BJP Modi Report Card (1) : राजनीतिक एजेंडे और हिंदुत्व से जुड़े मोदी के वादे कितने पूरे – कितने आधे ?
BJP Modi Report Card (1) : दोस्तों लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सत्ता में तीसरा कार्यकाल चाहते हैं उनकी पार्टी और खुद मोदी जी चुनावी प्रचार में अपनी कल्याण कारी योजनाओ का गुणगान कर रहे है आयुष्मान भारत और उज्ज्वला योजना से लेकर स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री आवास योजना तक हर दिन सैकड़ों सुर्खियाँ हेडलाइन्स पाती है और अब चुनाव के वक्त राजनीतिक युद्ध के मैदान में उबलने के लिए तैयार है। लेकिन इससे पहलेये योजनाएं बयानबाजी में खो जाएंइनकी सच्चाई के बारे में मोदी की गारंटी के बारे इनके कीये गए वादों को जानने का वक्त आ गया है
क्योंकि इस बार के बीजेपी के घोषणा पत्र का टाइटल है- भाजपा का संकल्प मोदी की गारंटी। इसे लॉन्च करते हुए PM मोदी ने कहा था ‘ BJP ने हर गारंटी को पूरा किया है।’बीजेपी के मुताबिक 2014 में लोगों के बीच आशा 2019 में विश्वास और 2024 में गारंटी लेकर आए.लेकिन हकीकत में 2014 की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है 2019 से लोगों के साथ विश्वासघात किया है और अब 2024 में क्या करेंगे ये समय बताएगा लेकिन आज की रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे की प्रेजेंट में BJP के वादों का स्टेटस आखिर है क्या ?? आज के पार्ट 1 में हम बात करेंगे भ्रष्टाचार रोकने और गंगा सफाई जैसे वादे जो अभी भी अधूरे है
राजनीतिक एजेंडे और हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे
दोस्तों साल 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए BJP ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पेज का घोषणापत्र जारी किया था। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा जनकल्याण अर्थव्यवस्था महिलाओं के सशक्तीकरण चिकित्सा अर्थव्यवस्था सुरक्षा और कृषि जैसे मुद्दों से जुड़े 85 प्रमुख वादे किए गए थे।इनमे से कुल 13 प्रमुख वादे ऐसे हैं जो BJP के राजनीतिक और हिंदुत्ववादी एजेंडे में फिट बैठते हैं। BJP ने इनमें से 7 वादे पूरे किए हैं जबकि 6 वादे अभी भी अधूरे है
वादा नंबर 1: भ्रष्टाचार मुक्त भारत के प्रयास
BJP का भ्रष्टाचार मुक्त भारत के प्रयास का वादा अभी अधूरा है।इस वादे पर काम तो चल रहा है लेकिन भारत मुक्त भ्रष्टाचार पर नहीं बल्कि विपक्ष भ्रष्टाचार मुक्त परकाम कर रही है बीजेपी दूसरे पार्टियों के भ्रष्टाचारियों को अपने दल मे शामिल कर रही है PM नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से कहा था कि ‘पिछले आठ सालों में जो दो लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाते थे उनको बचाकर देश की भलाई के काम में लगाने में हम सफल हुए हैं।’केंद्र सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कहती आई है। केंद्र में BJP की सरकार आने के बाद ED और CBI जैसी जांच एजेंसियों की कार्रवाई बढ़ी है।हालांकि 1995 से हर साल भ्रष्टाचार की स्थिति का मूल्यांकन करने वाली संस्था ‘ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में भारत 39 अंकों के साथ 180 देशों में से 93वें स्थान पर है जबकि 2019 में भारत 80वें स्थान पर था।
वादा नंबर 2 : भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत वापस लाना
दोस्तों BJP का यह वादा अधूरा है साल 2018 में केंद्र सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (FEOA) पारित किया गया। इसका मकसद कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए देश छोड़ने वाले आर्थिक अपराधियों को रोकना है।1 अगस्त 2023 को केंद्र सरकार ने बताया कि 2018 से अब तक विजय माल्या नीरव मोदी समेत 10 लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है। इन्होंने 40000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया है जिसमें से 15000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली गई है।हालांकि केंद्र सरकार इन भागे हुए 10 लोगों को वापस देश लाने में नाकाम रही है। BJP ने अपने वादे में कार्रवाई तेज करने की बातकही थी लेकिन रिजल्ट बताता है कि इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
