Sahara India : दोस्तों याद करिए 2005 के आस-पास का दौर ,,जब यूपी-बिहार के गली-मुहल्लों में ,,सहारा की योजना की धूम थी। लोग अपनी गाढ़ी कमाई ,,सहारा इंडिया (Sahara) में अच्छे रिटर्न के लिए जमा कर रहे थे। उन्हें क्या पता था कि एक दिन (sahara india refund portal) यह कंपनी उनके पैसे लौटाने से मना कर देगी
अमित शाह ने sahara india refund portal लॉन्च किया
कहते हैं ना ,, भगवान के घर देर है ,,मगर अंधेर नहीं है. ,,सहारा इंडिया के निवेशकों पर भी,, यह कहावत लगभग सही बैठती है,,सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए,, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री,, अमित शाह ने ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया है ,,इस पोर्टल के जरिए सहारा के,, उन निवेशकों के पैसे वापस दिए जाएंगे ,,जिनके निवेश की अवधि यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है।,,सहारा इंडिया की ,,को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के ,,10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं।,, इसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे ,,राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है
sahara india refund portal पर इन्वेस्टर्स डिटेल्स
बता दे की इस पोर्टल पर सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स की डिटेल्स होंगी। यह जानकारी भी होगी कि सहारा में निवेश किए गए,, पैसों को कैसे वापस पाया जा सकता है। ,,सहारा समूह की,, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड,, समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए,, सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। ,,जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इनके दावों की भरपाई के लिए,, 5,000 करोड़ रुपये CRCS को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
sahara के बांड या पॉलिसी को चेक करें
दोस्तों सरकार ने,, जिन 4 को-ओपरेटिव्स ,के लोगों को पैसा लौटाने की बात कही है,,, उनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं.,,आपको अगर देखना है कि,, आपका पैसा किस सहारा की,, किस को-ओपरेटिव में जमा है, ,,तो उसके लिए आप अपने पास मौजूद सहारा के ,,बांड या पॉलिसी ,,को चेक करें. इस पर आपको सहारा की ,,उस को-ओपरेटिव की जानकारी मिल जाएगी,, जिसमें आपका पैसा जमा है.
निवेशकों के रकम वापस मिलेगी
दोस्तों इस रिफंड पोर्टल के जरिए ,,उन निवेशकों के रकम वापस मिलेगी,,, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है.,, इस पोर्टल पर निवेशक अपना नाम दर्ज कराएंगे,,. वेरिफिकेशन के बाद उनकी ,, रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी.,, निवेशकों के दस्तावेज सहारा समूह की समितियों द्वारा,, 30 दिन के भीतर वेरिफाई किए जाएंगे.,,इसके बाद ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के ,,15 दिन के भीतर SMS के जरिए,, निवेशकों को सूचित कर दिया जाएगा. ,,इसके बाद बैंक खाते में निवेश की रकम आ जाएगी. ,,यानी इस प्रोसेस में कम से कम 45 दिन लगेंगे.,, इसके बाद ही निवेशकों के पैसे वापस मिलेंगे. जिन निवेशकों ने सहारा में पैसा निवेश किया है,,, उन्हें सबसे पहले ये चेक करना होगा कि ,,उनका पैसा किस कॉ कोऑपरेटिव में लगा है. ,,फिर उससे जुड़े अपने सारे दस्तावेज जुटाने होंगे.
इस दौरान यह बात ध्यान रखने की है कि पोर्टल पर केवल एक बार ही अप्लाई किया जा सकेगा। ऐसे में सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ सही तरीके से अप्लाई करना बेहद जरूरी है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे अप्लाई करना होगा।
क्या है रिफंड की पूरी प्रोसेस ?
