दिल्ली (Delhi) समेत सभी 23 एम्स (AIIMS) का नाम स्थानीय नायकों (local heroes) , क्षेत्र के स्वतंत्रता (Freedom Fighters) संग्राम सेनानियों, क्षेत्र की ऐतिहासिक घटनाओं (historical events) , स्मारकों या उनकी विशिष्ट भौगोलिक पहचान के आधार पर रखे जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा इस मामले में सुझाव मांगे जाने के बाद (All India Institute of Medical Sciences) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने अधिकांश नामों की सूची सौंप दी है।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana)
एजेंसी के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में कुछ एम्स ऐसे हैं जो कि संचालित हो रहे हैं, जबकि अन्य (Prime Minister’s Health Protection Scheme) प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत स्थापित किए जा रहे हैं। ये सभी या तो अपने सामान्य नाम से जाने जाते हैं या फिर उस स्थान विशेष के नाम से संबोधित किए जाते हैं। लिहाजा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी 23 एम्स को विशिष्ट नाम देने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें दिल्ली समेत सभी 23 एम्स को शामिल किया गया है।
एम्स ने तीन से चार नामों का सुझाव सौंपा
जानकारी के मुताबिक विभिन्न एम्स को खास नाम देने के लिए सुझाव मांगे गए थे। इसमें कहा गया था कि एम्स को स्थानीय या क्षेत्रीय नायकों, स्वतंत्रता सेनानियों, उस क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक पहचान और क्षेत्र की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं या स्मारकों से जोड़ा जा सकता है। इन 23 में से अधिकांश एम्स ने नामों की सूची सौंप दी है। इतना ही नहीं, एम्स ने तीन से चार नामों का सुझाव सौंपा है।
PMSSY के पहले चरण में मंजूरी
छह नए एम्स बिहार (पटना), छत्तीसगढ़ (रायपुर), मध्य प्रदेश (भोपाल), ओडिशा (भुवनेश्वर), राजस्थान (जोधपुर) और उत्तराखंड (ऋषिकेश) को पीएमएसएसवाई (Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana) के पहले चरण में मंजूरी दी गई थी। 2015 और 2022 के बीच स्थापित किए गए 16 एम्स में से 10 संस्थानों में MBBS और आउट पेशेंट विभाग की सेवाएं शुरू की गई हैं, जबकि अन्य 2 में केवल MBBS की क्लास शुरू की गई हैं। शेष 4 संस्थानों को तैयार किया जा रहा है।