वादा नंबर 3 : 2022 तक स्वच्छ गंगा का लक्ष्य
मोदी सरकार का ये वादा भी अधूरा है।यानि मोदी की गारंटी अधूरी है साल 2014 में BJP की सरकार बनते ही ‘नमामि गंगे योजना’ की शुरुआत हुई जिसका उद्देश्य गंगा को स्वच्छ बनाना था। मीडिया को RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 2022 तक सरकार इस योजना के लिए जारी हुए 20000 करोड़ रुपए का सिर्फ 27% ही खर्च कर पाई। दिसंबर 2022 में जल शक्ति राज्य मंत्री विशेश्वर टुडू ने कहा कि ‘नमामि गंगे योजना’ के तहत अभी तक 30458 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ कुल 353 परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है जिसमें से 178 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।संसद में गंगा की सफाई के सवाल पर सरकार का एक सा जवाब रहा है कि नदी की सफाई सतत प्रक्रिया है। हालांकि समय-समय पर गंगा की सफाई के लिए ‘अर्ध गंगा मॉडल जैसी अन्य योजनाएं भी आईं लेकिन अभी गंगा को पूरी तरह साफ नहीं किया जा सका है।
14 दिसंबर 2023 को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि ‘नमामि गंगे कार्यक्रम’ के तहत कुल 195 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से 109 सीवरेज परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 2664 MLD (मिलियन लीटर प्रति दिन) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट क्षमता का निर्माण और पुनर्वास हो चुका है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने दिसंबर 2026 तक 7000 MLD की ट्रीटमेंट क्षमता को मंजूरी देने का लक्ष्य रखा है।सरकार की उदासीनता का स्तर यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद की बीते छह सालों में केवल एक बैठक हुई है जबकि नियमतः इसे हर साल होना चाहिए था।
वादा नंबर 4 : NRC लागू करेंगे
BJP का यह चुनावी वादा अभी अधूरा है।20 नवंबर 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने ज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि NRC की प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जाएगी। इसमें किसी भी धर्म के आधार पर लोगों को बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है।
दिलचस्प बात ये है कि इसके करीब दो महीने बाद ही 22 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली में कहा कि उनकी सरकार में 2014 से आज तक NRC को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई सिर्फ असम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार NRC लागू किया गया है। अमित शाह और मोदी के इन बयानों से पैदा हुए विरोधाभास की खूब चर्चा हुई थी।31 अगस्त 2019 को NRC की आखिरी लिस्ट जारी की गई है। उधर मणिपुर ने साल 2022 में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिसमें केंद्र से मणिपुर में NRC लागू करने की मांग की गई है।NRC को लेकर विपक्षी दलों ने लगातार शंकाएं जाहिर की हैं और विरोध भी किया है AIMIM के मुखिया ओवैसी जैसे कई नेताओं ने इसे देश के मुसलमानों के साथ अन्यायपूर्ण बताया है।2024 के संकल्प पत्र में एनआरसी नहीं है लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने की बात की गई है।
वादा नंबर 5 : ‘एक देश-एक चुनाव’
एक साथ सभी चुनाव करा पाना अभी भी दूर की कौड़ी है इसके लिए BJP के प्रयास का वादा अभी अधूरा है।दोस्तों 1967 तक देश में एक साथ ही लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं के चुनाव हुए लेकिन इसके बाद यह क्रम टूट गया।’एक देश-एक चुनाव’ BJP का पुराना चुनावी मुद्दा रहा है। BJP के दिग्गज नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी बाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव करवाने के पक्ष में थे। 1999 में जब अटल की सरकार थी तब एक कानून आयोग की रिपोर्ट में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई थी। सरकारें बदलने के साथ ‘एक देश-एक चुनाव’ की बहस भी चलती रही।
