राज्यमध्य प्रदेशराजनीतिसरकारी योजना

Ladli Behna Yojna MP: CM Shivraj Singh ने महिलाओं के उत्पीड़न को रुपयों की चादर से ढकने की कोशिश

Ladli Behna Yojna MP: दोस्तों 10 जुलाई को राजधानी भोपाल के सभी अखबारों के पहले पन्ने पर एक बड़ा विज्ञापन छपा इसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बड़ी बड़ी मुस्कराती हुई तस्वीरें थी जाहिर है कि पूरे पन्ने का,, यह विज्ञापन सरकार ने ही दिया है..
दोस्तों विज्ञापन कहता है – बधाई हो! लाडली बहनों! आज आयेंगे 1000..बढ़कर मिलेंगे 3000 आगे लिखा है – मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना। शिवराज भैया लाडली बहना सेना को दिलाएंगे शपथ,, आप देख ही सकते है इस विज्ञापन में नीचे एक मुस्कराती महिला की तस्वीर भी छपी है। विज्ञापन के मुताबिक ही इंदौर में कथित ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ भी। उसकी वाहवाही सरकार अपने खर्चे पर चारों और हर दिशा में कर रही है

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई

जब cm ,, सांसद थे तब उन्होंने अपने क्षेत्र में ,,गरीब लड़कियों के विवाह कराने शुरू किए थे। अपनी पत्नी के साथ मिलकर उन्होंने ,,अब तक हजारों लड़कियों का कन्यादान किया है। ज्योतिषियों की सलाह पर शुरू की गई ,,इस मुहिम का शानदार फल भी उन्हें मिला है। मुख्यमंत्री बनने के बाद ,,वे सरकारी खजाने से कन्यादान कराने लगे,,। बाकायदा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई। ,,आज भी यह योजना पूरे प्रचार के साथ चल रही है। ,,अभी कुछ महीने पहले उन्होंने ,,लाड़ली बहना योजना भी शुरू की है।,, इसके तहत उन्होंने दूसरी बार प्रदेश की करीब,, सवा करोड़ महिलाओं के खाते मे , एक एक हजार रुपए डाले हैं। इस विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि,, आगे “लाड़ली बहनों ” को तीन हजार रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।

MP में भाजपा की सरकार

वही विपक्ष कह रहा है कि ,,यह विधानसभा चुनाव में महिलाओं के वोट,, खरीदने की योजना है,,। विपक्ष का क्या, वह तो कहता ही रहता है,, विपक्ष की परवाह करने की परंपरा ,,अब भारतीय राजनीति में समाप्त हो गई है। ,,मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, और कानून का राज है,,मामला है ,, विदिशा जिले के नटेरन थाने के,, दुपारिया गांव का है।,, जहां छात्रा रक्षा गोस्वामी ने,, 2 महीने पहले सुदीप धाकड़ और 5 अन्य आरोपियों के द्वारा छेड़छाड़ ,,से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।,, उसने सुसाइड नोट में 6 लोगों के नाम भी लिखे थे, फिर भी पुलिस ने सिंर्फ़ सुदीप धाकड़ ,,पर छेड़छाड़ का केस ही दर्ज किया,,आरोपी जमानत पर बहार आ गया ,, आता क्यों नहीं ? आखिर बीजेपी समर्थक जो था। साथ ही उसी समाज का भी ,,जिसका आज प्रदेश पर “राज” है। थाना, विधायक और सरकार सब उसके साथ थे। दोस्तों इसलिए न तो मामा का बुलडोजर उसके घर की ओर आया ,,और न ही पुलिस ने दूसरे आरोपियों को पकड़ा।,, कह दिया कि पहले हैंड राइटिंग की जांच कराएंगे,, फिर आरोपियों को पकड़ेंगे।,

