BJP Modi Report Card (3) : विकास के नाम पर मोदी के वादे कितने पूरे – कितने आधे ?
BJP Modi Report Card (3) : दोस्तों बीजेपी के 2014 के घोषणा पत्र में टैग लाइन थी सबका साथ सबका विकास 2014 के घोषणा पत्र में टैग लाइन होने के बावजूद भी 2024 में भी विकास से जुड़े वादे अभी भी अधूरे है आज की रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे की प्रेजेंट में BJP के वादों का स्टेटस आखिर है क्या ?? आज के पार्ट 2 में हम बात करेंगे विकास कार्य से लेकर प्रदूषण तक कैसे चूकी सरकार नमस्कार दोस्तों में हिमांशी कश्यप ॥ आपके साथ आप देख रहे है जनता की आवाज
2019 में BJP ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पेज का घोषणापत्र जारी किया था। इसमें विकास से जुड़े 22 प्रमुख वादे किए थे जिनमें से 11 वादे पूरे कर लिए गए हैं। इस तरह विकास के एजेंडे पर BJP का स्ट्राइक रेट करीब 50% निकलता है। वहीं 11 प्रमुख वादों पर काम अभी भी अधूरा है। इनमें से कई वादे मेट्रो रेल और हवाई अड्डे बनाने जैसे ट्रांसपोर्ट के मुद्दे से जुड़े हैं।
वादा नंबर 1: 2024 तक 50 शहरों में मेट्रो का सशक्त नेटवर्क बनाएंगे
सरकार का यह वादा पूरा नहीं हुआ है।साल 2019 तक देश के 13 शहरों में मेट्रो ट्रेनें चल रही थीं। 23 अक्टूबर 2023 को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अब 20 शहरों में मेट्रो ट्रेनें चलने लगी हैं। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल देश में 15 शहरों में ही मेट्रो चल रही हैं।2019 के बाद से अब तक केवल 2 शहरों पुणे और कानपुर में मेट्रो सेवा शुरू की गई है। वहीं 7 शहर ऐसे हैं जहां मेट्रो लाइन का काम चल रहा है। ये शहर- भोपाल इंदौर आगरा मेरठ नवी मुंबई पटना और सूरत हैं। वहीं 5 शहरों में मेट्रो लाइन की शुरुआत के लिए मंजूरी दे गई है। इनमें भुवनेश्वर गोरखपुर नासिक त्रिवेंद्रम और कोझिकोड शामिल हैं।
वादा नंबर 2: 2022 तक हर ग्राम पंचायत में हाई-स्पीड नेटवर्क
सरकार के दिए आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि देश की हर ग्राम पंचायत में हाई-स्पीड ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का वादा अभी आधा-अधूरा है।नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) अक्टूबर 2011 में लॉन्च किया गया था। 2015 में इसका नाम बदलकर ‘भारत नेट प्रोजेक्ट’ कर दिया गया। सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने का काम कर रही है।दूरसंचार राज्यमंत्री देवुसिंह जेसिंगभाई ने 26 जुलाई 2023 को लोकसभा में बताया कि देश में कुल 2.5 लाख में से 1.94 लाख ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा पहुंचाई गई है।
वादा नंबर 3: राजकोषीय घाटे को कम करेंगे
2019 की तुलना में राजकोषीय घाटा कम करने का BJP का वादा पूरा नहीं हुआ है।साल 2019-20 में देश का राजकोषीय घाटा कुल GDP का 4.6 प्रतिशत था। अगले वित्त वर्ष 2020-21 में ये बढ़कर 9.2 प्रतिशत हो गया। हालांकि इसके बाद से राजकोषीय घाटे में लगातार कमी आई लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 में यह कुल GDP के 5.1 प्रतिशत तक ही पहुंचा।
वादा नंबर 4 : संभव रेल मार्गों को 2022 तक ब्रॉडगेज में बदला जाएगा
ये वादा भी अभी अधूरा है दुनियाभर में तीन प्रकार के रेलवे ट्रैक हैं जिन्हें नैरो गेज मीटर गेज और ब्रॉड गेज के नाम से जाना जाता है। यह दो पटरियों के बीच की दूरी को बताता है। पहले देश में ट्रेन मीटर गेज पर चलती थीं अब सरकार इन्हें ब्रॉडगेज में शिफ्ट कर रही है। मीटर गेज में दो पटरियों के बीच की दूरी 1 मीटर ही होती है जबकि ब्रॉडगेज में पटरियों के बीच की दूरी 1.676 मीटर है।8 जनवरी 2024 को रेल मंत्रालय ने बताया कि देश की कुल 99235 किमी रनिंग रेलवे लाइन में से 65556 किमी लाइन को ब्रॉड गेज मार्ग से जोड़ दिया गया है। अभी भी 33679 रेलवे लाइन पर ब्रॉड गेज का काम चल रहा है या फिर बाकी है।
वादा नंबर 5: 2022 तक सभी रेल पटरियों का विद्युतीकरण होगा
BJP इस वादे पर खरी नहीं उतरी है।रेलवे के मुताबिक 1 मार्च 2024 तक ……कुल 99235 किमी रनिंग रेलवे लाइन में से 61508 किमी में ……..विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है।… अभी भी 37727 किमी में ……..काम चल रहा है या फिर बाकी है।
वादा नंबर 6: हवाई अड्डों की संख्या डबल करेंगे
BJP का यह वादा अभी अधूरा है।साल 2019 में कुल 101 एयरपोर्ट्स थे। भाजपा ने 2024 तक एयरपोर्ट्स की संख्या 202 करने की बात कही लेकिन 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि इस समय देश में कुल 148 एयरपोर्ट्स हैं। इनमें से 103 डोमेस्टिक और 24 इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। यानी 2019-24 के बीच केवल 47 एयरपोर्ट ही बन पाए। अभी भी 54 बाकी हैं।
