BJP CM Face: 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद भाजपा द्वारा मीडिया में कांग्रेस की आलोचना की जा रही थी तेलंगाना के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने में तथाकथित देरी के लिए। काँग्रेस ने तो परसों मुख्यमंत्री की घोषणा करदी … लेकिन तीन दिन बीत गए हैं और भाजपा मुख्यमंत्रियों की घोषणा नहीं कर पाई ?? भाजपा के अब तक तीन राज्यों में मुख्यमंत्री न घोषित हो पाने के पीछे वजह है पार्टी की रणनीति
पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला नतीजे 3 दिसंबर को ही आए लेकिन आज 8 दिसंबर तक मुख्यमंत्री घोषित नहीं कर पायी वहीं कांग्रेस ने तेलंगाना में नतीजे आने के दो दिनों के भीतर मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था. भाजपा की यह परिपाटी लंबे समय से चली आ रही है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के समय से अभी इन तीन राज्यों तक भाजपा में मुख्यमंत्री पर काफी मंथन होता है.
तीनों राज्यों में सीएम नहीं तय कर पाई बीजेपी
मध्यप्रदेश समेत राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहा इंतज़ार ख़त्म होने का नाम ही नही ले रहा। सीएम के नाम घोषित करने के भारी दबाव का सामना कर रही बीजेपी ने अब नौ पर्यवेक्षकों की घोषणा की है।
यानी रविवार को जीते गए तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़- के लिए मुख्यमंत्रियों के चयन में तीन केंद्रीय मंत्री सहित नौ पर्यवेक्षक मदद करेंगे। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को राजस्थान भेजा जाएगा। राजस्थान में सीएम पद को लेकर काफी ज़्यादा अटकलें लग रही हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के दो सदस्यों के लक्ष्मण और आशा लाखरा को मध्य प्रदेश भेजा जाएगा।
कृषि और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। ये सभी पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों की निगरानी करेंगे जो तीनों राज्यों में से प्रत्येक में उम्मीदवारों का चयन करेंगे जिन्हें पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।
विधायकों के मन की बात फिर होगा मुख्यमंत्री का चुनाव
तीनों राज्यों में से सबसे ज़्यादा राजस्थान का मामला भाजपा के गले की फाँस बन गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद अचानक ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। राजस्थान से आ रही खबरों में कहा गया है कि वसुंधरा समर्थक कुछ विधायकों को होटल में भी ठहराया गया है। यह बात नवनिर्वाचित भाजपा विधायक ललित मीणा के बयान से सामने आई है। ललित मीणा ने कहा है कि वो किसी भी गुटबाजी में नहीं पड़ना चाहते हैं उन्हें सीकर के होटल में कुछ भाजपा विधायकों ने बुलाया था। लेकिन ललित मीणा ने हालात को देखते हुए वहां आने से मना कर दिया।
हालांकि खुद वसुंधरा राजे ने बयान दिया था कि आलाकमान जैसा कहेगा वैसा वो करेंगी। लेकिन उनकी अप्रत्यक्ष गतिविधियों ने भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। वह जब दिल्ली गईं तो इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। राजस्थान सहित तीन राज्यों में इस बार बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। लेकिन, तीनों ही राज्यों में सीएम फेस को लेकर अभी भी दाव फंसा हुआ है। खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 6 दिन बाद भी बीजेपी तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं कर पाई है। लेकिन अब तीनों राज्यों में पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पर सस्पेंस खत्म होगा।
9 और 10 दिसंबर तक तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक होगी और फिर तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, अंदरखाने चर्चा है कि जैसे बीजेपी ने अन्य प्रदेशों में सीएम के चेहरे को लेकर चौंकाया है। वैसा ही चौंकाने वाला चिरपरिचित अंदाज तीनों राज्यों में देखने को मिल सकता है। फिलहाल, तस्वीर साफ नहीं है।
दोस्तों भाजपा इन राज्यों में ऐसे मुख्यमंत्री का चुनाव करना चाहती है, जो साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भी प्रभावकारी हो और अधिकतम सीटें जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। इसके साथ ही स्थानीय समीकरण और बगावत को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के नामों पर मुहर लगेगी। आपकी इसपर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