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Sanatan Dharma: I.N.D.I.A की पनौती…’चुनावी हिंदू’ को चुनौती! Udhayanidhi Stalin

Sanatan Dharma: अब तक आपने ये खबर पढ़ भी ली होगी ओर सुन भी ली होगी कि तमिलनाडु के DMK नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात की है,,। उन्होंने इसे डेंगू-मलेरिया करार दिया। ,,,,वह यहीं नहीं रुके बल्कि इसे ‘इरैडिकेट’ करने की भी धमकी दी,,,,. यह बयान उन्होंने तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक संघ के एक कार्यक्रम में दिया . इस देश के सबसे बड़े धार्मिक समूह के सीधे तौर पर,(I.N.D.I.A) नरसंहार की धमकी देने के बाद भी वह नहीं रुके,,, बल्कि फिर से एक धमकी दी कि ,,,उन्हें किसी का कोई खौफ नहीं है ,,और वह सनातन का केवल विरोध नहीं करेंगे,, उसका खात्मा करने तक काम करेंगे.

इस बयान पर चर्चा चाहे जैसी,, और जो भी हो,,, लेकिन एक धर्मनिरपेक्ष लोकतात्रिक देश में लगभग 1 अरब लोगों को ,,,अगर एक राज्य का मंत्री,, (Udhayanidhi Stalin) वहां के मुख्यमंत्री का बेटा ,,इस तरह धमकी देता है,,, तो यह जाहिर तौर पर बेहद चिंता का विषय है.,, इससे पहले भी कई नेता सनातन धर्म के खिलाफ ,,,कई तरह के अपमानजनक बयान दे चुके हैं,, जिसमें यूपी के स्वामी मौर्य,, बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और ,,,ताजातरीन उदय का बयान भी शामिल है

उदयनिधि स्टालिन के बयान (Udhayanidhi Stalin)

उदयनिधि स्टालिन के बयान को कई तरह से देखा जाना चाहिए,,. पहला कि संत तिरुवल्लुर, नयनमार, जो आलवार हुए हैं,,,, क्या उनकी परंपरा से सारे देश का कल्याण नहीं होता?, और, इन सबके जो संदेश हैं,,, इनके जो भी उपदेश हैं,,, वो पूरे समाज के लिए लाभदायक हैं., इसलिए सनातन और द्रविड़ धारा को बहुत अलग-अलग कहना ,,,और उस पर जोर देने के बजाय,,, एकता के सूत्र ढूंढे जाने चाहिए,,,. दूसरी बात यह जाननी चाहिए कि ,,,उदय ने जो बयान दिया है कि,,, वह सनातनियों को इरैडिकेट कर देंगे,,, वह उनकी सरकार की तरफ से है ,,या फिर इस बयान को आइएनडीआइए गठबंधन का भी समर्थन है,,. अगर ये संदेश सरकार की तरफ से है,, तो निश्चय ही यह संविधान में दिए गए ,,जो नागरिकों के अधिकार हैं,,, अपना धर्म मानने की जो आजादी है,, उसके भी खिलाफ है

सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया से

यह एक तरह की धमकी है ,,और इसको वैसे भी देखा जाना चाहिए,,, बहुत गंभीरता के साथ,,,. भाषा और भाव दोनों को ही देखना चाहिए.,, नेता सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया से कर रहा है,,. कहता है कि हम इनका विरोध ही नहीं करेंगे,, हम तो इनको खत्म करेंगे,,. क्या इस विचार को ,,यह देश आनेवाले चुनाव में स्वीकार करेगा?, अगर आइएनडीआइए अपने कुनबे से द्रमुक को नहीं निकालता,,, तो इस पाप भरी धमकी के छींटे उस पर नहीं पड़ेंगे?,, यह देश को बांटने वाला बयान है,,. साथ ही, यह india में भी फूट डालने वाला है., अगर वहां की सरकार कहती है,, कि हां ये उनका एजेंडा है,,, तो इसकी जांच होनी चाहिए कि ,,,क्या वहां पर शासन संविधान से चल रहा है,, या वहां पर ब्रेकडाउन ऑफ कांस्टीट्यूशन हो गया है?,, अगर ऐसा खतरा है,, तो जो कार्रवाई उचित हो,, वह कदम केंद्र सरकार को उठाना चाहिए

DMK सुप्रीमो एमके स्टालिन को कोऑर्डिनेशन कमिटी में रखा

आनेवाले चुनाव में अलगाववाद की भावना को भड़का कर ,,,,समाज के एक हिस्से से वोट बटोरने का स्वार्थ ,इनके मन में हो सकता है,, नूंह की घटना और इस घटिया बयान में कोई तुलना नहीं है,,,. नूंह में तीर्थयात्री अपनी यात्रा पर थे,, उन पर हमला किया गया था., उन परिस्थितियों पर बहुत हद तक काबू पा लिया गया है ,,और 70 देशों के शेरपाओं की बैठक बहुत अच्छे माहौल में,, मेवात के क्षेत्र में हो रही है,
तमिलनाडु में DMK और कॉन्ग्रेस एक साथ मिल कर सरकार चला रही हैं।, नए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में भी DMK सुप्रीमो एमके स्टालिन को ,कोऑर्डिनेशन कमिटी में रखा गया है। ,नीतीश कुमार जब विपक्षी एकता की पहल कर रहे थे, ,,तब वो चेन्नई भी गए थे उनसे मिलने।,,कॉन्ग्रेस पार्टी ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की कोई निंदा नहीं की है। ,,,शायद कॉन्ग्रेस की भी यही रणनीति हो।