2014 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में BJP ने कहा ‘वह सभी दलों से विमर्श करके ऐसा तरीका बनाना चाहती है कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों।’अब का status ये है कि इसको लेकर 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। इसने 14 मार्च 2024 को 18626 पन्नों की अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। इस कमेटी ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया था जिसमें 47 राजनीतिक दलों ने जवाब दिया। 32 पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर हामी भरी है। वहीं 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया है।
वादा नंबर 6: समान नागरिक संहिता बनाना
समान नागरिक संहिता लागू करने का BJP का वादा अभी अधूरा है।संविधान के आर्टिकल-44 यानी राज्य के नीति निदेशक तत्वों में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है। अभी देश में नागरिकों के लिए सामान आपराधिक संहिता है लेकिन समान नागरिक संहिता लागू (UCC) नहीं हो पाई है। इसे लेकर समय-समय पर विरोध भी किया गया है।अभी तक सिर्फ गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है। वहीं फरवरी 2024 में उत्तराखंड विधानसभा में भी UCC ध्वनि मत से पारित हो गया है।
वादा नंबर 7: महिलाओं के लिए 33% आरक्षण
BJP का यह चुनावी वादा अधूरा कहा जा सकता है।लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए पहली बार 1996 में कोई बिल लाया गया था।27 साल बाद 20 सितंबर 2023 में ये बिल लोकसभा से और फिर 22 सितंबर को राज्यसभा से पारित हो गया। 28 सितंबर को राष्ट्रपति ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी।इस तरह बिल लागू होने के लिए जरूरी कानूनी जरूरतें तो पूरी हो चुकी हैं लेकिन परिसीमन और जनगणना पूरी होने के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है।20 सितंबर 2023 को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की कवायद 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही की जाएगी और इसलिए 2029 के बाद ही महिला आरक्षण विधेयक लागू हो सकेगा।
वादा नंबर 8 : राम मंदिर निर्माण
दोस्तों BJP ने अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे के तहत यह वादा पूरा किया है।9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की।ठीक 6 महीने बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई।22 जनवरी 2024 को मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम लोगों के लिए मंदिर खोल दिया गया।
वादा नंबर 9 : सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लागू करेंगे
दोस्तों BJP का यह वादा पूरा हो गया है।10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद CAA कानून बन गया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे 4 साल से ज्यादा वक्त बाद आम चुनावों के ठीक पहले 11 मार्च 2024 को देशभर में CAA लागू कर दिया है।इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। 31 दिसंबर 2014 से पहले इन तीन देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी।हालांकि CAA को लेकर देश के मुसलमानों में शंकाएं रही हैं। कई मुस्लिम नेताओं ने इसे मुसलमानों के प्रति भेदभाव वाला कानून बताया है। मुसलमानों के एक बड़े वर्ग को डर है कि CAA के बाद केंद्र सरकार NRC लाएगी और इसके तहत उन्हें देश से बाहर कर दिया जाएगा। मुस्लिम वर्ग का यह भी कहना है कि CAA के तहत पड़ोसी देशों के मुस्लिम शरणार्थियों के लिए रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
वादा नंबर 10 : धारा 370 35A का निर्मूलन
BJP ने अपना ये वादा पूरा किया है।5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A के प्रभाव को खत्म कर दिया गया था। इसके तहत राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। लगभग 4 साल बाद 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को वैध माना।हालांकि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के निर्णय का कांग्रेस PDP AIMIM और JDU जैसे कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है।
