Sharda Program: UP में ड्रॉपआउट बच्चों को वापस स्कूल लाएगी सरकार,जानिए- क्या है प्लान
उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शनिवार को स्कूल चलो अभियान शुरू करने के अलावा ड्रॉपआउट छात्रों (Sharda Program) को खोजने और फिर से प्रवेश देने की मुहिम शुरू कर दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से शुरू किए गए शारदा कार्यक्रम के तहत इन्हें फिर से स्कूल वापस लाने की तैयारी है.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009
विशेष रूप से, बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत एक प्रावधान है कि 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे जो स्कूल से बाहर हैं, उनकी पहचान की जानी चाहिए. इसके बाद उनकी उम्र के हिसाब से उनके उपयुक्त कक्षाओं और विशेष प्रशिक्षण में नामांकित किया जाना चाहिए. शारदा कार्यक्रम में उन बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
विजय किरण आनंद ने कहा
दोस्तों इस प्रावधान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए समय-समय पर जिलाधिकारी के निर्देशन में ‘शारदा’ कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शारदा कार्यक्रम के तहत स्कूल न जाने वाले सभी बच्चों के दोबारा दाखिले का प्रावधान है. इसके लिए दो श्रेणियां हैं, पहली जिसमें वे बच्चे जिनका कभी स्कूल में नामांकन नहीं हुआ और दूसरे वे बच्चे जिनका पहले स्कूल में दाखिला हुआ था लेकिन किसी कारणवश बिना शिक्षा पूरी किए स्कूल छोड़ दिया यानी बीच में ही छोड़ दिया.
घरेलू सर्वेक्षण करेंगे
निर्देश में कहा गया है कि स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षामित्र, प्रशिक्षक और प्रत्येक बीटीसी प्रशिक्षु स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान करने और उनकी उम्र के लिए उपयुक्त कक्षाओं में उनका नामांकन करने के लिए एक घरेलू सर्वेक्षण करेंगे. यह अभियान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में दो चरणों में चलाया जाएगा.
प्रथम चरण में 1 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023
प्रथम चरण में 1 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023 तक आयु के अनुरूप बच्चों की पहचान कर उनका नामांकन किया जाएगा. फिर दूसरे चरण में ईंट भट्ठा खदानों एवं मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों के बच्चों की पहचान एवं नामांकन किया जाएगा. आयु-उपयुक्त कक्षाएं 1 जुलाई, 2023 से 31 जुलाई, 2023 तक की जाएंगी. इसके अलावा, चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड वर्ग के बच्चों की पहचान भी साथ-साथ की जाएगी, जिसके बाद आयु-उपयुक्त कक्षाओं में उनका नामांकन होगा.
दूसरा मूल्यांकन अक्टूबर में
पलायन करने वाले बच्चों को प्रवास प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा ताकि बच्चे का नामांकन स्थान के नजदीक के विद्यालय में कराया जा सके. निर्देश के अनुसार कक्षा 2 से 8 तक के विशेष प्रशिक्षण में नामांकित सभी स्कूल न जाने वाले बच्चों का प्रथम मूल्यांकन यानि (बेसलाइन असेसमेंट) 15 दिन की पहचान के बाद शारदा एप के माध्यम से होगा. दूसरा मूल्यांकन अक्टूबर में, तीसरा मूल्यांकन जनवरी में और चौथा मूल्यांकन मार्च में किया जाएगा. मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर नामांकित स्कूल से बाहर के बच्चों की शिक्षा के लिए नोडल शिक्षक द्वारा शिक्षण योजना तैयार की जाएगी