- सबसे पहले https://cooperation.gov.in/ पर विजिट करें।
- होमपेज पर जमाकर्ता रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें।
- आधारा नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर डालें।
- फिर सेंड ओटीपी पर क्लिक करें और ओटीपी आने पर दर्ज करें।
- रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर जमाकर्ता लॉगिन पर क्लिक करें।
- दोबारा आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी दर्ज करें।
- नियम और शर्तों को पढ़कर ‘मैं सहमत हूं’ पर क्लिक करें।
- आपकी पूरी डिटेल्स जैसे बैंक का नाम, जन्मतिथि आ जाएगी।
- जमा प्रमाण पत्र की प्रति के साथ दावा अनुरोध फॉर्म भरें।
- सोसाइटी का नाम, सदस्यता नंबर, जमा राशि भरनी होगी।
- कोई ऋण लिया है या आंशिक भुगतान हुआ है, इसकी जानकारी दर्ज करनी होगी।
- क्लेम अमाउंट 50 हजार से अधिक होने पर पैन कार्ड की डिटेल्स दर्ज करने होंगे।
- दावा सफलतापूर्वक दर्ज होने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस आएगा।
संबंधित सहारा सोसाइटी 30 दिन के अंदर दावे को वैरिफाई करेगी। फिर अगले 15 दिन सरकारी अधिकारी इस पर कार्रवाई करेंगे। - अनुमोदन होने पर सीधे राशि आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
क्या है पूरा मामला
सहारा विवाद 2009 में शुरू हुआ था।,, सहारा की दो कंपनियों, सहारा हाउसिंग कंपनी लिमिटेड और सहारा रियल एस्टेट कंपनी लिमिटेड थी। इसको लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब कंपनी ने सेबी के ,,सामने IPO का प्रस्ताव रखा।,, आईपीओ के प्रस्ताव के बाद कंपनी के सारे राज खुल गए। सहारा ने निवेशकों से अवैध रूप से 240 करोड़ रुपये जुटाए। ,,सेबी के जांच के बाद कंपनी के ,,कई धोखाधड़ी गतिविधियों और एक बड़ा घोटाला,, सामने आया। इसके बाद सेबी ने सहारा को ,,आदेश दिया कि वो निवेशकों को ,,ब्याज समेत पैसा लौटा दें।
सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक
सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी, जिसके 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर ,,स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। ,,11 सालों तक यह ग्रुप,, टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। IPL में पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक भी,, सुब्रत रॉय सहारा थे।,,सुब्रत रॉय,, सहारा पर अपनी दो कंपनियों ,,सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में ,,नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। ,,इस मामले को लेकर उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। ,,सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए,, निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है।
Sahara India विवाद यूपीए शासनकाल के दौर का
दोस्तों आपको बता दे की ,,सहारा इंडिया विवाद,, यूपीए शासनकाल के दौर का है,, तब से एक दशक से अधिक ,,समय बीत चुका है,, लेकिन मामला सुलझने के बजाय ,,उलझता ही चला गया। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बावजूद मामले में, कोई खास प्रगति न होने से।,, लाखों निवेशक निराश होकर घर बैठ गए थे।,, सहारा के निवेशकों में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है,,, जो मध्यम वर्ग से आते हैं, जो ज्यादा कोर्ट-कचहरी करने में सक्षम नहीं हैं। ,,ऐसे में केंद्र सरकार के,, इस कदम से एकबार फिर ,,उनमें अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने की आस जगी है।
लोकसभा चुनाव से पहले वोटर को आकर्षित कर सकती
अगर सरकार उन आम निवेशकों को,, उनका डूबा हुआ पैसा वापस दिला पाती है ,,तो निश्चित तौर पर,, ये राजनीति में उन्हें काफी फायदा पहुंचाएगा। क्योंकि सहारा के अधिकांश निवेशक ,,हिंदी पट्टी के राज्यों से आते हैं।,, ऐसे में सरकार उनका डूबा हुआ पैसा लौटा कर ,,,लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें आकर्षित कर सकती है,,,,आपकी इस पर क्या राय है हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