वादा नंबर 11 : मतदान के लिए एक मतदाता सूची का प्रयास
एक मतदाता सूची के प्रयास का BJP का वादा पूरा कहा जा सकता है।एक देश-एक चुनाव’ पर विचार और सुझाव के लिए बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी से सिंगल वोटर लिस्ट लागू करने के तरीकों पर भी सुझाव मांगे गए थे। जिसके जवाब में कमेटी ने सिफारिश की है कि लोकसभा विधानसभा नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव के लिए एक मतदाता सूची और पहचान पत्र की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 325 को संशोधित किया जा सकता है।
वादा नंबर 12 : तीन तलाक के लिए कानून
तीन-तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के उन्मूलन का BJP का वादा पूरा हुआ है।तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं के उन्मूलन के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 में लोकसभा से पारित हुआ लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते राज्यसभा में अटक गया था।साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को 6 महीने के अंदर तीन तलाक पर कानून बनाने का निर्देश दिया था। 2019 के चुनाव के बाद सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ तीन तलाक के बिल को फिर से सदन में पेश किया। इस बार ये बिल दोनों सदनों से पास हो गया।
इस कानून के बनने से इस्लाम में तलाक के तीन तरीकों से एक तलाक-ए-बिद्दत (एक साथ तील तलाक देकर शादी तोड़ना) गैरकानूनी हो गया है इस तरह से तीन तलाक देने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है।वहीं इस्लाम में तलाक के एक और तरीके तलाक-ए-हसन (तीन महीने में तीन बार तलाक देकर शादी तोड़ना) की वैधता को भी चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। यह मामला अभी जारी है।
वादा नंबर 13: भारत गौरव योजना की शुरुआत
BJP की यह योजना शुरू करने का वादा पूरा हुआ है।नवंबर 2021 में भारत गौरव योजना की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना के तहत ट्रेनों में पर्यटन के लिये तीसरा अनुभाग स्थापित किया गया। इससे पहले रेलवे के पास यात्री अनुभाग और माल अनुभाग थे।इस अभियान का उद्देश्य भारत में ट्रेन के जरिए सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन और देश में पर्यटन को बढ़ावा देना है।कोयंबटूर उत्तर से साईंनगर शिर्डी के लिए पहली भारत गौरव ट्रेन 14 जून 2022 को शुरू हुई थी।
दोस्तों राम मंदिर निर्माण जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाने CAA तीन तलाक एक देश-एक चुनाव और यूनिफार्म सिविल कोड जैसे मुद्दे BJP के राजनीतिक एजेंडे और देश की बहुसंख्यक आबादी को साधने की कोशिश के तहत आते हैं।राम मंदिर का मुद्दा देश-दुनिया के हिंदुओं को आकर्षित करता है। असम में NRC लागू करने के उदेश्य यह संकेत देना है कि हम असमिया हिंदू के साथ हैं। धारा 370 के उन्मूलन के पीछे यह उद्देश्य भी था कि पूरे देश के बहुसंख्यकों में यह संदेश जाए कि हमने जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह देश में मिला लिया है।एक देश-एक चुनाव’ एक राजनीतिक वादा है पूरे देश में अलग-अलग भौगोलिक Circumstances हैं ऐसे में एक साथ सभी चुनाव कराना मुश्किल है। सरकार को कम से कम एक राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक साथ सभी निकाय और विधानसभा चुनाव कराने की शुरुआत करनी चाहिए थी।
सभी चुनावों के लिए एक मतदाता सूची के प्रयास का वादा धराशायी है। चुनाव आयोग ही सूचियां बदल देता है। लोकसभा चुनाव की सूची में जिसका वोट होता है उसका विधानसभा चुनाव में कट जाता है। तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाने के बाद सरकार को यह आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि कितनी मुस्लिम महिलाओं को इससे फायदा मिला।
दोस्तों इस खबर में फिलाल इतना ही नेक्स्ट पार्ट में मोदी सरकार के और कितने वादे गारंटिया अधूरी है उस पर चर्चा करेंगे खैर आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