Arvind Kejriwal: दोस्तों दिल्ली सरकार मे मंत्री आतिशी जी कह रही है की प्रधानमंत्री मोदी जी को पूरे देश में पूरे विपक्ष में अगर किसी नेता से डर लगता है तो वो है अरविन्द केजरीवाल इसी के साथ सवाल ये भी उठता है जब केजरीवाल जी ईमानदार है पाक साफ है तो उन्हे पेश होने में क्या दिक्कत है? क्यों पेश नहीं हो जाते क्यों कोर्ट में याचिका लगाई जा रही है ? क्यों कहा जा रहा है ED के सामने जाने में दिक्कत नहीं अरेस्ट से प्रोटेक्शन चाहिए अब केजरीवाल को गिरफ्तार होने से कोई नहीं बचा सकता है कोर्ट ने भी अरेस्ट से प्रोटेक्शन मिलने पर मना कर दिया है
शराब नीति के मामले में सीबीआई बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। तभी एजेंसी ने विशेष अदालत के सामने सुनवाई में साफ कहा कि कुछ हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी होनी है। जाहिर है कि मामला सिर्फ धन शोधन का नहीं है। अगर धन शोधन का मामला होता तो गिरफ्तारी ईडी करती है जैसा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मामले में हुआ।
के कविता की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने अदालत को यह भी बताया है कि कविता शराब नीति के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक सौ करोड़ रुपए दिए थे।
एजेंसी ने इतना डायरेक्ट आरोप लगाया है कि उसमें गिरफ्तारी से कम किसी और कार्रवाई की गुंजाइश ही नहीं है। अब सवाल ये है कि गिरफ्तारी कब होगी? क्या चुनाव के बीच गिरफ्तारी हो जाएगी?
क्या चुनाव के बीच गिरफ्तारी हो जाएगी?
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने ‘तिहाड़ क्लब’ में के. कविता का स्वागत करते हुए एक और विस्फोटक पत्र जारी किया सुकेश ने कहा- मेरे प्रिय केजरीवाल जी, अगले आप हैं चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें, अब सब खत्म हो गया है यह आपके सभी झूठ और नाटक का क्लाइमैक्स है। अब अपने सभी भाइयों और बहनों के पास अपने ही तिहाड़ क्लब में आएं मेरे प्यारे केजरीवाल जी।”
विपक्षी पार्टियां और कई स्वतंत्र पर्यवेक्षकमान रहे थे कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद विपक्षी पार्टियों को राहत मिल जाएगी। उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई थम जाएगी और तब वे बेफिक्र होकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ पाएंगे। लेकिन सारे अंदाजे गलत साबित हो गए।
विपक्षी पार्टियों ने अगर हालिया इतिहास को ही ध्यान में रखा होता तो वे ऐसा नहीं सोचते पिछले साल के अंत में जब राज्यों के चुनाव चल रहे थे तब भी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई जारी थी। छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के बीच महादेव ऐप के मामले में कार्रवाई हुई थी और एक आरोपी के कथित बयान के आधार पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगे थे। इसी तरह राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के यहां छापे पड़े थे।
वैसा ही लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी हो रहा है। किसी विपक्षी पार्टी को राहत नहीं मिलने जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पहले की तरह बदस्तूर जारी है और चुनाव के बीच भी जारी रहेगी। तभी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को दो समन जारी किया गया है।
उनको एक नए मामले में भी समन जारी हुआ है। समन पर हाजिर नहीं होने की एजेंसी की शिकायत पर जिस दिन दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल को जमानत दी और उन्हें अदालती कार्रवाई में हाजिर होने से छूट दी उसके अगले ही दिन एजेंसी ने उनको दो नए समन भेज दिए। एक समन शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में है और दूसरा दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े दो अलग अलग मामलों में है। कहां तो केजरीवाल शराब नीति मामले से जान छुड़ाने की कोशिश में थे अब जल बोर्ड का नया मामला आ गया।
चुनाव की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने महादेव ऐप से सट्टेबाजी के मामले में बघेल को आरोपी बनाया है।, पता नहीं यह संयोग है या प्रयोग लेकिन खबर है कि झारखंड के चाईबासा की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को समन जारी किया है। मानहानि से जुड़े एक मामले में चाईबासा की एमपी-एमएलए अदालत ने राहुल गांधी को 27 मार्च को हाजिर होने का समन भेजा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन जेल में हैं लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। लोकपाल के आदेश पर सीबीआई दो संपत्तियों के मामले में उनके पिता शिबू सोरेन की जांच कर रही है। यह जांच चुनाव के बीच जारी रहेगी।
क्या पहले सीएम जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार होंगे?
दोस्तों एक सवाल है अगर गिरफ्तार होते हैं तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पद से इस्तीफा देंगे या नहीं? उनकी पार्टी ने तय किया है कि अगर वे गिरफ्तार होते हैं तो इस्तीफा नहीं देंगे और तिहाड़ जेल से ही सरकार चलाएंगे। अगर ऐसा होता है तो क्या कोई संवैधानिक संकट खड़ा होगा? क्योंकि झारखंड में कुछ दिन पहले हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था।,
जमीन से जुड़े मामले में ईडी ने ही उनको गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले ऐसा लग रहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन ईडी की लंबी पूछताछ के बाद वे ईडी की गाड़ी से ही राजभवन गए और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। उसके बाद उनको गिरफ्तार करके ईडी अपने साथ ले गई। यह पता नहीं चला कि उनको क्या समझाया गया जिसके बाद वे इस्तीफा देने पर राजी हो गए। और हेमंत सोरेन के जो वकील हैं वही लोग केजरीवाल और उनकी पार्टी के भी वकील हैं।
बहरहाल, केजरीवाल ने कई काम ऐसे किए हैं जैसा उनसे पहले किसी ने नहीं किया। तभी ये सवाल है क्या वे पहले मुख्यमंत्री होंगे जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार होंगे? इससे पहले लालू प्रसाद इस्तीफा देकर गिरफ्तार हुए थे और हेमंत सोरेन भी इस्तीफा देकर गिरफ्तार हुए। लेकिन अगर केजरीवाल इस्तीफा नहीं देते हैं तो क्या ईडी उनको पद पर रहते हुए गिरफ्तार करेगी? आपको क्या लगता है अपनी राय कमेन्ट कर जरूर बताएँ