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ED Arrest Arvind Kejriwal : सलाखों के पीछे केजरीवालऐसे होगा 400 पार!

ED Arrest Arvind Kejriwal : आपके हिसाब से आज की अखबारों में हेड्लाइन क्या होनी चाहिए थी जी हाँ, बिल्कुल सही सोच रहे है आप इलेक्टरोल बॉन्ड लेकिन ध्यान भटकाओ योजना के तहत हेड्लाइन बने,, दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल वही केजरीवाल जिन्हे कल शाम शराब नीति मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया वैसे ये ख़बर है टीवी के लिए, गोदी मीडिया के लिए लेकिन इसके पीछे की असली ख़बर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी है खबर ये है की शराब नीति मामले के मुख्य आरोपियों में से एक अरबिंदो फार्मा के पिनाका सरथ चंद्र रेड्डी ने इलेक्टरल बांड के माध्यम से 62 करोड़ रुपये दिए और जिसमें से 44.5 करोड़ रुपये भाजपा को मिले

चंदा देना या लेना अपराध नहीं है लेकिन 10 नवंबर, 2022 को अरबिंदो फार्मा के पिनाका सरथ चंद्र रेड्डी शराब नीति मामले में ईडी गिरफ्तार करती है उसके 5 दिन बाद 15 नवंबर 2022 को अरबिंदो फार्मा ने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड दान किए इसके बाद 1 जून 2023 को सरथ चंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बन गए और इसके पाँच महीने बाद 8 नवंबर 2023 को उसी अरबिंदो फार्मा ने अरबिंदो फार्मा और एपीएल हेल्थकेयर के जरिए बीजेपी को 35 करोड़ रुपये का चंदा दिया इसका मतलब है की सरथ चंद्र रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद अरबिंदो फार्मा और एपीएल हेल्थकेयर के द्वारा इलेक्टरल बांड के माध्यम से बीजेपी को कुल 40 करोड़ का दान दिया गया जब गवाह का ये हाल है तो केस का क्या हाल होगा ये जांच का विषय है

और उसी गवाह के दम पर शराब नीति केस में ED के 9 समन को दरकिनार करने वाले दिल्ली के सीएम केजरीवाल को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया और इस खबर से जनता भले ही राहत की सांस ले या ना ले लेकिन भाजपा को इलेक्टोरल बॉंड के खुलासे से जरूर राहत की सांस मिल सकती है क्योंकि स्टेट बैंक ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा जमा करवाया उसी समय इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा ही गायब करवा दिया जरा सोचिए , की अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी 21 मार्च की शाम न होकर 22 मार्च या किसी और दिन होती तो आज 22 मार्च के अखबारों की हेडलाइंस और 21 मार्च की शाम के चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज में Electoral Bonds की कहानी सबसे ऊपर रखनी होती! और ऐसा सरकार भला ऐसा क्यों होने देगी चुनाव जो सिर पर है

केजरीवाल हुए गिरफ्तार संकट में दिल्ली सरकार !

फिलहाल, अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार होने वाले देश के पहले नेता बन गए हैं अब ऐसे में सवाल उठ रहे है की सरकार कैसे चलेगी? अब क्या होगा आप का ? हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेताओं समेत दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल और आप की मंत्री आतिशी का कहना है कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे. केजरीवाल सीएम पद पर बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे और ऐसा कोई कानून या नियम भी नहीं है जो मुख्यमंत्री को ऐसा करने से रोक सके. अरविंद केजरीवाल अभी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं हैं. ये अलग बात है कि वो खुद अपनी मर्जी से इस्तीफा दे दें. और फिर कोई नया मुख्यमंत्री बने. 1951 के जनप्रतिनिधि कानून में कहीं इसका जिक्र नहीं है कि जेल जाने पर किसी मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या विधायक को इस्तीफा देना होगा. कानून के मुताबिक, किसी मुख्यमंत्री को तभी अयोग्य ठहराया जा सकता है जब उन्हें किसी मामले में दोषी ठहराया गया हो. इस मामले में केजरीवाल को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है. उन्हें अभी सिर्फ गिरफ्तार किया गया है.

लेकिन फिर भी जेल से सरकार चलाना टेढ़ी खीर है. क्योंकि जब भी कोई कैदी आता है तो उसे जेल मैनुअल फॉलो करना पड़ता है. जेल के अंदर सभी कैदियों के सारे विशेषाधिकार खत्म हो जाते हैं भले ही वो अंडरट्रायल कैदी ही क्यों ना हो. हालांकि, मौलिक अधिकार बने रहते हैं. जेल में हर काम सिस्टमैटिक तरीके से होता है जेल मैनुअल के मुताबिक, जेल में बंद हर कैदी को हफ्ते में दो बार अपने रिश्तेदार या दोस्तों से मिलने की इजाजत होती है. हर मुलाकात का समय भी आधे घंटे का ही होता है. और इतना ही नहीं जेल में बंद नेता चुनाव तो लड़ सकता है सदन की कार्यवाही में भी शामिल हो सकता है लेकिन वहां किसी तरह की बैठक नहीं कर सकता.

गिरफ्तार केजरीवाल के पास क्या है विकल्प ?

ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि केजरीवाल की टीम का अगला कदम क्या होगा? केजरीवाल को किस तरह राहत मिल सकती है? सीएम अरविंद केजरीवाल की तत्काल कार्रवाई निचली अदालत से जमानत लेने की हो सकती है यदि नहीं, तो उसका दूसरा ऑप्शन अपनी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील करना होगा अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी चुनौती की याचिका दायर की थी लेकिन अब केजरीवाल ने SC से अपनी अर्जी वापस ले ली है अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिलने पर जमानत अर्जी के दाखिल करनी होगी लेकिन इस केस में अभी तक के उदाहरण देखें तो जमानत मिलना बेहद ही मुश्किल लग रहा है

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सरकार और विपक्ष के बीच लड़ाई नए सिरे से शुरू हो गई है. बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जीत बता रही है तो आम आदमी पार्टी इसकी वजह बीजेपी का डर बता रही है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आज देशभर में बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. AAP और अन्य विपक्षी दलों ने ईडी एक्शन को लोकतंत्र की हत्या बताया है. बीजेपी ने कहा, कानून से भ्रष्टाचारी नहीं बच सकता है इतना ही नहीं इस मुद्दे पर अरविन्द केजरिवल को इंडिया गठबंधन का साथ मिलता दिख रह है

इसीलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा ‘डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा पार्टियों को तोड़ना कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है।’
सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है, ‘भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आने वाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है। ये गिरफ़्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी।’,
पवन खेड़ा ने कहा, ‘उन्होंने हमारे खाते फ्रीज कर दिए। वे हेमंत सोरेन को गिरफ़्तार करते हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इन सब से तो यही पता चलता है कि बादशाह कितने डरे हुए हैं। भारत अभी भी अस्थिर नहीं होगा।’

अब चार सौ पार के लिए चार सौ जतन तो करेंगे पड़ेंगे , चाहे कांग्रेस के खाते बंद की ये या झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी या विपक्षी नेताओं पर ईडी की कार्रवाई और केजरीवाल की गिरफ़्तारी सब जगह बस यही चल रहा है चुनावी बॉन्ड से बीजेपी का जो सच सामने आया है जो खुलासा हुआ है सिर्फ उसको छुपाने के लिए , उसपर पर्दा डालने के लिए अखबारों न्यूज चैनलों की हेड्लाइन तक बदलवा दी गई मानना पड़ेगा सरकार को management में कोई कमी नहीं छोड़ते खैर केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर , आपकी क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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