दोस्तों बिहार सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का एक और नया रूप सामने आ आया है,,जी हाँ,,बिहार के भागलपुर में गंगा नदी के ऊपर बन रहा फोरलेन पुल तास के पत्तों की तरह भरभराकर ढ़ह गया। 1716 करोड़ की लागत से अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर ये पुल बन रहा था। इतनी बड़ी लागत से बन रहा यह पुल,, महज 10 मिनट के अंदर गंगा में समा गया। पुल के नदी में समाते ही बिहार में एक बार फिर भ्रष्टाचार पर चर्चा होने लगी।
1716 करोड़ की लागत से बना है यह पुल
दोस्तों बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर अरबों रुपये की लागत से यह पुल बन रहा था,,लेकिन दोस्तों ये पुल बिहार सरकार के भ्रस्टाचार को सेह नहीं पाई,,और ताश के पत्तों की तरह गंगा नदी में भर भरा कर गिर गया,,दोस्तों सीएम नीतीश कुमार ने फरवरी, 2014 में पुल का शिलान्यास किया था. तब दावा था कि 2019 तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन पुल बनना तो दूर 9 साल में सरकार 8 बार समय-सीमा बढ़ाती रही. आखिरकार भ्रष्टाचार का यह पुल ध्वस्त हो गया. सरकारी एजेंसियों और निर्माण एजेंसियों की मिलीभगत का अंदाजा इस बात से आप लगा सकते हैं कि यह पुल दूसरी बार ढहा है,,और घटिया निर्माण के बाद भी बिहार सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है,, हालांकि पुल ढहने के बाद जब सरकार की आलोचना होने लगी,,तब जाकर सीएम नीतीश कुमार ने जांच के निर्देश दिए हैं.
10 मिनट के भीतर ही गंगा में समा गया पुल
दोस्तों 10 मिनट के भीतर ही यह पुल धड़ाम से गंगा नदी में जा गिरा. तीन पाए पर टिके 30 के करीब स्लैब नदी में समा गए,,पुल के गिरने के बाद नदी में लहरें तेज हो गईं. नदी के किनारे जाने के लिए नाव में बैठे लोग,,नाव से कूदकर अपनी जान बचाने के लिए भागे,,गनीमत तो यह रही दोस्तों की यह पुल चालु नहीं था,,वार्ना सोचिये आप यह भ्रस्टाचारी पुल कितने लोगों की जान ले लेता
पिछले साल भी गिरा था पुल का एक हिस्सा
गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच बन रहा यह फोरलेन पुल निर्माण के दौरान दूसरी बार ढह गया,,दोस्तों पिछले साल 27 अप्रैल को भी इस निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया था. तेज आंधी और बारिश में करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर जमीन पर गिर गया था. इसके बाद पुल निर्माण का काम फिर शुरू हुआ. इस बार करीब 80 प्रतिशत काम सुपर स्ट्रक्चर का पूरा हो गया था. इतना ही नहीं अप्रोच रोड का काम भी 45 फीसदी पूरा कर लिया गया था, लेकिन पुल के गिरने से इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं.
2014 में पुल की आधारशिला रखी गई
दोस्तों हम आपको यह भी बता दे की,,इसी महीने जून 2023 में पुल का काम पूरा नहीं होने पर सरकार ने आठवीं बार इस पुल के काम को पूरा करने के लिए समय-सीमा बढ़ाई थी,,दोस्तों 23 फरवरी, 2014 को पुल के लिए आधारशिला रखी गई थी और 9 मार्च, 2015 को सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में काम शुरू हुआ था. तब मार्च 2019 तक पुल का काम पूरा होने का दावा किया गया था,, लेकिन निर्धारित समय में सिर्फ 25% काम हुआ था. पहली बार सरकार ने इसी समय में काम की अवधि मार्च 2020 यानी एक साल के लिए बढ़ा दी थी
SP सिंघला कंपनी ने बनाया यह पुल
वही दोस्तों ठेका कंपनी,,SP सिंघला कंपनी पर बिहार सरकार इस कदर मेहरबान थी,,की बिहार सरकार ने 7 बार टेंडर की डेटलाइन को बढ़ाया,,उसके बाद भी 2 बार ये पुल collapse हो गया,, अब हम आप डेटलाइन के बारे में बता देते है,,की ये कब कब बढ़ी,,दोस्तों 23 फरवरी 2014 को नीतीश कुमार ने खगड़िया में पुल का शिलान्यास किया था. बीच में मांझी सीएम बने तो उसके बाद काम रुक गया था. हालांकि, नीतीश के दोबारा सीएम बनने के बाद 9 मार्च 2015 को काम शुरू हुआ,, पहले इसे मार्च 2019 में पूरा होना था. लेकिन बाद में सेकेंड डेडलाइन मार्च 2020 की गई,,दोस्तों कोरोना के चलते डेडलाइन मार्च 2022 की गई. मार्च में भी काम पूरा नहीं हुआ, तो डेडलाइन दिसंबर 2022 की गई. लेकिन तब भी पुल पूरा नहीं बन सका,, इसलिए इसका उद्घाटन नहीं हुआ. इसके बाद पुल को मार्च 2023 तक पूरा करने की डेडलाइन रखी गई. इसके बाद जून 2023 में छठी डेडलाइन भी फेल हो गई. इसके बाद पुल को दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. लेकिन उससे पहले ही पुल का बड़ा हिस्सा गंगा में समा गया,,
दोस्तों ब्रिज गिरने के बाद SP सिंगला कंपनी सवालों के घेरे में आ गई है. यहां तक कि बिहार में कंपनी को बैन करने की भी मांग उठ रही है. हालांकि, कंपनी देश में कई नदियों पर पुल बना चुकी है,, जबकि कई पुल कंपनी द्वारा बनाए जा रहे हैं. एसपी सिंगला कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी ने देशभर में अब तक 25 ब्रिज बना चुकी है. जबकि 8 ब्रिज पर काम जारी है. कंपनी ने बिहार में अरवल और सहरसा में भी पुल बनाए हैं.
दोस्तों वीडियो में आप देख सकते है,,कि कैसे 1700 करोड़ से ज्यादा की लागत से तैयार हो रहा ये पुल जमींदोज हो गया. ब्रिज देखते ही देखते ताश के महल की तरह गिर गया. पहले निर्माणाधीन पुल का ये छोटा सा हिस्सा गिरता है, इसके चंद सेकेंड के भीतर 200 फीट का लंबा स्लैब गंगा नदी में समा जाता है. गंगा में पुल का हिस्सा समाते ही धड़ाम की आवाज आती है.
दोस्तों पुल गिरने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने इस मामले में महागठबंधन सरकार पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है,,वही पुल ढहने के बाद जब बिहार सरकार की आलोचना होने लगी तब सीएम नीतीश कुमार ने जांच के निर्देश दिए हैं,,दोस्तों बिहार में पुल गिरने का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई ऐसे पुल है,,जो भ्रस्टाचार की भेट चढ़ चुके है,,सवाल ये है की दो दो बार पुल collapse होने के बाद भी बिहार सरकार ने SP सिंगला कंपनी पर एक्शन क्यों नहीं लिया,,क्यों बार बार पुल की डेटलाइन को बढ़ाया गया,,इसकी जांच पड़ताल पहले क्यों नहीं की गई