Bharat Bandh: दोस्तों चुनाव से पहले मोदी (PM Modi) सरकार के लिए ,फिर एक चुनौती खड़ी हो गई है किसान एक बार फिर से हल्लाबोल के लिए तैयार है… फिर दिल्ली आ रहे है किसान………दोस्तों एक बार फिर से किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है और इसके लिए दिन चुना गया है 16 फरवरी… जी हां ये वो दिन है जब किसान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं… प्रदर्शन की तारीख भले ही बदल गई हो लेकिन किसानों की मांगे वही है… भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्ववन किया है.
16 फरवरी को किसानों ने बुलाया ‘भारत बंद’
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान 16 फरवरी को देश भर में कई मुद्दों को लेकर ‘भारत बंद’ रखेंगे। इन मुद्दों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून को, लागू न करना भी शामिल है। किसान समूहों के अलावा व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से भी इस आंदोलन का समर्थन करने और उस दिन हड़ताल करने का आग्रह किया गया है।
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह की ओर से गांव गांव जाकर किसानों के साथ मीटिंग की जा रही है। जिसमें किसानों को 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च और 13 फरवरी को दिल्ली रवाना के लिए न्यौता दिया जा रहा है। इसी को लेकर यूनियन ने बुधवार को गांव नन्यौला में किसानों के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान किसानों को ट्रैक्टर मार्च को लेकर रूट की जानकारी दी गई। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के जिला प्रधान गुरमीत सिंह माजरी ने बताया कि किसानों को सचेत किया गया इस ट्रैक्टर मार्च को शांति पूर्वक निकालना है।
26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च तैयार
गुरुद्वारा साहिब में दिल्ली रवाना को लेकर अरदास की जाएगी। इसके साथ ही मीटिंग में 13 फरवरी को नियोजित दिल्ली कूच करने को लेकर तैयार रहने का निर्णय लिया। दिल्ली कूच से पहले शंभू टोल प्लाजा पर किसान एकत्रित होंगे। जहां से पंजाब के किसानों के साथ दिल्ली की ओर रवाना होंगे। इस दौरान किन किन चीजों और जरूरत के सामान की आवश्यकता होगी। इसकी तैयारियों को लेकर भी बैठक की गई।
गौरतलब है भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत केंद्र की मोदी सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का नेतृत्व किया था. करीब एक साल तक चले भारत बंद के दौरान राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इलाके प्रभावित हुए थे. हालांकि एक साल चले भारत बंद के बाद केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेना पड़ा था.
राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को एक बार फिर ,एमएसपी को मुद्दा बनाते हुए भारत बंद का आह्वान किया है. हालांकि किसान नेता राकेश ने कहा है कि इस बार भारत बंद के दौारन बेरोजगारी, अग्निवीर योजना और ओल्ड पेंशन स्कीम ,जैसे कई और मुद्दे भारत सरकार के समक्ष उठाए जाएंगे.
दोस्तों मोदी सरकार को किसानों के आगे ,झुकना पड़ा था सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे अब देखना होगा की लोकसभा चुनाव से पहले भारत बंद का ऐलान मोदी सरकार पर कितना भारी पड़ता है आपकी इस पर क्या राय है comment कर जरूर बताएँ