पूजारी धीरेंद्र गोस्वामी ने भी आत्महत्या कर ली

जमानत पर छूटने के बाद से ,,आरोपी पिता को धमका रहा था,,। इससे डरे हुए पिता धीरेंद्र गिरि ,,ने भी आत्महत्या कर ली,,,,,धीरेंद्र की किसी ने मदद नहीं की। आखिर “सरकार” से पंगा कौन लेता। परेशान धीरेंद्र गिरी ने भी वही रास्ता चुना ,,जो उनकी बेटी ने चुना था। कहानी खत्म!,, अब तक न कोई बुलडोजर दुप रिया गया और,, न ही मामा का मौन टूटा।,, हां कांग्रेस नेताओं के,, पुजारी के परिवार से मिलने की सूचना के बाद,, गृहमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।,,,दोस्तों आप सोचो ,,अगर पूजारी धीरेंद्र गोस्वामी और उनकी बेटी रक्षा गोस्वामी,,, जिसने छेड़खानी और न्याय ना मिलने के कारण,, आत्महत्या कर ली ,,अगर ये पीड़ित पूजारी ना होकर ,,किसी अन्य जाति का होता,, और गलती से अपराधी ब्राह्मण होता तो क्या होता?,,अपनी राय जरूर देना इसपर

महिला को बुरी तरह पीटा

दोस्तों अब एक और घटना की बात करते हैं।,, यह घटना उसी इंदौर शहर की है ,,जहां cm ने रैंप वॉक करके ,,सरकारी खजाने से ,,अपनी लाड़ली,, (वोटर) बहनों के खाते में एक एक हजार रुपए डाले हैं। ,,इसी इंदौर के तिलक नगर थाने में ,,पिछले सप्ताह एक महिला को बुरी तरह पीटा गया। एक व्यक्ति ने अपनी ही पत्नी और उसके चचेरे भाई के खिलाफ लाखों रुपए चोरी करने की ,,शिकायत थाने में की थी। बताया गया है कि शिकायत कर्ता सरकारी महकमों में अच्छा रसूख है।,, इसलिए थानेदार ने उससे “सुपारी” ले ली। ,,कुछ दिन पहले थाने में तैनात एक सब इंस्पेक्टर ने ,,उस महिला को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। इंस्पेक्टर के निर्देश पर,, एक पुरुष कांस्टेबल और एक महिला कांस्टेबल ने ,,उस महिला को बुरी तरह पीटा। पिटाई से उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया। परिजनों ने जब देखा तो अस्पताल ले गए। जांच में पता चला कि महिला का पूरा शरीर नीला है।,, उसके शरीर पर जख्म हैं। उसकी पसलियां भी टूट गईं हैं।

यह मामला इंदौर शहर का

उन्होंने पुरुष और महिला कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उन्हें थाने से हटा भी दिया, ,,लेकिन न तो तिलक नगर थाने के ,,थानेदार और न ही सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई की। ,,दोनों अभी भी उसी थाने में तैनात हैं।,, सबसे अहम बात है कि,, यह मामला इंदौर शहर का है। जिस आदमी ने घर से लाखों रुपए चोरी होने की शिकायत की ,,उससे यह नहीं पूछा गया कि वह ,,इतनी बड़ी रकम कहां से लाया और,, घर में क्यों रखे । न ही पुलिस ने इनकम टैक्स वालों को खबर की।

अपने राज्य में महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रहे

दोस्तों सबसे गंभीर बात यह है कि ,,इन दोनों और ऐसे ही अन्य मामलों में ,,न मुख्यमंत्री कुछ बोले और,, न ही गृहमंत्री। पूछने पर गृहमंत्री ने जांच की बात कह कर,, अपना दायित्व पूरा कर दिया। ,,सीएम लगातार खुद को लड़कियों का मामा ,,और बहनों का लाडला भाई बता रहे हैं,,,। विधानसभा चुनाव सामने हैं,,। इसलिए यह बात और तेज़ी से कह रहे हैं।,, लाखों महिलाओं को सरकारी खजाने से रुपए भी दे रहे हैं,,। लेकिन इस सब के बाद भी ,,अपने राज्य में महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं,,। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि,, महिलाओं पर अत्याचार के मामले में ,,एमपी देश में आगे है,,

