Site icon जनता की आवाज

India Vs Bharat: G20 के निमंत्रण में Republic of Bharat लिख छोड़ा नया जुमला!

india

india

India Vs Bharat: G20 के ठीक बाद केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. ,,इस एक लाइन ने बीते एक हफ्ते से सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर रखा है,18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक ,,संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में कोई क्वेश्चन ऑवर नहीं होगा,, साथ ही प्राइवेट मेंबर बिल भी नहीं लाया जा सकेगा। ,,साफ़ है, संसद के इस विशेष सत्र का विशेष उद्देश्य भी है,, क्योंकि हाल ही में मॉनसून सत्र का समापन हुआ है।, चूँकि मोदी सरकार ने बताया नहीं है कि,, इसका उद्देश्य क्या है, ,,इसीलिए मीडिया में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, ,,,,विपक्षी दल भी इसमें कूद पड़े हैं ,,और बहस का एक नया दौर शुरू हो गया है।

पहले चर्चा चली कि मोदी सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल लेकर आ रही है जिसके तहत देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे।, संसद के विशेष सत्र में क्या होगा, इसकी अभी तक सिर्फ अटकलें ही हैं,लेकिन मंगलवार को एक और नई बात सामने आ गई. जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं,,, कहा जाने लगा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार, देश के नाम बदले जाने का यानि India से भारत किए जाने का प्रस्ताव रख सकती है

I.N.D.I.A. गठबंधन को लगेगा झटका

अगर नाम बदला जाता है तो इसके तहत ,,,,अब देश का नाम सार्वजनिक और सार्वभौमिक रूप से भारत ही होगा., जल्द ही देश को INDIA, इंडिया कहा जाना,,, बीते जमाने की बात हो सकती है. ,,अगर ऐसा होता है तो यह ,,अभी-अभी नए बने I.N.D.I.A. गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित होगा,, जिसने खुद से खुद को देशहित का पर्याय मानते हुए ,,अपने गठबंधन का नाम देश की ,,इस इंग्लिश वर्तनी पर रख लिया था,, ताकि उसे जब I.N.D.I.A. पुकारा जाए ,,तो यह देश की आवाज लगे

कैसे सामने आई देश का नाम बदलने की बात?

खैर, किसके मन में क्या है,,, ये तो भविष्य में ही पता चलेगा ,,,,लेकिन ये नाम बदलने वाली भावना को बल कहां से मिला,,,, इस पर बात करते है ,,,असल में सोमवार से लेकर मंगलवार तक ,,,,दो दिनों में इस आशय की इतनी खबरें सामने आईं,,, जिनसे देश का नाम बदले जाने जैसी भावना ,,,,के संकेत मिलते हैं. ,,मंगलवार सुबह ही सामने आया कि,, भारत के प्रेसीडेंसी G20 ने नया हैंडल G-20 भारत लॉन्च किया है.,, यह G20 का अतिरिक्त एक्स अकाउंट होगा.,,, इसके तहत G20 से संबधित टिप्पणियां और सूचनाएं भारत के ,,,आधिकारिक नाम से जारी की जाएंगी.

G20 के रात्रिभोज के निमंत्रण पर भी दर्ज हुआ भारत

इसी तरह दूसरी खबर ये है कि,,, राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए जो निमंत्रण पत्र भेजा है,, वह भी ‘भारत के राष्ट्रपति’ यानि (‘President of Bharat’) के नाम से भेजा है. ,,जबकि अभी तक इसके लिए सामान्य प्रचलन में President of India ही प्रयोग किया जाता रहा है., इस बारे में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने (ट्वीट) करके जानकारी दी है,,,. कांग्रेस सांसद ने लिखा कि, ,,’तो ये खबर वाकई सच है…, राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘,,इंडिया के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है,,. इसकी पुष्टि करते हुए निमंत्रण पत्र की एक तस्वीर भी सामने आई है., यह निमंत्रण एक मंत्री के नाम पर आया है,,,, जिस पर ‘भारत के राष्ट्रपति’ दर्ज है.

कई सांसद कर चुके हैं नाम बदलने की मांग

इसी तरह सोमवार को,,,, खबर आई कि बीजेपी राज्य सभा सांसद ,,,,हरनाथ सिंह यादव ने भारत के संविधान से,, इंडिया शब्द को हटाने की मांग की है,,. उन्होंने कहा कि ‘इंडिया शब्द गुलामी का पर्याय है ,,,और संविधान संशोधन से इसको हटा देना चाहिए,,,. हरनाथ सिंह जैसी ही बात नरेश बंसल ने भी की है., इन सांसदों का मानना है कि,, किसी देश के दो नाम हो सकते हैं क्या?, इन सांसदों का ये भी मानना हैं,, इंडिया ग़ुलामी का प्रतीक हैं जबकि, भारत हमारी विरासत की पहचान है. ,,इन्हीं जारी अटकलों के बीच ,,जब इस पर चर्चा बढ़ने लगी और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी ,,,तो असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने ,,भी ट्वीट पर खुशी जाहिर की है.

RSS ने भी कहा- देश का एक नाम, सिर्फ भारत हो

ये तो रही बीते दो दिनों की बात,,,, लेकिन थोड़ा और पीछे चलें तो rss भी इस लाइन में खड़ी दिखती है ,,,जो ऐसी ही मांग को दोहरा रही है.,, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने,, बीते शुक्रवार को कहा था कि ,,,,इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए,,,,. उन्होंने लोगों से यह अपनी आदत में शुमार करने की अपील भी की,,. भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए.

अब कुछ दिन पहले की बात करते हैं।,, 28 जुलाई, 2023 को ये मामला संसद में वैसे भी गूँज चुका है। ,,,भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने माँग की थी। ,,,,उन्होंने कहा था कि अभी जब आज़ादी का अमृत काल चल रहा है,, संविधान के अनुच्छेद-1 को संशोधित कर के,, इस पुण्य पावन धरा का नाम केवल ‘भारत’ रखा जाना चाहिए। ,,

ऐसे में इन अटकलों को बल मिलना लाजिमी है ,,,कि क्या देश का नाम अब सिर्फ ‘भारत’ रहेगा,, ‘India’ नहीं। ,,प्राचीन काल से हमारे देश का नाम भारत ही रहा है। ,,,ट्विटर पर लगातार लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं,,, कि ऐसा होता है तो ये सही है या गलत। हालाँकि,,, इसके लिए हमें संसद के विशेष सत्र तक इंतजार करना होगा।,,,आपकी इस पर क्या राय है कमेन्ट कर जरूर बताएँ

Exit mobile version