वादा नंबर 7 : भारतमाला परियोजना 2.0 की शुरुआत होगी
दोस्तों BJP का ये चुनावी वादा था जो पूरा नहीं किया भारतमाला परियोजना फेस 2 की घोषणा जनवरी 2019 में हो गई थी। इसके तहत अगले पांच साल में 5 हजार किलोमीटर के एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाने का लक्ष्य रखा गया।फरवरी 2023 में न्यूज वेबसाइट लाइवमिंट के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही भारतमाला 2.0 के लिए लगभग 3 ट्रिलियन रुपए के बजट की मंजूरी दे सकती है। हालांकि इसको लेकर किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।
वादा नंबर 8: 2022 तक फ्रेट कॉरिडोर योजना पूरी कर लेंगे
केंद्र सरकार इस वादे पर खरी नहीं उतरी है।अप्रैल 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फ्रेट कॉरिडोर योजना की घोषणा की थी। इसका मकसद ऐसी रेल लाइनें बनाना था जिनका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के लिए किया जाए। 2014 तक इस योजना पर कोई काम नहीं किया गया।
जून 2015 में मोदी सरकार ने इस स्कीम के लिए 81459 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया। इसके बाद रेल मंत्रालय ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) बनाने शुरू किए। पहला- 1337 किलोमीटर का लुधियाना से सोननगर का ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और दूसरा- 1506 किलोमीटर का जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल से दादरी का वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC)।
13 दिसंबर 2023 को रेलवे ने प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है लेकिन वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 1506 किलोमीटर में से 1176 किलोमीटर का ही काम पूरा हुआ है।
वादा नंबर 9: प्रदूषण का स्तर 35 प्रतिशत नीचे ले आएंगे
BJP इस वादे पर खरी नहीं उतरी है।सरकार ने 2019 में नेशनल क्लीन एक्शन प्रोग्राम लॉन्च किया था जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रदूषण का स्तर 20 से 30 प्रतिशत कम करने का था। जिसे बाद में बढ़ाकर 2026 तक 40 प्रतिशत कर दिया गया।रेस्पिरर लिविंग साइंसेज और क्लाइमेट ट्रेंड्स के मुताबिक इस प्रोग्राम के तहत 131 शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 9650 करोड़ के बजट आवंटन में से केवल 5835 करोड़ ही खर्च किया जा सका।पिछले कुछ वर्षों में ट्रैक किए गए 46 शहरों में सिर्फ 8 शहर ही प्रदूषण के स्तर को 20 से 30 प्रतिशत कम करने के लक्ष्य को हासिल कर पाए।
वादा नंबर 10 : हर उप-जिले एक मिनी खेल स्टेडियम
केंद्र सरकार का यह वादा अभी अधूरा है।उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में राज्य सरकारों ने कई मिनी स्टेडियम बनाने की योजनाएं शुरू की हैं लेकिन केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में उप-जिला स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाने की किसी व्यापक योजना की जानकारी उपलब्ध नहीं है।
वादा नंबर 11: 2025 तक देश की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर होगी
दोस्तों बीते कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था के बढ़ने की दर अच्छी रही है लेकिन BJP का 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर GDP वाली इकोनॉमी बनाने का वादा पूरा नहीं हुआ है।साल 2014 में भारत 2 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। 13 जून 2023 को भारतीय वित्त मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि अर्थव्यवस्था में 2014 से अब तक 87% की बढ़ोतरी के साथ भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
साल 2023 में आई SBI के अर्थशास्त्रियों की एक रिसर्च के मुताबिक भारत साल 2026 या 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर अमेरिका और चीन के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।विश्व बैंक के अनुसार साल 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.35% की दर से बढ़ेगी। वहीं अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1.4% चीन की 4.5% जापान की 1% और जर्मनी की अर्थव्यवस्था 1.1% दर से बढ़ेगी।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की इकोनॉमी इस समय 3.7 ट्रिलियन डॉलर है। सीनियर इकोनॉमिस्ट प्रोफेसर का मानना है कि 2025 तक भारत केवल 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी तक ही पहुंच पाएगा।जनवरी 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2027-28 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की GDP के अपने लक्ष्य को छू लेगा और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