उद्योगपतियों से करोड़ों की वसूली का मामला सामने आया

दोस्तों हालांकि,, उनका बुलडोजर चल रहा है ,,लेकिन बुलडोजर जाति धर्म और चेहरे देख कर अपना काम करता है।,, जहां तक पुलिस का सवाल है,,,पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की जो हालत है,, उससे साफ दिख रहा है ,,कि पुलिस सिर्फ “सुपारी” ही उठा रही है। ,, खासतौर पर इंदौर जैसे शहर में तो ,,बड़े अफसर महज ,,शो पीस ,,बन कर रह गए हैं। इंदौर के थानों की बोली और वसूली का आंकड़ा करोड़ों,, का बताया जाता है। वहां के थानेदारों का रुतबा इसी से जाहिर है कि ,,खुद पुलिस कमिश्नर थानेदार को हटा नही सकता है। ,,हां थानेदार चाहे तो कभी भी ,,बड़े अफसरों को हटवा सकता है,,। अभी कुछ महीने पहले ही एक थानेदार द्वारा कुछ ,,उद्योगपतियों से करोड़ों की वसूली का मामला सामने आया था।,, लेकिन उसका कुछ नही हुआ। ,,बस इंदौर से हटाकर ,,दूसरे जिले में भेज दिया गया।

आज तक एक भी आरोपी फांसी नहीं चढ़ा

दोस्तों राजधानी भोपाल सहित ,,प्रदेश के हर जिले में ,,कमोवेश ऐसे ही हालात हैं। एक तथ्य यह भी है कि ,,पुलिस की मुख्य भूमिका ,,सरकार की रोज होने वाली ,,इवेंट्स के “मैनेजर” तक सिमट गई है,,। महिलाओं को लेकर प्रदेश में जो हाल हैं ,,उनसे यह साफ जाहिर होता है कि ,,मामा के राज में न बहन सुरक्षित है,, और न ही भांजी। ,,दावा यह था कि बलात्कारियों को फांसी चढ़ा देंगे, लेकिन आज तक एक भी आरोपी फांसी नहीं चढ़ा। ,,हालांकि निचली अदालतों ने ,,फांसी की सजा करीब ,,दो दर्जन से ज्यादा बलात्कारियों को दी है।,, लेकिन बड़ी अदालतों में ,,मामले अटके पड़े हैं। शायद यही वजह है कि ,,फांसी के कानून का कोई डर,, कहीं दिखाई नहीं दिया।,,

लाड़ली बहना योजना लाई गई

दोस्तों तोतों की तरह मुख्यमंत्री अपनी बात,, लगातार दोहराते रहते हैं।,, दूसरी तरफ अपराधी अपना काम करते रहते हैं,,। पुलिस सुपारी लेती है। ,,नेता भाषण देते हैं,,। विपक्ष आरोप लगाता है और समाज..,,वह सिर्फ तमाशा देखता है,,। हां अगर वोट की बात हो तो,, सब एकदम active हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि यौन उत्पीड़न , बलात्कार और हिंसा झेलना,, राज्य की छोटी बच्चियों से लेकर,, बूढ़ी महिलाओं की नियति बन गई है।,, सरकार भी जमीनी हकीकत से भली भांति वाकिफ है।,, शायद यही वजह है कि,, लाडली लक्ष्मी के बाद ,,लाड़ली बहना योजना लाई गई है,,। एक हजार रुपया महीना देकर ,,तस्वीर का दूसरा रुख छिपाने कोशिश की जा रही है।

विपक्ष भी तमाशा देख रहा

विपक्ष भी तमाशा देख रहा है,,। खुद थोड़ा बहुत नाटक भी कर रहा है ,,और नारीवादी संगठन..! वे तो शायद अब अस्तित्व हीन हो गए हैं।,,दोस्तों कुछ भी हो अखबार और न्यूज चैनल,, प्रदेश की शानदार तस्वीर दिखा रहे हैं।,, पुरस्कार पा रहे हैं।,,, लेकिन इन्हीं अखबारों में ,,,रोज महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की खबरें भी ,,जगह पा रही हैं। प्रदेश में विश्वस्तरीय आयोजनों की चकाचौंध के बीच में ..महिलाओं पर बात भी नहीं हो रही है।
दोस्तों लाडली लक्ष्मी आत्महत्या करे ,,या लाड़ली बहन थाने में बेरहमी से पीटी जाए। किसी को क्या फर्क पड़ता है ,,और सरकार…! वह तो “रुपयों की चादर” से सब कुछ ढकने की कोशिश कर ही रही है। ,,आपकी इस पर क्या राय है ,,हमे कमेन्ट कर जरूर बताएँ

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

Back to top button