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Delhi Govt Employee Diwali Bonus: CM Kejriwal ने दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों को दिया Diwali Gift

Delhi Govt Employee Diwali Bonus: दोस्तों दिल्ली सरकार यानि की केजरिवल जी की सरकार आजकल खूब सुर्खिया बटोर रही है कभी शराब घोटाले पर कभी सिविल डिफेन्स volunteers की सेवा समाप्ति पर तो कभी mcd सफाई कर्मियों को पक्का करने पर और अब फिर (CM Kejriwal ) दिल्ली सरकार सभी कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट (Diwali Gift) देने जा रही है जी हाँ केजरीवाल ने कर्मचारियों को बोनस देने का ऐलान किया है

कुछ भी हो दोस्तों चाहे दिल्ली की आबोहवा कितनी खराब हो जाए, लेकिन मानना पड़ेगा केजरिवल जीने परदूषण को लेकर कोई ठोस कदम चाहे नहीं उठाया हो। लेकिन चुनाव को मध्य नजर रखते हुए चुनावी रणनीति बिल्कुल सही बना रहे है अब कर्मचाइयों को जो केजरिवल बोनस मिल रहा है क्या इसका सीधा संबंध चुनाव से है ?

बोनस देने के लिए करीब 56 हजार करोड़ का खर्च

दिवाली से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने 6 नवंबर को सरकार के सभी ग्रुप बी गैर राजपत्रित और ग्रुप सी कर्मचारियों को ₹7,000 के बोनस की घोषणा की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 80,000 कर्मचारियों को दिवाली बोनस देने के लिए ₹56 करोड़ आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा, “हम दिल्ली सरकार के ग्रुप बी गैर-राजपत्रित और ग्रुप सी कर्मचारियों को बोनस के रूप में ₹7,000 देंगे। वर्तमान में लगभग 80,000 ग्रुप बी गैर-राजपत्रित और ग्रुप सी कर्मचारी दिल्ली सरकार के साथ काम कर रहे हैं। इस बोनस को देने के लिए कुल ₹56 करोड़ खर्च किए जाएंगे।”

दोस्तों पिछले महीने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों सहित ग्रुप सी और गैर-राजपत्रित ग्रुप बी रैंक के अधिकारियों के लिए बोनस को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस (तदर्थ बोनस) की गणना के लिए 2022-23 के लिए ₹7,000 की सीमा तय की। केजरीवाल ने एक तरह से केंद्र की बराबरी करने की कोशिश की है।

केजरीवाल ने दिल्ली मे सात हजार रुपये के बोनस की घोषणा करके यह संदेश चुनावी राज्यों में भेजा है कि मोदी सरकार ने सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस दिया है जबकि आप सरकार ने दिल्ली में अपने कर्मचारियों को बोनस दिया है। यानी केजरीवाल यह कहना चाहते हैं कि मोदी सरकार ने वही बोनस अन्य भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं दिलाया। केजरीवाल की दिल्ली में घोषणा के बाद मध्य प्रदेश में उसके प्रत्याशियों ने इसका प्रचार भी शुरू कर दिया है।

मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी 70 सीटों पर लड़ रही

मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी 70 सीटों पर लड़ रही है। हालांकि एमपी में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में है, लेकिन यहां पर आप और सपा अपनी ताकत देखना चाहते हैं। दोनों ही दल अगर कुछ फीसदी वोट ले गए तो इसका असर कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही पड़ेगा। यहां यह बताना जरूरी है कि गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने सीटें सिर्फ पांच हासिल की लेकिन उसे 13 फीसदी वोट मिले लेकिन इससे कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ और वो गुजरात में बुरी तरह हार गई।

इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी आप ने 57 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। लेकिन पिछले 2018 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 90 में से 85 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। यहां पर उसके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी और उसे एक फीसदी से कम वोट मिले थे। 2018 में कांग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह हराया था

राजस्थान में भी आप ने अब तक 63 प्रत्याशी उतारे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में आप बुरी तरह हाशिए पर चली गई थी। उसने तब 143 प्रत्याशी उतारे थे। उनमें 51 प्रत्याशियों को 500 वोट भी नहीं मिले। इनमें भी 12 प्रत्याशी ऐसे थे, जिन्हें 200 से कम वोट मिले थे। गंगापुर विधानसभा सीट पर आप प्रत्याशी को 130 वोट मिले थे।

अब देखना ये होगा की केजरीवाल बोनस अरविन्द केजरीवाल की लिए कितना कारगर साबित होता है आपको केजरीवाल का दिवाली बोनस कैसा लगा कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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