई ने मलिक के घर पर छापा मारा है जब सत्यपाल मलिक जिस तरह से सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते है ये तो होना ही था जैसे सवाल उठाते है इस लिहाज से काफी पहले सीबीआई के साथ ईडी और इनकम टैक्स को ऐक्टिव हो जाना चाहिए था खैर , अभी सीबीआई ने छापा मारा है तो पीछे पीछे ईडी का नोटिस भी आ सकता है
सत्यपाल मलिक के घर-दफ्तर पर CBI का छापा
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज 30 से अधिक ठिकानों पर रेड की है जिनमें जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीबीआई की ये छापेमारी केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही है.
सीबीआई के छापे पर सत्यपाल मलिक का रिएक्शन भी सामने आ गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं. मेरे ड्राईवर, मेरे सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं. में किसानों के साथ हूं’,
जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई तलाशी अभियान चला रही है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने कार्यकाल के दौरान आरोप लगाया था कि उन्हें किश्तवाड़ में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इसमें से एक फ़ाइल RSS नेता से जुड़ी हुई थी.
इन आरोपों के आधार पर CBI ने अप्रैल, 2022 में दो मामले दर्ज किए थे. 14 जगहों पर छापे भी मारे थे. इन दो मामलों में अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGIC) और चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के अधिकारियों समेत अन्य पर मामला दर्ज किया था.
कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट केस में एक्शन
किरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट), एक रन-ऑफ-रिवर योजना, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित है जो कि किश्तवाड़ से लगभग 42 किलोमीटर दूर है. इस परियोजना में 135 मीटर ऊंचे बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण के लिए परिकल्पित किया गया है.
हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब सीबीआई ने किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की है. पिछले साल मई में भी सीबीआई ने इसी केस में 12 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें से एक लोकेशन सत्यपाल मलिक के पूर्व सहयोगी की थी. जांच एजेंसी ने सौनक बाली के यहां छापेमारी की थी जो सत्यपाल मलिक का मीडिया एडवाइजर था. वहीं अभी ये पता नहीं चल पाया है कि जिन 30 ठिकानों पर रेड हो रही है वो किन राज्यों में हैं.
यूपी के बागपत के रहने वाले सत्यपाल मलिक मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. उनके सियासी करियर की शुरुआत 1974 में बागपत से विधायक के रूप में हुई थी. 1980 में वह लोकदल से संसद के उच्च सदन राज्यसभा पहुंचे. फिर यूपी के अलीगढ़ से एमपी बने. 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट मिला मगर इसी सीट पर हार का सामना करना पड़ा.
फिर 2004 में बीजेपी का हिस्सा बने और चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार का स्वाद चखना पड़ा था. 2012 में वह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए और फिर उन्हें एक-एक कर के 4 राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी बिहार-2017 में, जम्मू कश्मीर-2018 गोवा-2019 और मेघालय-2020 में सौंपी गई.
2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने पीएम मोदी की सरकार को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि सीआरपीएफ ने जम्मू से श्रीनगर अपने जवानों को ले जाने के लिए 4 एयरक्राफ्ट मांगे थे. लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके अनुरोध पर एक्शन नहीं लिया, जिसकी वजह से उन्हें सड़क के रास्ते जाना पड़ा और पुलवामा हमला हो गया.
किसानों के मुद्दे पर सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब मैंने किसानों से बात करने के लिए पीएम मोदी को कहा तो उन्होंने मुझसे कहा कि किसान खुद ही चले जाएंगे. फिर दो महीने बाद कृषि कानूनों को वापस ले लिया और तब से ही मेरी बातचीत पीएम मोदी के साथ बंद हो गई. अब आप खुद ही सोचिए दोस्तों ,,जब ऐसे तीखे आरोप सरकार जी पर लगाएंगे तो ये होना लाजमी है खैर आपकी इसपर की राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