हिन्दू विरोध का ये क्रम कहाँ जाकर रुकेगा

इसकी आशंका इसीलिए भी ,,,व्यक्त की जा सकती है,,, क्योंकि पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे,, को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।, खड़गे का एक बयान देखिए, ,“और ऐसे मोदीजी को और शक्ति मिलेगी देश में,, तो समझो फिर इस देश में सनातन धर्म और RSS की हुकूमत आएगी।,” उन्होंने 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान ये बयान दिया था। ,,मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके मंत्री बेटे ,,प्रियांक खुद को बौद्ध धर्म का अनुयायी बताते हैं।,, खुद को बीआर आंबेडकर का फॉलोवर बताते हैं।
विपक्षी बैठक में शामिल होने मुंबई पहुँचीं ,,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने,, तिलक लगवाने से इनकार कर दिया। कुछ दिनों पहले उन्होंने ,,नज़रुल इस्लाम को महाभारत का लेखक बताया था। ,,जैसा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा है,, सच में ऐसा है कि नेताओं में खुद को ,,हिन्दू विरोधी दिखाने की एक होड़ सी लग गई है। ,,शायद विपक्षी गठबंधन का नेता बनने के लिए यही योग्यता तय की गई हो।,, इसी पैमाने पर नापा जाए सबको। अब देखना ये है कि ,,,हिन्दू विरोध का ये क्रम कहाँ जाकर रुकता है।

क्या चुनाव के लिए आस हो रहा ?

बात बस इतनी सी है कि सनातन धर्म को लेकर जो-जो बातें कही गईं,, इस्लाम या ईसाई के लिए मुँह तक खोल देने पर ,,ईशनिंदा का आरोप लग जाता है। ,,,भाजपा नेता नूपुर शर्मा ने उद्धरण भर दे दिया,,, तो राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल तेली ,,,,और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे का,, ‘सर तन से जुदा’ कर दिया गया। ,,नूपुर शर्मा 1 वर्ष से भी अधिक समय से अपने घर में कैद हैं।,, पंजाब में ‘बेअदबी’ के आरोप में हत्याएँ हो चुकी हैं।, बाइबिल के एक शब्द का कॉमेडी में जिक्र करने पर फराह खान, ,,,रवीना टंडन और भारती सिंह जैसी फ़िल्मी हस्तियों को वेटिकन ,,के पादरी से मिल कर माफ़ी माँगनी पड़ी थी।

अगर कोई बड़ा से बड़ा नेता भी ,,इस्लाम या ईसाई मजहब को लेकर कोई बयान दे दे,,, तो उसे निकालने में कोई भी पार्टी देरी नहीं करेगी। ,,लेकिन, इन पार्टियों में सुप्रीमो परिवार के लोग भी,, हिन्दू धर्म को खुलेआम गालियाँ बकते हैं ,,,क्योंकि यही उनके लिए सॉफ्ट टारगेट है ,,और अपने वोट बैंक को एकजुट करने का तरीका भी।,, अगर दंगे भड़क जाएँ,, तो ये नेता उस पर अपनी सियासत की रोटियाँ सेंकेंगे।,,, इसीलिए, हिंसा भी कोई रास्ता नहीं है। ,,,हिंसा का रास्ता तो उनका है,,,, जिनके खौफ के कारण उनकी जरा सी भी,,, नाराज़गी नहीं मोल ले सकते।

सुप्रीम कोर्ट में हेट स्पीच का चल रहा मुकदमा

ये बात सच है कि लोग इस तरह के बयान देते हैं,, और कड़ी कार्रवाई नहीं होती,,, इसलिए वे लगातार इस तरह के बयान देते हैं., सुप्रीम कोर्ट में हेट स्पीच के बारे में जो मुकदमा चल रहा है,,, . यह भी पता चला है कि,,, कुछ और लोगों ने भी आपराधिक शिकायत दर्ज की है.,, इसलिए, ये मामला वहां भी जाएगा और परीक्षण भी होगा.,, जिस तरह बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर,, यूपी के नेता स्वामी मौर्य या फिर अब ये तमिलनाडु के उदयनिधि ,,,,जो लगातार इस तरह के बयान देते रहे हैं,,, सनातन धर्म के खिलाफ, वह आनेवाले चुनाव में समाज को बांटने ,,और अपने हित में वोट डालने के लिए प्रेरित करना है,,. ना तो मौर्य के बयान से यूपी की जनता भ्रमित होगी,,, न चंद्रशेखर के बयान से बिहार की,,,,. अनुसूचित समाज भी तो हिंदू समाज का अभिन्न अंग है,,. वह हिंदू होने के नाते ही वोट देगा,,. जो द्रविड़ हैं,,,, वो भी भारत की आध्यात्मिक परंपरा के लोग हैं,,,. इस तरह के बयानों से जो भ्रम फैलाया जाता है,, जनता उसको पहचान चुकी है,,, और अब इनके झांसे में नहीं आनेवाली है.,,,आपकी इस पर क्या राय है कमेन्ट कर जरूर बताएँ

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