वादा नंबर 12: 2024 तक हर जिले में एक चिकित्सा महाविद्यालय या PG कॉलेज
BJP ने अपना यह चुनावी वादा पूरा किया है।भारत में कुल 766 जिले हैं। देश में साल 2019 तक कुल 539 मेडिकल कॉलेज थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब इनकी संख्या बढ़कर 706 हो गई है। दिसंबर 2023 में केंद्रीय राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने राज्यसभा में बताया कि 157 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इनमें से 108 मेडिकल कॉलेजों के लिए काम शुरू हो गया है।
वादा नंबर 13: 2022 तक 175 गीगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करेंगे
इस वादे को लेकर BJP का काम संतोषजनक स्थिति में कहा जा सकता है।पार्लियामेंट्री पैनल के मुताबिक 31 दिसंबर 2022 तक 120.90 गीगावॉट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने का लक्ष्य हासिल हुआ। यानी सरकार ने कुल 175 गीगावॉट में से 69% लक्ष्य पूरा कर लिया अभी 31% काम बाकी था।इसके बाद 5 अप्रैल 2024 को विद्युत मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि फिलहाल देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 157.32 गीगावॉट हो गई है।
वादा नंबर 14: वर्ल्ड बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में टॉप 50 देशों में शामिल करने का प्रयास
BJP अपने इस वादे पर खरी उतरी हैसाल 2019 में वर्ल्ड बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 77वें नबंर पर था। इसके अगले साल 2020 में देश 63वें पायदान पर पहुंच गया।इसके बाद से वर्ल्ड बैंक ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स की लिस्ट जारी नहीं की। इसलिए स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन 14 पायदान की तरक्की के आधार पर कहा जा सकता है कि BJP ने इसे लेकर सार्थक प्रयास किए हैं।
वादा नंबर 15: बड़े पैमाने पर ग्रामीण सड़क उन्नयन कार्यक्रम की शुरुआत
BJP अपने इस वादे पर खरी उतरी है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को साल 2000 में शुरू किया गया था। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों को पक्की सड़कों से जोड़ना है। योजना के दूसरे चरण को 2013 और फिर भाजपा सरकार ने तीसरे चरण को जुलाई 2019 में शुरू किया।ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत तीसरे चरण में स्वीकृत 1.25 लाख किलोमीटर सड़क में से 69 हजार किलोमीटर का काम पूरा किया गया है। हालांकि अभी भी 37947 किलोमीटर सड़क पर काम अधूरा है।
वादा नंबर 16: 2024 तक 60000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होगा
BJP के इस वादे का स्टैटस संतोषजनक है।देश में साल 2019 से 2024 तक 50568 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया। अभी भी 9432 किलोमीटर का लक्ष्य बाकी है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में 10237 किमी 2020-21 में 13327 किमी 2021-22 में 10457 किमी 2022-23 में 16547 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया।
वादा नंबर 17 : 5 किलोमीटर के अंदर बैंकिंग सेवाएं
BJP अपने इस चुनावी वादे पर खरी उतरी है।वित्तीय सेवाएं विभाग के अनुसार पिछले कुछ सालों में हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक बैंकिंग आउटलेट बैंक की शाखा या बैंक प्रतिनिधि होना सुनिश्चित हुआ है।सरकार ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित ऐप जन धन दर्शक ऐप लॉन्च किया था जिसके जरिए 19 जनवरी 2024 तक 601328 गांवों में से 99.81% गांवों को 5 किमी के दायरे में बैंकिंग आउटलेट से कवर कर लिया गया है।
2022 में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.90 लाख डाक कर्मियों और ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए अब जीरो किलोमीटर यानी घर पर ही लोगों की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार पोस्ट ऑफिस द्वारा मिलने वाली बैंकिंग सेवाओं के चलते ग्रामीण इलाकों में लोगों की 2.5 किलोमीटर के अंदर बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच हो गई है।
वादा 18 : सरकारी सेवाएं वित्तीय लेनदेन का डिजिटलीकरण
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत BJP के इस वादे की स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है।प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। जिसके बाद 2016 में सरकारी सेवाओं की जानकारी के लिए ‘नेशनल गवर्नमेंट सर्विस पोर्टल’ लॉन्च किया गया था।
भारतीय न्यायिक प्रणाली को डिजिटलाइज करने के लिए साल 2005 में ‘ई-कोर्ट प्रोजेक्ट’ शुरू हुआ था। 2023 में इसका दूसरा चरण पूरा हुआ और सितंबर 2023 में केंद्र सरकार ने 7210 करोड़ रुपए के खर्च के साथ ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण को मंजूरी दी थी। इसके तहत 18735 अदालतों को कंप्यूटराइज करने और उन्हें इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य है।वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 से 2022 तक एक साल में 3600 करोड़ वित्तीय लेनदेन बढ़कर कुल 7400 करोड़ हो गए। इनके जरिए 124000 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन हुआ।
मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस द्वारा जनवरी 2023 में जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक भारत में फिनटेक एडॉप्शन रेट यानी ऑनलाइन मोड में वित्तीय लेनदेन अपनाने की ग्लोबल रेट 64% से 23% ज्यादा यानी कुल 87% हो गई है। सरकारी सेवाओं और संस्थानों के डिजिटलाइजेशन के अलावा ऑनलाइन खरीदारी मोबाइल इंटरनेट के इस्तेमाल जैसे पैमानों के मुताबिक भी भारत में डिजिटलीकरण तेजी से बढ़ रहा है।
वादा नंबर 19 : देश के सभी गांवों में बिजली आपूर्ति करेंगे
सरकार के दावे के मुताबिक यह वादा पूरा हो चुका है।ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक सभी 597464 गांवों तक बिजली पहुंच गई है। मणिपुर के सेनापति जिले का लीसांग आखिरी गांव था जहां साल 2018 में बिजली पहुंची।साल 2019 में भाजपा ने फिर वादा किया कि देश के हर गांव तक बिजली पहुंचाएंगे।हालांकि 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में गांव की कुल संख्या 640867 है। इसके अलावा अभी भी कई मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ गांवों तक बिजली नहीं पहुंचने की खबरें आती हैं। मसलन द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से पहले तक ओडिशा के उनके गांव पहाड़पुर में बिजली का कनेक्शन नहीं था।
वादा नंबर 20: सभी बस्तियां पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगी
सरकार के दावे के मुताबिक.. BJP का यह वादा पूरा हो गया है।…2 अक्टूबर 2019 को गांधी जंयती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में सभी गांव खुले में शौच से मुक्त (ODF) हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं इससे 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच की आदत बदली है।हालांकि WHO और यूनिसेफ ने साल 2022 में ‘घरेलू जलापूर्ति एवं स्वच्छता पर’ अपनी जॉइंट मॉनिटरिंग प्रोग्राम (JMP) रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक भारत की 17% ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती है और एक चौथाई ग्रामीण आबादी के पास न्यूनतम बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं भी नहीं हैं।
वादा नंबर 21: उत्तर-पूर्वी राज्यों का विकास
सरकार के प्रयास और उससे निकले नतीजे देखें तो उत्तर-पूर्वी राज्यों में विकास का BJP का यह वादा पूरा हुआ है।उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर 2022 तक उत्तर-पूर्व में 855 करोड़ रुपए की 9 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। वहीं लगभग 3000 करोड़ रुपए की 14 परियोजनाओं को मंजूरी के लिए अनुशंसित किया गया है। NDA सरकार के 9 सालों में उत्तर-पूर्व में हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर 16 हो गई है।
इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में इसी साल दुनिया की सबसे लंबी सुरंग ‘सेला टनल’ का उद्घाटन किया गया।मार्च 2024 में PM मोदी ने ‘उत्तर-पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना’ (उन्नति) 2024 लॉन्च की है। इसके तहत अगले दस सालों में उत्तर-पूर्व के विकास के लिए 10000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। PM मोदी ने 2880 मेगावाट की ‘दिबांग जलविद्युत परियोजना’ की आधारशिला भी रखी है।कई रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर-पूर्वी इलाकों में उग्रवाद की घटनाओं में काफी कमी आई है।
हालांकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में से एक मणिपुर में 3 मई 2023 से शुरू हुए जातीय दंगों ने बुरा प्रभाव डाला है। विपक्ष भी लगातार मणिपुर मामले को लेकर केंद्र पर उपेक्षा का आरोप लगाता रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी मणिपुर का दौरा नहीं किया।दोस्तों इस खबर में फिलाल इतना ही नेक्स्ट पार्ट में मोदी सरकार के और कितने वादे गारंटिया अधूरी है उस पर चर्चा करेंगे खैर आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